सुशांत सिंह राजपूत केस में एफआआई रजिस्टर करने के बाद, सीबीआई ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में एक आवेदन दायर किया जिसमें पटना एफआईआर को मुंबई में स्थानांतरित करने के लिए रिया चक्रवर्ती की याचिका में पक्षकार बनने की मांग की गई. सुप्रीम कोर्ट ने इस पर विचार करने के लिए कहा है और  इस मामले में अब 11 अगस्त को सुनवाई होगी.


इसके साथ ही मुख्य न्यायाधीश एसए बोबड़े की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने सुशांत की मौत की जांच की मांग वाली एक जनहित याचिका को भी खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया कि किसी अंजान या संबंधित व्यक्ति के पास इसमें हस्तक्षेप करने का अधिकार नहीं है. परिवार के लोग इसकी जांच करवा रह हैं.


वहीं, बिहार पुलिस ने पीठ से कहा कि मुंबई पुलिस सुशांत सिंह राजपूत केस में बिल्कुल भी सहयोग नहीं किया और कई तरह की बाधाएं पहुंचाईं. हालांकि विशेष टीम ने पीठ के सामने कहा कि सुशांत सिंह राजपूत के बैंक अकाउंट से पैसे निकालने की पुष्टि हुई है. सुशांत के पिता ने भी पटना में दर्ज एफआईआर में यही कहा था.


बिहार पुलिस की दलील


रिया चक्रवर्ती की एफआईआर स्थांनांतरित याचिका पर सुनवाई के दौरान बिहार पुलिस के स्थायी वकील केशव मोहन और वकील संतोष कुमार ने कोर्ट को बताया कि सुशांत के पिता ने आरोप लगाया था कि रिया और उसके परिवार ने सुशांत से संपर्क किया, जिसका मकसद सिर्फ उससे पास से करोड़ो रुपए हड़पना और आत्महत्या के लिए उकसाना था.


ट्रांसफर किए गए 15 करोड़ रुपए


एसएसपी उप्रेंद्र शर्मा ने कोर्ट को बताया,"एसआईटी के सदस्यों ने जांच के दौरान पाया कि सुशांत सिंह के कोटेक बैंक अकाउंट से पुष्टि होती है कि एफआईआर में पैसे हड़पने का जो आरोप याचिकाकर्ता और अन्य आरोपित लोगों पर लगा है वह सही है." बिहार पुलिस ने कहा कि सुशांत सिंह राजपूत के पिता का कहना था कि सुशांत के कोटेक बैंक अकाउंट में 17 करोड़ रुपए थे, जिसमें से 15 करोड़ रुपए उन लोगों के अकाउंट में ट्रांसफर किए जिनका सुशांत से कोई संबंध नहीं थी. बिहार पुलिस ने इसके अलावा पटना एसपी विनय तिवारी को बीएमसी द्वारा जबरन क्वारंटीन करने वाली बात को सुप्रीम कोर्ट में बताया.


सुशांत सिंह राजपूत केस: ED आज करेगी सुशांत के फ्लैटमेट रहे सिद्धार्थ पिठानी से पूछताछ