बस कंडक्टर से बने रेडियो जॉकी, सफलता के बाद भी संघर्ष भरी रही इस सुपरस्टार की जिंदगी, जानें कौन थे वो
Sunil Dutt Birth Anniversary: फेमस एक्टर सुनील दत्त एक लाजवाब एक्टर थे. उन्होंने अपार सफलता हासिल की लेकिन उनका पूरा जीवन संघर्ष से भरा रहा जिसमें कभी वाइफ तो कभी बेटे के कारण उतार-चढ़ाव आए.
Sunil Dutt Birth Anniversary: हिंदी सिनेमा में ऐसे कई एक्टर्स रहे हैं जिन्होंने काफी संघर्ष के बाद सफलता हासिल की. लेकिन एक ऐसे एक्टर भी थे जो सफल होने के बाद भी पर्सनल लाइफ में संघर्ष करते रहे. कभी वाइफ की बीमारी तो कभी बेटे की गलत संगत, लेकिन उस एक्टर ने कभी हार नहीं मानी. जिनकी बाद हम कर रहे हैं उनका नाम सुनील दत्त है जो आज हमारे बीच नहीं हैं फिर भी अपनी फिल्मों के जरिए लोगों के दिलों में जिंदा रहेंगे.
साधारण परिवार में जन्में सुनील दत्त ने बस कंडक्टर की नौकरी, रेडियो जॉकी के तौर पर भी काम किया और फिर हिंदी सिनेमा के सफल एक्टर्स में से एक बने. सुनील दत्त ने अपनी फेवरेट एक्ट्रेस के साथ शादी की लेकिन उनका साथ भी कुछ सालों के बाद छूट गया. चलिए आपको सुनील दत्त के 84वें बर्थ एनिवर्सरी पर उनके बारे में कुछ अनसुनी बातें बताते हैं.
सुनील दत्त का फैमिली बैकग्राउंड
6 जून 1929 को ब्रिटिश इंडिया के पंजाब के झेलम (अब पंजाब पाकिस्तान में) में सुनील दत्त का जन्म हुआ था. सुनील दत्त पंजाबी ब्राह्मण हिंदू परिवार से बिलॉन्ग करते थे. इनके पिता रघुनाथ दत्त दिवान थे जो कई जमीन के मालिक भी थे. सुनील जब 5 साल के थे तब उनके पिता का निधन हो गया था.
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जब सुनील 18 साल के हुए तब आजादी का समय आया और हिंदू मुस्लिम के दंगे होने लगे. तभी सुनील दत्त की मां पूरे परिवार के साथ ईस्ट पंजाब के यमुनानगर जिले में आ गईं जो अब हरियाणा में है. सुनील दत्त कुछ समय लखऊ में रहे और यहां कुछ साल पढ़ाई की.
सुनील दत्त की फिल्में
सुनील दत्त ने मुंबई के जय हिंद कॉलेज में एडमिशन लिया. इसी के साथ वो मुंबई के बस डिपो में चेकिंग क्लर्क के तौर पर भी काम करते थे. कॉलेज से ग्रेजुएट होने के बाद उन्होंने रेडियो सिलोन में काम किया. इस दौरान सुनील दत्त कई प्रोग्राम बनाते थे और उसी दौरान उन्होंने नरगिस का भी इंटरव्यू लिया था.
सुनील दत्त को पहली बार साल 1955 में आई फिल्म रेलवे प्लेटफॉर्म से ब्रेक मिला था. इसी फिल्म में देखकर महबूब खान ने सुनील को फिल्म मदर इंडिया के लिए एक रोल ऑफर किया था. साल 1958 में नरगिस से शादी के बाद सुनील दत्त की किस्मत खुली और उन्होंने 'मिलन', 'हमराज', 'वक्त', 'पड़ोसन', 'नागिन', 'जानी दुश्मन', 'मेरा साया', 'गुमराह' जैसी कई सुपरहिट फिल्में कीं. सुनील दत्त ने बतौर डायरेक्टर, प्रोड्यूसर और राइटर भी फिल्म इंडस्ट्री में काम किया था.
सुनील दत्त और नरगिस की लव स्टोरी
सुनील दत्त जब रेडियो में काम करते थे तब एक दिन उन्हें उस दौर की सुपरस्टार नरगिस का इंटरव्यू करने का मौका मिला. सुनील दत्त पहले से ही नरगिस के बहुत बड़े फैन थे और उनसे प्यार भी करते थे लेकिन उस समय सभी को पता था कि नरगिस के दिल में राज कूपर हैं तो सुनील दत्त ने कभी अपने दिल की बात नहीं कही. सुनील दत्त जब एक्टर बने तो उन्हें नरगिस की फिल्म में काम करने का मौका मिला लेकिन उसमें वो नरगिस के बेटे के रोल में सिलेक्ट किए गए.
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फिल्म मदर इंडिया के एक सीन में दिखाया जाता है कि गांव में आग लग गई है. जब आग को लगाया जाता है तो तब वो आग विकराल रूप ले ली और सेट पर अफरा-तफरी मची. नरगिस के ईर्द-गिर्द आग फैली और वो बुरी तरह फंस गई थीं तभी सुनील बिना कुछ सोचे-समझे आग में कूदकर नरगिस को बचा लाए. उस दौरान सुनील दत्त काफी घायल हो गए थे और नरगिस उनसे हॉस्पिटल में मिलने भी गईं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सुनील दत्त ने तब ही नरगिस को शादी के लिए प्रपोज कर दिया था.
बताया जाता है कि नरगिस और राज कपूर का रिश्ता टूट चुका था और नरगिस को सहारा चाहिए था. बाद में उन्होंने सुनील दत्त को हां कहा और साल 1958 में दोनों ने शादी कर थी. लगभग डेढ़ साल के बाद सुनील और नरगिस को पहली संतान संजय दत्त हुए और उसके बाद उन्हें दो और संतानें हुईं जो प्रिया और नम्रता दत्त हैं.
संजू बाबा के लिए सुनील दत्त का संघर्ष
अगर आपने फिल्म संजू (2018) देखी है तो संजय दत्त के जीवन में क्या-क्या घटित हुआ ये सबकुछ जानते ही होंगे. फिर भी बता दें, संजय अपनी मां के दुलारे थे लेकिन सुनील उन्हें थोड़ा सख्ती से रखते थे. संजय बोर्डिंग स्कूल से पढ़ाई खत्म करके आए तो सुनील ने उनके लिए फिल्म रॉकी बनाने का निश्चय किया. संजय को रात-रातभर पार्टी करना और दोस्तों के साथ घूमना पसंद था.
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1981 में नरगिस का निधन किसी बीमारी से हुआ तो संजू को काफी झटका लगा और उन्होंने नशीले पदार्थों का सेवन शुरू कर दिया. इसके बाद संजू 1993 बॉम्बे बम ब्लास्ट में भी फंसे. सुनील दत्त ने साल 1993 से लेकर साल 2002 तक संजय दत्त के लिए सरकार, कानून से लड़ाई की. सुनील दत्त ने शादी के लगभग 23 साल बाद अपने प्यार को खो दिया, उसके बाद बेटे को सही रास्ते पर लाने में कई साल बिताए, वहीं जब बेटा जेल में था तब भी संघर्ष जारी रहा. हालांकि, समय के साथ चीजें ठीक हुईं लेकिन वो उनका अंत समय बना.
सुनील दत्त का निधन
25 मई 2005 को सुनील दत्त ने 75 साल की उम्र में आखिरी सांस लीं. सुनील दत्त की आखिरी फिल्म मुन्नाभाई एमबीबीएस (2003) थी जिसमें उन्होंने संजय दत्त के पिता का रोल निभाया था. सुनील दत्त कांग्रेस सरकार से जुड़े थे और एमपी भी बने थे. सुनील दत्त ने अपने करियर में ढेरों फिल्में कीं जिनमें से कई यादगार बन गई.
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