हिंदी सिनेमा की महानायिका थी ये एक्ट्रेस, दिलीप कुमार भी थे फैन, इस वजह से खुद को 35 साल कमरे में रखा था कैद
Suchitra Sen: हिंदी सिनेमा की एक ही महानायिका रही थी सुचित्रा सेन. सुचित्रा ने अपने करियर में तमाम हिट फिल्में दी और बडे़ सितारों के साथ काम किया. वे बंगाली सिनेमा की भी दिग्गज अभिनेत्री थीं.
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Suchitra Sen Life Story: हिंदी सिनेमा में यूं तो कईं अभिनेत्रियों ने अपनी अदाकारी से दर्शकों के दिलों पर राज किया लेकिन महानायिका का दर्जा सिर्फ और सिर्फ एक नायिका को ही दिया जाता है. ये अदाकारा कोई और नहीं सुचित्रा सेन हैं. बड़ी-बड़ी आंखों वाली सुचित्रा ना केवल शानदार एक्ट्रेस थीं बल्कि बेइंतहा खूबसूरत भी थीं यहां तक कि दिलीप कुमार और विमल दा भी उनके फैन थे. बंगाली सिनेमा के साथ सुचित्रा ने हिंदी सिनेमा में भी अपनी खास पहचान बनाई थी. उन्होंने दिलीप कुमार जैसे सितारों के साथ हिट फिल्में दीं. लेकिन 48 साल की उम्र में उन्होंने संन्यास ले लिया था. सुचित्रा ने इतना एकांतप्रिय जीवन जीया कि अगले 35 साल तक किसी ने उन्हें नहीं देखा था.
बंगाली सिनेमा से की थी करियर की शुरुआत
भारतीय सिनेमा इतिहास की सबसे बेहतरीन एक्ट्रेस में से एक सुचित्रा सेन का जन्म 1931 में हुआ था. उन्होंने 1952 में बंगाली सिनेमा से अपने एक्टिंग करियर की शुरुआत की थी. 1955 में उन्होंने हिंदी फिल्मों का रूख किया. लगभग तीन दशकों तक लंबे करियर में, उन्होंने उत्तम कुमार के साथ 30 फिल्मों में काम किया और कईं यादगार फिल्में दीं. वह देवदास, आंधी, बंबई का बाबू और ममता जैसी आइकॉनिक बॉलीवुड फिल्मों में भी दिखाई दीं. 1963 में, वह किसी अंतर्राष्ट्रीय फिल्म समारोह में पुरस्कार जीतने वाली पहली भारतीय अभिनेत्री थीं.
सुचित्रा सेन ने करियर के पीक पर ले लिया था संन्यास
70 के दशक के मध्य तक सुचित्रा सेन ने कईं सफल फिल्में कीं. एक्ट्रेस की संजीव कुमार के साथ आई ‘आंधी’ को क्रिटिकली काफी तारीफ मिली और ‘दत्ता’ कमर्शियली काफी सफल रही. लेकिन एक्ट्रेस ने इन दोनों फिल्मों के बाद सिर्फ एक ही फिल्म की. उनकी आखिरी रिलीज़ - 1978 में प्रणय पाशा थी. ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर असफल रही थी.
1970 में सुचित्रा सेन के पति का निधन हो गया. पति की मौत का एक्ट्रेस पर काफी असर पड़ा लेकिन उन्होंने अभिनय जारी रखा. लेकिन प्रणय पाशा के बाद, उन्होंने सत्यजीत रे की देवी चौधरानी को ठुकरा दिया. वहीं उन्होंने नाटी बिनोदिनी (राजेश खन्ना के विपरीत) को बीच में ही छोड़ दिया. इसके बाद सुचित्रा सेन ने फिल्मों से संन्यास ले लिया था.
सुचित्रा सेन ने 35 सालों खुद को कर लिया था कमरे में कैद
फिल्मों से दूर होने के बाद सुचित्रा सेन ह सार्वजनिक जीवन से भी दूर हो गईं थी. वे अपने कलकत्ता स्थित घर के कमरे तक ही सीमित रहीं. उन्हें 35 सालों तक किसी ने नहीं देखा. ना ही वे कभी पब्लिकली कहीं नजर आईं. उन्होंने अपना समय रामकृष्ण मिशन को समर्पित कर दिया था.
सुचित्रा सेन ने दादा साहब फाल्के पुरस्कार से कर दिया था इंकार
2005 में, सुचित्रा सेन को भारत के सर्वोच्च सिनेमाई पुरस्कार दादा साहब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. लेकिन अभिनेत्री ने इस लेने से इनकार कर दिया था. दरअसल वे दुनिया के सामने नहीं आना चाहती थीं.
लंग्स इंफेक्शन की वजह से हुई थी मौत
जनवरी 2014 में, हफ्तों तक लंग्स इंफेक्शन से जूझने के बाद 82 वर्ष की आयु में कोलकाता के एक अस्पताल में सुचित्रा सेन का निधन हो गया था. उनकी आखिरी ख्वाहिश यही थी कि दुनिया से छिपाकर उनकी अंतिम विदाई की जाए. बता दें कि सुचित्रा सेन की बेटी मुनमुन सेन खुद एक अभिनेत्री थीं, जो 80 के दशक की पॉपुलर एक्ट्रेस रही थीं. मुनमुन की बेटियाँ - रिया और राइमा - भी अभिनेत्रियां दोनों हिंदी और बंगाली फिल्मों में काम करती रहती हैं.
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