नई दिल्ली:  बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान और अनुष्का शर्मा ने एनजीओ मिजवान वेलफेयर सोसायटी के लिए रैंपवॉक किया. बता दें कि इन दोनों सितारों ने इस एनजीओ से जुड़ी महिला बुनकरों व कारीगरों द्वारा तैयार परिधान पहनकर रैंपवॉक किया.



शाहरूख खान यहां पर शेरवानी में नजर आए तो वहीं अनुष्का शर्मा ने White लहंगे में खूबसूरत लग रही थीं.



बता दें कि इस फाउंडेशन को मशहूर अभिनेत्री शबाना आजमी के पिता व दिवंगत शायर कैफी आजमी ने शुरू किया था. 40 कारीगरों से शुरू हुआ फाउंडेशन अब 300 कारीगरों को रोजगार दे रहा है.


इस फाउंडेशन की देखरेख अब शबाना और उनकी गोद ली हुई बेटी नम्रता गोयल करती हैं. कारीगरों के काम को सराहने व जश्न माने के लिए हर साल एक फैशन शो का आयोजन भी किया जाता है.



आपको बता दें कि मनीष मल्होत्रा को इस एनजीओ के साथ जुड़े हुए छह साल हो गए हैं. डिजाइनर का कहना है कि कारीगरों व बुनकरों को साल भर काम मुहैया कराने पर उन्हें गर्व महसूस होता है. मल्होत्रा ने अपने बयान में कहा, 'मुझे पूरे साल बुनकरों के लिए लगातार काम मुहैया कराने पर गर्व है. वे अपने कपड़ों पर काम करते हैं और फिर उसमें संशोधन और कपड़े पर कढ़ाई द्वारा खूबसूरत बनाने के लिए डिजाइनर के पास भेज देते हैं.'


रैंपवॉक के बाद शाहरूख खान ने ट्वीट करके शबाना आजमी को धन्यवाद दिया और लिखा कि महिलाओं की समानता के लिए आयोजित इस शो का हिस्सा बनकर वो बहुत खुश हैं.


 


शो खत्म होने के बाद मनीष मल्होत्रा ने भी ट्विटर के जरिए अनुष्का और शाहरूख दोनों को धन्यवाद दिया.

 



शबाना आजमी इस मौके पर बहुत खुश नजर आईं. उन्होंने इस शो से पहले कहा था, 'हमारा यह सौभाग्य रहा कि अमिताभ बच्चन से लेकर सिद्धार्थ मल्होत्रा तक हमारे लिए रैंपवॉक कर चुके हैं, सिर्फ शाहरुख ने हमारे लिए रैंपवॉक नहीं किया था. मिजवान के लिए रैंपवॉक करने के लिए तैयार होने पर मैं उनकी बहुत शुक्रगुजार हूं.. अनुष्का शर्मा को मैं मिजवान परिवार का हिस्सा मानती हूं.'



बता दें कि अनुष्का इससे पहले भी मिजवान के लिए रैंपवॉक कर चुकी हैं और अनुष्का महिलाओं और बच्चियों के सशक्तीकरण से जुड़े कामों के प्रति समर्पित हैं.  शबाना ने बताया कि गांव के लोग यह सोचकर बेहद खुश हैं कि शाहरुख उनके बनाए परिधान को पहनकर रैंपवॉक कर रहे हैं.



उत्तर प्रदेश के एक गांव मिजवान के नाम पर एनजीओ मिजवान वेलफेयर सोसायटी का नाम रखा गया है. इसकी स्थापना शबाना के दिवंगत पिता व मशहूर शायर कैफी आजमी ने की थी, उन्होंने चिकनकारी कढ़ाई को बढ़ावा देने और महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के मकसद से इस एनजीओ की स्थापना की थी.