नई दिल्ली: 'खेलते-खेलते एक तितली ना जानें कहां खो गई, एक नन्ही किरण क्यों अंधेरे में यूं सो गई...सबकी आंखों में फरियाद है, सबके दिल में तेरी याद है...तू नहीं है तेरी प्रीत है, ज़िन्दगी की यही रीत है.'


साल 1987 में फिल्म मिस्टर इंडिया में किशोर कुमार की आवाज़ में फिल्माया गया ये गीत आज 31 साल बाद बिल्कुल सटीक बैठता है. हिन्दुस्तान के सिनेमा के चाहने वालों के दिलों में अपनी एक अलग जगह बनाने वाली श्रीदेवी आज हमारे बीच नहीं हैं. लेकिन फिल्म मिस्टर इंडिया में अनिल कपूर और अमरीश पुरी जैसे दिग्गज कलाकारों के बीच उन्होंने 'सीमा' का एक ऐसा किरदार निभाया. जिसे आज तक सिनेमाई फैंस याद करते हैं.

सुभाष कपूर के निर्देशन में बनी फिल्म मिस्टर इंडिया ने साल 1987 में तमाम रिकॉर्ड्स तोड़ दिए और उस साल कमाई के मामले में सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म भी बनी.

आइये जानें मिस्टर इंडिया में कैसे श्री देवी ने छोड़ी अपनी छाप:

फिल्म मिस्टर इंडिया में लीड एक्टर अनिल कपूर का ऐसा किरदार था, जिसके आगे-पीछे किसी और अदाकार के लिए फिल्म में कोई स्पेस नहीं था. बाकी बचा हुआ हिस्सा भारतीय सिनेमा के दिग्गज अमरीश पुरी के खाते में चला गया. लेकिन फिर भी फिल्म में एक बुद्धू क्राइम जर्नलिस्ट का किरदार निभा रही सीमा(श्री देवी) ने इस फिल्म में वो कर दिखाया जो शायद हर अभिनेत्री के बस में नहीं था.

फिल्म में अनिल कपूर के मिस्टर इंडिया के किरदार को जमकर सराहना मिली. अमरीश पुरी ने तो मौगेंबो के खलनायक वाले किरदार को जिंदा ही कर दिया. जिसे आज भी लोग याद करते हैं. लेकिन श्री देवी ने इस फिल्म में अपनी अदाकारी का ऐसा नमूना पेश किया. जिसके फैंस आज भी कायल हैं.

मिस हवा हवाई: फिल्म में एक सीन होता है, जहां पर श्री देवी स्मगलर्स के बीच एक खबर निकालने जाती है. जहां पर वो एक मशहूर डांसर-सिंगर मिस हवा-हवाई के रूप लेकर पहुंचती है. इस मौके पर उनकी अदाकारी शानदार रही. साथ ही उन्होंने इस सिचुएशन में फिल्माया गए गाने मैं ख्वाबों की शहज़ादी, मैं हूं हर दिल पर छाई से पूरे देश में सनसनी फैला दी.

श्री देवी ने इस खूबसूरत ट्रेक पर ऐसा शानदार प्रदर्शन किया जो कि सुपरहिट हो गया.

चार्ली चैपलिन: जी हां, ये बात किसी और फिल्म की नहीं बल्कि मिस्टर इंडिया की ही हो रही है. इस फिल्म में एक सीन में श्री देवी जुआरियों के अड्डे पर जाती है जहां से उसे किसी गरीब की कमाई का हिस्सा लेकर आना है. जिसे इस इलाके के गुंडे ले गए हैं. यहां पर श्री देवी चार्ली चैपलिन के किरदार में जाती हैं और जुआरियों के बीच से पैसे लेकर आती हैं. इस सीन को बिल्कुल चार्ली चैपलिन के किरदार जैसा ही कॉमेडी बनाया गया है और श्री देवी इस रूप में भी दर्शकों को खूब पसंद आईं.



इन किरदारों के बाद मिली जमकर तारीफ:
उस समय टाइम्स ऑफ इंडिया ने श्री देवी के चार्ली चैप्लिन वाले किरदार को उनका सबसे ज्यादा 'मज़ेदार किरदार' भी करार दिया था.

उस दौर में फिल्म की कामयाबी और श्री देवी के प्रदर्शन के बाद लोगों ने यहां तक कहा कि फिल्म का नाम 'मिस इंडिया' होना चाहिए थे. रेडिफ ने इस फिल्म को देश की सबसे प्रतिष्ठित फिल्मों में से एक भी बताया. इतना ही नहीं हिन्दुस्तान टाइम्स ने इस फिल्म को भारतीय इतिहास की 10 सबसे बड़ी देशभक्ति फिल्मों की लिस्ट में जगह दी.

रेडिफ ने उस दौर में लिखा, 'श्री देवी इस फिल्म में कम्पलीट शो स्टीलर रही. उन्होंने श्री देवी को सुपर सिक्स कॉमिक हीरोइन्स की लिस्ट में भी रखा और कहा, 'मिस्टर इंडिया में उनके चेहरे के एक्सप्रेशन्स देखने के बाद मशहूर कॉमेडियन जिम कैरी भी रात भर सो नहीं सकेंगे.'

इस फिल्म के गाने 'कांटे नहीं कटते ये दिन ये रातट' को इस दौर का सबसे सेक्सिएस्ट बारिश का गीत बताया गया. जिसमें नीले रंग की साड़ी में श्री देवी ने पर्दे पर आग लगा दी. आईडीवा ने इस गाने को अद्वितीय करार दिया. जो कि आज भी दर्शकों की ज़ुबान पर चढ़ा हुआ है. रेडिफ ने इस गाने को टॉप 25 साड़ी मोमेंट्स में भी जगह दी.

इंडिया टाइम्स मोवीज़ ने इस फिल्म को भारतीय सिनेमा के इतिहास की 25 देखी जाने वाली फिल्मों की लिस्ट में रखा.

इस फिल्म को मिले पुरस्कार:
साल 1987-1988 में कोई भी अवार्ड सेरेमनी नहीं रखी गई. जिसके 25 साल बाद, साल 2013 में मिस्टर इंडिया में उनके शानदार प्रदर्शन के लिए फिल्मफेयर स्पेशल अवार्ड से नवाज़ा गया.

इस फिल्म के गानों भी हुए लोकप्रीय:
लक्ष्मीकांत प्यारेलाल का संगीत, जावेद अख्तर के बोल और किशोर कुमार के गानों ने इस फिल्म को और भी ज़िंदा कर दिया. इस फिल्म के गाने आज भी फैंस की ज़ुबान पर चढ़े हुए हैं. फिल्म के गाने 'हवा हवाई, ज़िंदगी की यही रीत है, कांटे नहीं कटते दिन ये रात...' सबसे ज्यादा लोकप्रिय हुए.



कुल मिलाकर फिल्म मिस्टर इंडिया श्री देवी के करियर में सबसे बड़ी फिल्मों में से एक रहीं. जिसमें अनिल कपूर और अमरीश पुरी जैसे दिग्गज़ों के बीच श्री देवी ने अपनी किरदारप को जीवंत कर दिया.