Suchitra Sen Birth Anniversary: घर बसाने के बाद सुचित्रा ने देखा था करियर का सपना, इतनी सी बात पर ठुकरा दिया था दादा साहेब फाल्के पुरस्कार
Suchitra Sen: सुचित्रा सेन को उम्दा अभिनेत्रियों में से एक माना जाता है. उन्होंने ज्यादातर बांग्ला फिल्मों में काम किया, लेकिन हिंदी फिल्म 'आंधी' और 'देवदास' में के लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है.
Suchitra Sen Unknown Facts: सुचित्रा सेन की गिनती भारतीय सिनेमा की दिग्गज अभिनेत्रियों में होती है, जिन्होंने हिंदी के साथ बंगाली सिनेमा में भी अपनी अदाकारी से लोगों के मन में गहरी छाप छोड़ी. अपने एक्टिंग करियर में उन्होंने कई दिग्गज कलाकारों के साथ काम किया. उनके जन्मदिन पर आइए आज आपको अभिनेत्री की जिंदगी से जुड़ी खास बातें बताते हैं.
15 साल की उम्र में की शादी
सुचित्रा का जन्म 6 अप्रैल 1931 को मौजूदा समय के बांग्लादेश के पबना जिले में हुआ था. शुरुआती पढ़ाई उन्होंने वहीं से की थी. अभिनेत्री के पिता करुणोमय दास हेडमास्टर थे. बहुत कम लोगों को ही यह बात पता होगी कि सुचित्रा का असली नाम रोमा सेन था. महज 15 साल की उम्र में सुचित्रा ने उद्योगपति दिबानाथ सेन से शादी कर ली थी. शादी के बाद ही उन्होंने एक्टिंग की दुनिया में कदम रखा और लोगों के दिलों पर छा गईं.
शादी के बाद शुरू की एक्टिंग
सुचित्रा के एक्ट्रेस बनने में सबसे बड़ा योगदान उनके पति और ससुर का रहा. दोनों ने उन्हें उनका सपना पूरा करने में भरपूर सहयोग किया, जिसके बाद उन्होंने 'चौत्तोर' नाम की फिल्म से अभिनय की दुनिया में शुरुआत की. इस फिल्म के बाद सुचित्रा ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. इस फिल्म में वह अभिनेता उत्तम कुमार के साथ नजर आईं. दर्शकों को यह जोड़ी इतनी पसंद आई कि आगे चलकर दोनों ने एक साथ कई फिल्मों में काम किया.
इस एक्टर के साथ जमी जोड़ी
सुचित्रा की खास बात यह थी कि वह फिल्में अपने हिसाब से ही चुनती थीं. किरदार को समझने के बाद ही वह फिल्मों में काम करने का फैसला लेती थीं. यही वजह है, 'आंधी' से लेकर 'देवदास' तक अभिनेत्री ने अपनी एक्टिंग से लोगों के दिलों में खास जगह बनाई. आपको जानकर हैरानी होगी कि सुचित्रा ने उत्तम कुमार के साथ लगभग 20 साल तक काम किया. अभिनेत्री ने अपने करियर में 61 फिल्मों में काम किया, जिनमें 30 फिल्में उत्तम कुमार के साथ ही थीं.
दादा साहेब फाल्के पुरस्कार लेने से किया इनकार
सुचित्रा की गिनती उन अभिनेत्रियों में होती है जो अपने उसूलों को पक्की थीं. इसी वजह से उन्होंने महज छह हिंदी फिल्मों में ही काम किया. उस जमाने में हर बड़ा डायरेक्टर उन्हें अपनी फिल्म में कास्ट करना चाहता था, लेकिन सुचित्रा अपनी पसंद के मुताबिक ही फिल्में करती थीं. अपने फिल्मी सफर में उन्होंने कई बड़े प्रोजेक्ट्स रिजेक्ट किए. यहां तक कि साल 2005 में उन्होंने दादा साहेब फाल्के पुरस्कार लेने से भी मना कर दिया था. ऐसा उन्होंने इसलिए किया, क्योंकि उन्हें अवॉर्ड लेने के लिए कोलकाता से दिल्ली जाना पड़ता. साथ ही, उन्हें पब्लिक के बीच न दिखने का भी वादा पूरा करना था. बता दें कि एक्टिंग से संन्यास लेने के बाद उन्होंने वादा किया था कि वह जनता के बीच नहीं जाएंगी.
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