नई दिल्ली: देश में फिटनेस को लेकर जागरूकता फैलाने का जिम्मा संभाल चुके अभिनेता सुनील शेट्टी कहते हैं कि इस देश में बड़े-बड़े अभियान हुए हैं, लेकिन फिटनेस को लेकर कभी कोई अभियान शुरू नहीं हुआ. भारत में मोटोपे की समस्या तेजी से बढ़ रही है और यहां हर तीसरा शख्स इसकी चपेट में है. हर कोई फिट रहना चाहता है, लेकिन इससे जुड़े मिथक और गलत धारणाओं की वजह से लोगों को सही गाइडेंस नहीं मिल पाती.
देश-दुनिया में योग के माध्यम से लोगों को फिट रहने का सेहरा योगा गुरु बाबा रामदेव के सिर बांधते हुए सुनील शेट्टी कहते हैं, "विदेशियों ने 'योग' को 'योगा' कर उल्टे भारत को ही इसे इंपोर्ट कर दिया लेकिन बाबा रामदेव ने दुनिया को बता दिया है कि योग भारत की देन है."
नई दिल्ली में 120 दिनों के फिटनेस फेस्टिवल 'मिशन फिट इंडिया' के लॉन्च मौके से इतर सुनील शेट्टी ने आईएएनएस को साक्षात्कार में बताया, "हमारे देश में फिटनेस को लेकर गलत धारणाएं बहुत हैं, चावल मत खाओ, तला हुआ मत खाओ, मीठा मत खाओ, दबाकर डाइटिंग करो, जबकि फिट रहने के लिए डाइटिग की जरूरत नहीं है."
वह कहते हैं, "फिटनेस का बाजारीकरण कर दिया गया है. फिट रहने के नाम पर लोगों को ठगकर करोड़ों रुपये कमाए जा रहे हैं. मोटापा कम करने के लिए गलत धारणाएं लोगों के अंदर डाली जा रही हैं, ताकि लोग भ्रमित होकर फिट रहने के लिए मोटा पैसा खर्च करें, जबकि फिट रहने के लिए एक पैसा खर्च करने की जरूरत नहीं है. आप घर बैठकर सही एवं संतुलित आहार खाकर फिट रह सकते हैं."
'मिशन फिट इंडिया' को देश के 43 शहरों में चार चरणों में शुरू किया गया है, जिसके तहत लोगों को फिटनेस के प्रति जागरूक किया जाएगा.
'मिशन फिट इंडिया' के बारे में वह कहते हैं, "इस अभियान का उद्देश्य हर भारतीय को फिट रहने के लिए प्रोत्साहित करना है. हमें इस सोच को तोड़ना है कि फिट रहना खर्चीला है और इसमें समय लगता है. लोगों को समय नहीं होने का बहाना बनाना छोड़ना होगा, क्योंकि हमसे अधिक व्यस्त कोई नहीं है और अगर हम फिट रहने के लिए समय निकाल रहे हैं तो कोई भी निकाल सकता है."
सुनील शेट्टी कहते हैं, "मेरे दिन की शुरुआत ही चावल के साथ होती है, लेकिन मैं फिट हूं. आप आलू का पराठा खाइए, कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन इसे कब और कितना खाना है, इस बात का ध्यान रखने की जरूरत है. जिस दिन आप यह सीख गए कि दिन में कब और क्या कितनी मात्रा में खाना है, आप फिटनेस गुरु बन जाएंगे."
कई सालों पहले सुनील का एक शो 'बिगेस्ट लूजर जीतेगा' भी फिटनेस पर केंद्रित था, तो ऐसे में यह नया प्रोजेक्ट उससे कितना कुछ अलग होने जा रहा है? इस सवाल पर सुनील कहते हैं, "वो एक टीवी शो था, लेकिन उस शो के जरिए मैं ज्यादा लोगों तक नहीं जुड़ पाया था, फिर भी इस अभियान का लंबा असर रहने जा रहा है, क्योंकि हम इसे 120 दिनों के बाद भी अलग अंदाज में जारी रखेंगे. एक शो के फॉर्मेट की तुलना में सीधे लोगों से जुड़ना ज्यादा प्रभावकारी होता है."