नई दिल्ली: 24 साल पहले बोनी कपूर ने श्रीदेवी को एक ऐसा सरप्राइज दिया था जिससे दोनों की जिंदगी हमेशा के लिए बदल गई और अब ठीक इतने साल बाद एक बार फिर एक ऐसा ही सरप्राइज बोनी कपूर और श्रीदेवी की जिंदगी को हमेशा के लिए बदल के चला गया. फर्क सिर्फ इतना था कि इस बार ये सरप्राइज एक ऐसे तूफान की शक्ल में आया जिसने श्रीदेवी और बोनी कपूर की उस छोटी सी प्रेम कहानी में उम्रभर की जुदाई देकर चला गया.

ट्रेड एनालिस्ट कोमल नाहटा ने अपने ब्लॉग में बोनी कपूर से श्रीदेवी की मौत के बाद हुई बातचीत के कुछ अंश साझा किए हैं. कोमल लिखते हैं, ''बोनी कपूर 24 साल पहले श्रीदेवी को सरप्राइज देने के लिए अचानक बेंगलुरु पहुंच गए थे. उस वक्त श्रीदेवी और अनिल कपूर बेंगलुरु में फिल्म 'मिस्टर बेचारा' की शूटिंग कर रहे थे. श्रीदेवी से रात भर बात करते-करते न जाने बोनी को क्या सूझा कि वो चल पड़े श्रीदेवी को सरप्राइज देने के लिए. उस रात दोनों ने बहुत वक्त तक फोन पर बात की श्रीदेवी के आग्रह करने पर बोनी फोन रखने के लिए तैयार हो गए और वो सोने चली गई. इसी बीच बोनी ने रात में ही बेंगलुरु के लिए फ्लाइट ली और पहुंच गए होटल ताज वेस्टेंड में जहां श्रीदेवी, अनिल कपूर और फिल्म का बाकी क्रू ठहरा हुआ था. उस वक्त किसी को इस बात की भनक भी नहीं थी कि वो श्रीदेवी से मिलने पहुंचे बल्कि सबको यही लगा था कि शायद वो अपने भाई अनिल कपूर की वजह से वहां आए हैं. ''



अब 24 साल बाद बोनी कपूर एक बार फिर श्रीदेवी को ऐसा ही सरप्राइज देना चाहते थे और इसलिए वो मुंबई से वापस अपनी पत्नी श्रीदेवी के पास दुबई पहुंचे थे. कोमल लिखते हैं, 'श्रीदेवी बेटी जाह्नवी के लिए कुछ शॉपिंग करना चाहती थी और इसीलिए भांजे मोहित मारवाह की शादी के बाद भी दुबई में रुकी हुई थी. श्रीदेवी ने अपने फोन में शॉपिंग की सारी लिस्ट रखी हुई थी. बोनी कपूर को 22 फरवरी को लखनउ में एक मीटिंग के लिए आना था और वो इसलिए मुंबई लौट आए थे.  हालांकि श्रीदेवी के दुबई में अकेला रहने से बेटी जाह्नवी भी उनके लिए फिक्रमंद थी क्योंकि उन्हें अकेले रहने की आदत नहीं थी. बोनी बीते वक्त को याद करते हुए बताते हैं कि ऐसा सिर्फ दो बार हुआ जब श्रीदेवी विदेश में अकेली रही हों उस दौरान भी भले ही कोई परिवार का सदस्य उनके साथ नहीं था लेकिन मेरे दोस्त की पत्नी उनके साथ थी. बोनी बताते हैं, शादी में इतना ज्यादा इंजॉय करने के बाद श्रीदेवी बहुत थकीं हुई थी और 22 और 23 फरवरी को उन्होंने अपने रूम में आराम किया और कुछ दोस्तों के वक्त बिताया, थोड़ी चैटिंग की. लेजीनेस का आलम ये था कि उन्होंने बोनी कपूर को भारत लौटने की टिकट्स भी बदलवा दिए थे. ' 


''24 फरवरी की सुबह मैंने श्रीदेवी से बात की थी. तब उन्होंने मुझे कहा था पापा (श्रीदेवी बोनी कपूर ऐसे ही बुलाया करती थी) मैं आपको बहुत मिस कर रही हूं. मैंने भी उन्हें कहा था कि मैं भी उन्हें बहुत याद कर रहा हूं. लेकिन मैंने उस वक्त उन्हें ये नहीं बताया था कि मैं आज शाम ही उनसे मिलने वाला हूं. जाह्नवी ने भी मुझे कहा था कि उनके अकेला होने से वो परेशान है क्योंकि उन्हें अकेला रहने की आदत नहीं है और वो अक्सर अकेले में अपनी जरूरी चीजें गुम कर देती हैं. ऐसा पहली बार था जब श्रीदेवी विदेशी जमीन पर दो दिन तक अकेली थी.''

कुछ ऐसी थी कयामत की वो शाम

कोमल नाहटा ने बोनी कपूर से हुई अपनी बातचीत के आधार पर उस शाम की कहानी बताई है. शाम करीब 3.30 बजे बोनी कपूर ने दुबई के लिए फ्लाइट ली. श्रीदेवी ने बोनी कपूर को फोन किया था उस वक्त वो मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लॉन्ज एरिया में बैठे हुए थे. बोनी श्रीदेवी को सरप्राइज देना चाहते थे इसलिए वो उन्होंने अपनी जान (श्रीदेवी) को कहा कि वो कुछ देर बिजी रहेंगे और हो सकता है कि उनका फोन भी ऑफ हो तो परेशान न हों. उन्होंने श्रीदेवी को प्रॉमिस किया कि वो फ्री होते ही उन्हें फोन करेंगे.  शाम को करीब 6 बजकर 20 मिनट (दुबई के समय के हिसाब से) पर वो दुबई पहुंचे. उसके बाद वो होटल पहुंचे और वहां चैकइन किया, रूम की डुप्लीकेट चाबी भी ली और होटल स्टाफ को सामान जरा देर से होटल में पहुंचाने के लिए कहा... लेकिन श्रीदेवी ने कहा कि उन्हें अंदेशा था कि मैं दुबई आने वाला हूं. उसके बाद दोनों ने एक दूसरे के साथ आधे घंटे तक बातें की.



बोनी ने श्रीदेवी से कहा कि वो शॉपिंग का प्रोग्राम आगे बढ़ा दें. बोनी ने श्रीदेवी से कहीं रोमांटिक डिनर पर चलने की बात कही और श्रीदेवी को तैयार होने के लिए कहा...इसके बाद श्रीदेवी नहाने के लिए मास्टर बाथरूम में चलीं गई. बोनी ने बताया ''मैं लिविंग रूम में आ गया और श्रीदेवी नहाने चली गई.'' इसके बाद बोनी ने टीवी देखना शुरु किया कुछ चैनल बदलने के बाद उन्होंने कुछ देर साउथ अफ्रीका और भारत का मैच देखा. इसके बाद पाकिस्तान सुपरलीग के मैच की हाइलाइट्स देखी लेकिन थोड़ी ही देर में उन्हें जल्दी होने लगी क्योंकि उस दिन शनिवार था उन्हें अंदाजा था की रेस्ट्रां में उन्हें भीड़ मिलेगी.



इस वक्त करीब शाम के 8 बजे होंगे. जल्दी के चलते बोनी के सब्र टूटा और उन्होंने लिविंग रूम से दो बार आवाज दी. टीवी की आवाज कम भी की लेकिन कोई जवाब नहीं आया. इसके बाद वो बेडरूम में गए उन्हें पानी की आवाज आ रही थी. फिर बोनी ने आवाज लगाई ''जान, जान''.. लेकिन कोई जवाब नहीं आया जो कि अजीब था. बोनी ने बाथरूम का दरवाजा खोला जो अंदर से बंद नहीं किया गया था. बाथटब पूरी तरह पानी से भरा हुआ था और श्रीदेवी पूरी तरह उसमें डूबी हुई थी. बोनी ने जो देखा वो उसके लिए बिल्कुल तैयार नहीं थे और न हीं उस पर यकीन कर पा रहे थे.


बेसुद हो चुकी श्रीदेवी को देखकर बोनी ने जो महसूस किया होगा उसका अंजादा लगाना बेहद मुश्किल है. बोनी की दुनिया लुट चुकी थी.. श्रीदेवी पानी में डूबी हुई थी. श्रीदेवी के ही साथ बोनी भी दर्द में डूब चुके थे. उनकी दुनिया तहस-नहस हो चुकी थी. दो घंटे पहले बोनी जो सरप्राइज श्रीदेवी को देने पहुंचे थे वो अचानक एक बुरे सपने में बदल चुका था. श्रीदेवी जो कि डिनर के लिए तैयार होने गई थी हालातों ने कुछ ऐसे पलटी मारी की उनकी ये तैयारी उनकी अंतिम यात्रा में तब्दील हो गई....




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