Actor Who Became Filmmaker: इंडियन फिल्म इंडस्ट्री में एक ऐसे फिल्ममेकर हैं जिसकी लोग गारंटी लेते थे कि उनकी फिल्म सक्सेसफुल होगी. जब भी उनकी फिल्म अनाउंस होती थी तब ऑडियन्स इस बात को समझा जाती थी कि ये फिल्म एंटरटेनमेंट से भरपूर होने वाली है. उन्हें ये फिल्म देखने में मजा आने वाला है. राजकुमार हिरानी, एस शंकर और एसएस राजामौली से पहले एक फिल्ममेकर थे जो बैक टू बैक ब्लॉकबस्टर देने के लिए जाने जाते हैं.
इस फिल्ममेकर ने कई बड़ी मल्टीस्टारर फिल्में बनाई हैं और 32 साल बाद दो सुपरस्टार्स को एक साथ लाने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया है. वो कोई और नहीं बल्कि सुभाष घई हैं. एफटीटीआई पुणे से ग्रेजुएशन करने के बाद सुभाष घई ने ऑनस्क्रीन डेब्यू किया था. उन्होंने आराधना में राजेश खन्ना के साथ छोटा सा रोल किया था. उसके बाद उन्होंने उमंग और गुमराह में लीड रोल में नजर आए थे और दोनों फिल्में फ्लॉप साबित हुईं थीं. जिसके बाद उन्होंने डायरेक्शन में कदम रखा.
इस फिल्म से किया डेब्यू
सुभाष घई ने शत्रुघ्न सिन्हा की कालीचरण को डायरेक्ट किया था. ये फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी और उनके करियर की परफेक्ट शुरुआत हुई थी. बाद में सुभाष घई ने विधाता, मेरी जंग, करमा, राम लखन, सौदागर, खलनायक, परदेस और ताल जैसी फिल्मों को डायरेक्ट किया था.
ऐसे गिरा करियर
साल 2000 में सुभाष घई ने बैकसीट लेने का फैसला लिया और फिल्मों को प्रोड्यूस करना शुरू किया था. सुभाष घई के प्रोडक्शन हाउस के तले एतराज, इकबाल और अपना सपना मनी मनी जैसी फिल्में बनी हैं जो हिट साबित हुई थीं. उनका बतौर डायरेक्टर करियर तब गिरा जब उन्होंने किसना, यादें, ब्लैक एंड व्हाइट और युवराज जैसी फ्लॉप फिल्में दीं.
सुभाष ने कार्तिक आर्यन की कांची: द अनब्रेकेबल से डायरेक्शन में वापसी की. ये फिल्म भी फ्लॉप साबित हुई थी. वर्कफ्रंट की बात करें तो उनका आखिरी काम फिल्म 36 फार्महाउस था. उन्होंने इस फिल्म को लिखा और डायरेक्ट किया.इसका प्रीमियर सीधे ओटीटी, ज़ी5 पर किया गया था.