एक और पड़ोसी ने कहा, 'हम लोग हर रोज़ साथ में वॉक करते थे. वो बिल्कुल स्वस्थ थी. लेकिन ज़िंदगी का कुछ नहीं पता. वो दुनिया की चांदनी हैं और उन्हें कोई नहीं भूल पाएगा. श्रीदेवी उन चुनिंदा लोगों में से हैं जिन्हें हमेशा याद किया जाएगा.'
ग्रीन एकर्स अपार्टमेंट में श्रीदेवी के साथ रहने वाली महिला ने बताया कि श्रीदेवी बिल्कुल ज़मीन से जुड़ी हुई महिला थीं. जिनमें बिल्कुल भी स्टारडम नहीं था.
इसके अलावा ग्रीन एकर्स में रहने वाली एक और पड़ोसी महिला ने भावुक होते हुए कहा बताया कि 'उन्हें देखकर बस यही लग रहा था कि वो अभी बोलेंगी, उनका मुंह बहुत छोटा हो गया है.'
इनके अलावा ग्रीन एकर्स में काम करने वाले और साउथ के रहने वाले एक शख्स ने दर्शन करने के बाद बताया, 'यकीन नहीं हो पा रहा था कि ये वो ही हैं, उन्हें देखकर सदमा लगा.'
बता दें कि श्रीदेवी का शनिवार की रात को दुबई के एक होटल में निधन हो गया था. ये अभिनेत्री वहां फैमिली वेडिंग में शामिल होने गई थीं. उनकी मौत की खबर सुनकर फैंस सहित पूरा बॉलीवुड गम में डूबा हुआ है.
श्रीदेवी ने अपने करियर की शुरुआत वर्ष 1979 में फिल्म ‘सोलवां सावन’ से की थी. लेकिन उन्हें बॉलीवुड में पहचान फिल्म ‘हिम्मतवाला’ से मिली. इस फिल्म के बाद वह हिंदी सिनेमा की सुपरस्टार अभिनेत्रियों में शुमार हो गईं. उन्होंने ‘जैसे को तैसा’, ‘जूली’, ‘जस्टिस चौधरी’, ‘जानी दोस्त’, ‘कलाकार’, ‘सदमा’, ‘अक्लमंद’, ‘इन्कलाब’, ‘जाग उठा इंसान’, ‘नया कदम’, ‘मकसद’, ‘तोहफा’, ‘बलिदान’, ‘मास्टर जी’, ‘सरफरोश’,’आखिरी रास्ता’, ‘भगवान दादा’, ‘धर्म अधिकारी’, ‘घर संसार’, ‘नगीना’, ‘कर्मा’, ‘सुहागन’, ‘सल्तनत’, ‘औलाद’, ‘हिम्मत और मेहनत’, ‘नजराना’, ‘जवाब हम देंगे’, ‘मिस्टर इंडिया’, ‘शेरनी’, ‘सोने पे सुहागा’, ‘चांदनी’, ‘गुरु’, ‘निगाहें’, ‘बंजारन’, ‘फरिश्ते’, ‘पत्थर के इंसान’, ‘लम्हे’, ‘खुदा गवाह’, ‘हीर रांझा’, ‘चंद्रमुखी’, ‘गुमराह’, ‘रूप की रानी चोरों का राजा’, ‘चांद का टुकड़ा’, ‘लाडला’, ‘आर्मी’, ‘मि. बेचारा’, ‘कौन सच्चा कौन झूठा’, ‘जुदाई’, ‘मिस्टर इंडिया 2’ जैसी फिल्मों में काम किया.