इंक्नॉमिक्स टाइम्स से बात करते हुए टाटा सन्स ने अपने बयान में कहा था, ''टाटा कंपनी महिलाओं को काम करने के लिए एक सुरक्षित महौल देने के लिए प्रतिबद्ध है. हमने सुहेल सेठ पर लग रहे आरोपों के बारे में सुना है और हम इस मामले को देख रहे हैं. हम जो भी एक्शन लेंगे उसके बारे में आपको सूचित करेंगे.''
आपको बता दें कि सिर्फ टाटा सन्स ने ही नहीं बल्कि यौन शोषण के आरोपों के चलते उन्हें कई कंपनियों से बाहर का रास्ता दिखा दिया है. सुहेल कई नामी कंपनियों से बतौर मीडिया सलाहरकार जुड़े हुए थ. इसे लेकर महिंद्रा ग्रुप ने कहा का सुहेल सेठ अब महिंद्रा ग्रुप के एडवाइसर नहीं हैं. बता दें उनका एक साल का कॉन्ट्रैक्ट सिंतबर 2018 में पूरा हो गया था.
महिला ने लगाए थे गंभीर आरोप
नताशजा राठौर नाम की महिला ने कुछ स्क्रीन शॉट्स शेयर करते हुए उनके खिलाफ संगीन आरोप लगाए हैं. महिला ने संगीन आरोप लगाते हुए कहा कि वो उनसे एक पार्टी में मिली थी.
नताशजा ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, 'मैं उनसे एक पार्टी में मिली जहां मेरे बॉस ने मुझे सुहेल से हाय करने को कहा. सुहेल ने मुझे बाद में कनॉट प्लेस में आईस्क्रीम ट्रीट के लिए बुलाया, मैंने पहले दो बार मना किया लेकिन बाद में उनके बार-बार कहने पर मैंने हां कर दी और उनकी गाड़ी में बैठकर चली गई. इसके बाद वो मुझे जनपथ न ले जाकर अपने घर ले गया.''
कौन हैं सुहेल सेठ
सुहेल सेठ एक जाने-माने लेखक है, उन्होंने 'गेट टू द टॉप', हाउ टू नेटवर्क : द पार्टी जैसी किताबें लिखी हैं. इसके अवाला वो कुछ फिल्मों में बतौर कलाकर भी नजर आ चुके हैं जिनमें जिंदगी न मिलेगी दोबारा और गुजारिश जैसी फिल्में शामिल हैं. इसके अलावा वो एक सेलिब्रिटी कंसलटेंट भी हैं.