अचानक Lata Mangeshkar पर टूट पड़ा था मुसीबतों का पहाड़, हंसना भी भूल गया था उनका परिवार
When Lata Mangeshkar's family was broken: छोटी उम्र में ही लता के सिर से पिता का हाथ उठ गया था. उनका परिवार बड़ा था और घर की बड़ी बेटी होने की वजह से लता मंगेशकर के ऊपर काफी जिम्मेदारियां आ गई थीं.
When Lata Mangeshkar's family was broken: स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) हिंदी सिनेमा का वो कोहिनूर हैं, जिसे करोड़ों लोगों चाहते हैं. उन्होंने अपनी मधुर आवाज़ के दम पर इंडस्ट्री में अपनी खास जगह बनाई. हालांकि, अपने करियर से लेकर पर्सनल लाइम में भी लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) को काफी संघर्ष करना पड़ा था. छोटी उम्र में ही लता के सिर से पिता का हाथ उठ गया था. उनका परिवार बड़ा था और घर की बड़ी बेटी होने की वजह से लता मंगेशकर के ऊपर काफी जिम्मेदारियां आ गई थीं.
लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) के स्ट्रगल के बारे में उनकी छोटी बहन मीना मंगेशकर ने अपने एक इंटरव्यू में कहा था,'मेरा, लता दीदी के साथ अजीब सा रिश्ता है. वो सिर्फ मेरी बहन ही नहीं, बल्कि मां की तरह हैं. मैं उनके साथ बचपन से ही सांए की तरह रहती थी. मैं उनसे केवल दो साल छोटी हूं. मेरे बाबा जब गए तब वो सिर्फ 12 साल की थीं और मैं 10 साल की. हमने बाबा की बीमारी देखी है. हम 1941 में पूना आए थे और बाबा 1942 में चले गए'.
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मीना मंगेशकर ने आगे बताया, 'बाबा के जाने का हमें बहुत बड़ा शॉक लगा था. तब दीदी अचानक बड़ी हो गई थी. उनका मज़ाक, हंसना-खेलना सब चला गया था. हमारे ऊपर अब बहुत जिम्मेदारी आ गई थीं. हम सबका भार दीदी ने अपने कंधे पर ले लिया था. अप्रैल में बाबा के जाने के बाद दीदी ने जून से काम करना शुरू कर दिया था. हमें बाबा के लिए रोने का वक्त भी नहीं मिला था'.
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इसके अलावा लता मंगेशकर की बहन ने आगे कहा, 'मां की हालत तो ऐसी थी कि उन्हें कुछ समझ ही नहीं आ रहा था. हमारे सामने वो रो भी नहीं सकती थी. ये वो वक्त था जब हम हंसना भूल ही गए थे और दीदी बस काम करती रही. वो सुबह आठ बजे काम के लिए निकल जाती थीं और रात को 10 बजे वापस आती थीं. लेकिन दीदी ने कभी अपना दुख हमें नहीं सुनाया'.
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