मुंबई: अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में अब तक हत्या का कोई सबूत ना मिलने के कारण CBI की जांच का फोकस इस दिशा में घूम गया है. साथ ही सीबीआई ने रिया चक्रवर्ती मामले में दर्ज एफआईआर के मामले में नामजद आरोपियो से फिर पूछताछ का निर्णय लिया है. अब तक 6 ऐसे तथ्य मिले हैं, जिनसे सुशांत की मौत को सीबीआई आत्महत्या की थ्यौरी मान रही है. हालांकि, इस पर अधिकारिक मुहर लगना बाकी है. अब तक की जांच मे ED के हाथ भी खाली हैं और जांच एजेंसियो का मानना है कि एनसीबी की तरफ से रिया की गिरफ्तारी का सुशांत की मौत से कोई लेना देना नहीं है.
सीबीआई सुशांत केस में शुरुआत से ही इस दिशा मे जांच कर रही थी कि यह हत्या है या आत्महत्या. इस मामले की तह तक जाने के लिए सीबीआई ने घटनास्थल का फोरेसिंक निरीक्षण भी कराया और सुशांत की मौत का डमी टेस्ट भी. इसके साथ ही सीबीआई ने इस मामले में पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टरों समेत सुशांत के आसपास रहने वाले सभी किराएदारों से भी लगातार कई दिन तक गहन पूछताछ की.
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, मामले की अब तक की जांच के दौरान ऐसा कोई तथ्य नहीं मिला है, जिससे यह साबित होता हो कि सुशांत की हत्या की गई. लेकिन एक बात जरूर सामने आई है कि सुशांत परिवार और रिया इन दो पाटों के बीच पिस रहा था. बयानों से यह भी साफ हुआ कि परिवार रिया को चाहता नहीं था और रिया लगातार सुशांत के साथ थी. ऐसे में इस ऐंगल से भी जांच की जा रही है कि कहीं सुशांत की जान पारिवारिक कलह की वजह से तो नहीं गई.
सूत्रों ने बताया कि इस मामले में अब तक जितने भी वाट्सएप मैसेज सामने आए हैं, उनसे भी यही पता चल रहा है कि परिवार और रिया को लेकर सुशांत पर दवाब रहा होगा. क्योंकि दोनों पाटो के बीच खुलेआम आपसी झगड़ा भी हुआ और दोनों ही पक्षों ने खुद को पाक साफ बताते हुए सुशांत पर ही दवाब बनाने की कोशिश की होगी.
सूत्रो के मुताबिक सीबीआई अधिकारियों को अब तक की जांच के दौरान 6 ऐसे तथ्य मिले हैं, जिनसे यह मामला पूरी तरह से आत्महत्या की तरफ जाता दिखाई दे रहा है. सूत्रों के मुताबिक अब तक की जांच के मुताबिक ये 6 तथ्य हैं.
1- सुशांत के गले को रस्सी डाल कर आगे से पीछे की तरफ नहीं खींचा गया.
2- सुशांत की गर्दन और आंख में खून नहीं जमा था.
3- शरीर का खून लटके रहने की वजह से नीचे आय़ा था.
4- सुशांत को हैमरेज नहीं हुआ था.
5- उस के सिर पर या गले पर किसी डंडे आदि से वार नहीं किया गया था.
6- पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टरों के पैनल ने एकमत में इसे आत्महत्या करार दिया.
कानून के जानकारों का मानना है कि ऐसे मामलों में जांच एजेंसियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक इस मामले मे मामला दर्ज करने के फौरन बाद ही सीबीआई ने अपनी जांच का पूरा खाका तैयार कर लिया था और खाके के पहले खाने में था हत्या या आत्महत्या.
सूत्रों ने बताया कि अब इस खाके में मौजूद अन्य पहलूओं की जांच की जा रही है. सीबीआई ने जांच का जो खाका खींचा था, उसमें शामिल था कि सुशांत की मौत आत्महत्या या हत्या. अगर हत्या तो किसे फायदा और किसने की या कराई. अगर आत्महत्या तो इसके लिए क्या रिया जिम्मेदार. क्या सुशांत के खातो से धोखाधडी कर रकमें निकाली गई. क्या रिया या उसके परिवार ने सुशांत से 15 करोड़ रुपये लिए.
सूत्रों ने बताया कि सीबीआई इस मामले में अब रिया की एफआईआर के आधार पर भी अपनी जांच और पूछताछ करेगी. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह स्पष्ट तौर पर कहा था कि इस मामले में भविष्य मे जितने भी मुकदमे दर्ज होंगे, सबकी जांच सीबीआई ही करेगी. सूत्रों के मुताबिक ऐसे में आगे की पूछताछ में सुशांत के जो परिजन सीबीआई के सामने पेश होंगे, वो गवाह के तौर पर नहीं बल्कि आरोपी के तौर पर होंगे और उनसे पूछताछ भी उसी तरीके से की जायेगी.
कानूनी जानकारों का भी मानना है कि धारा 306 की जांच दायरा बड़ा हो सकता है और परिवार भी इस दायरे में आ सकता है. सुशांत सिंह मौत मामले मे ईडी को अभी तक ऐसा कोई सबूत हाथ नहीं लगा है, जिससे यह साबित होता हो कि 15 करोड रुपये रिया या उसके परिजनो के खाते में गए और मनी लांड्रिग हुई जबकि एनसीबी ड्रग के मामले में रिया की गिरफ्तारी की बाबत जांच एजेंसी का मानना है कि उसका सुशांत की मौत से कोई लेना देना नहीं है. हालांकि जांच के मामले में सीबीआई अधिकारिक तौर पर कुछ भी बोलने से मना कर रही है, लेकिन सूत्रों का दावा है कि मुंबई से जांच टीम दिल्ली वापसी के बाद सीबीआई इस मामले में अधिकारिक बयान जारी कर सकती है.