Subhash Chandra Bose Birth Anniversary 2023: देश 23 जनवरी यानी आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 126वीं जयंती मना रहा है. सबसे बहादुर देशभक्तों में से एक, बोस ने भारत को ब्रिटिश शासन से छुटकारा दिलाने के लिए भारतीय राष्ट्रीय सेना (आईएनए) बनाई थी. 18 अगस्त, 1945 को एक विमान दुर्घटना में बोस की मौत की घोषणा की गई थी. हालांकि, कई लोगों ने इस पर विश्वास नहीं किया क्योंकि उनकी अस्थियों का कोई डीएनए टेस्ट नहीं किया गया था.


वहीं फायरब्रांड नेता सुभास चंद्र बोस का असाधारण जीवन बहुत उत्सुकता जगाता है और कई फिल्म मेकर्स ने उनकी लाइफ को सेल्युलाइड पर उतार कर उनकी विचारधारा और तरीकों से आज की जनरेशन को रूबरू कराने की भी कोशिश की है. चलिए जानते है बोस पर बड़े पर्दे और छोटे पर्दे कौन-कौन सी फिल्में और वेबसीरीज बन चुकी हैं.


सुभाष चंद्र (1966)
1966 में आई फिल्म ‘सुभाष चंद्र’ हमें बोस के आदर्शों और भारत की आजादी के लिए लड़ने के लिए तैयार एक उग्र राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में दिखाती है. यह बोस के बचपन, उनके कॉलेज के सालों और भारतीय सिविल सेवा परीक्षा के साथ उनके अनुभव की कहानी भी बयां करती है. इस फिल्म का निर्देशन पीयूष बोस ने किया था, जिसमें समर कुमार ने बोस की भूमिका निभाई थी.




नेताजी सुभाष चंद्र बोस: द फॉरगॉटन हीरो (2004)
फिल्म मेकर श्याम बंगाल ने 2004 में आई फिल्म ‘नेताजी सुभाष चंद्र बोस: द फॉरगॉटन हीरो’ के जरिये बोस के हाउस अरेस्ट से बचने, भारत छोड़ने और INA (आजाद हिंद फौज) के गठन पर फोकस किया था. इसके बाद यह भारत को ब्रिटिश शासन से मुक्त कराने के लिए आजाद हिंद फौज के संघर्ष, नाजी जर्मनी के साथ बोस के अनुभव, आईएनए की हार, बोस की मृत्यु और आईएनए सोल्जर के ट्रायल को दिखाती है. इस फिल्म में सचिन खेडेकर ने लीड रोल प्ले किया था और फिल्म के लिए उन्हें दो राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से नवाजा गया था.




बोस: डेड/अलाइव (2017)
फिल्म मेकर एकता कपूर ने राइटर औज धर की 2012 की किताब ‘इंडियाज बिगेस्ट कवर-अप’ पर बेस्ड एक वेब सीरीज बनाई थी. सीरीज में ये बताने की कोशिश की गई थी कि ताइवान प्लेन क्रैश में बोस की मौत नहीं हुई थी. इस सीरीज में राजकुमार राव ने लीड रोल प्ले किया था.



नेताजी (2019)
1966 की फिल्म ‘सुभाष चंद्र’ की तरह 2019 में आई बंगाली टेलीविजन सीरीज ‘नेताजी’ भी सुभाष चंद्र बोस के बचपन और युवावस्था को दिखाती है. सीरीज में बताने की कोशिश की गई थी कि कैसे बोस कैसे देश के महान स्वतंत्रता सेनानी बने.




गुमनामी (2019)
2019 में आई ‘गुमनामी’ श्रीजीत मुखर्जी की वेंचर थी. इसमें थ्योरी और परिस्थितिजन्य सबूतों के आधार पर बताने की कोशिश की गई कि नेताजी सुभाष चंद्र बोस, गुमनामी बाबा के रूप में  एक तपस्वी के रूप में रहते थे. प्रोसेनजीत चटर्जी ने ये रोल प्ले किया था.  इसी सब्जेक्ट पर डॉक्यूमेंट्री फिल्मकार अमलान कुसुम घोष की एक और फिल्म ‘संन्यासी देशनायोक’ इस साल रिलीज होने वाली है.



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