नई दिल्ली : सुपरस्टार रजनीकांत लाखों लोगों के लिए भगवान से कम नहीं हैं. लोग उनकी पूजा करते हैं. उनके स्टाइल की कॉपी करते हैं, लेकिन आज उनके खिलाफ सैकड़ों लोगों ने बड़ा विरोध प्रदर्शन किया. विरोध इसलिए क्योंकि रजनीकांत ने राजनीति में आने के संकेत दिए हैं. खबरें तो यही आ रही हैं कि रजनीकांत जल्दी ही अभिनेता से नेता बनने वाले हैं.
इन दिनों तमिलनाडु से लेकर दिल्ली की राजनीति के गलियारों में इस बात की चर्चा ज़ोरों पर है कि सुपरस्टार रजनीकांत बहुत जल्द राजनीति में आने वाले हैं. दरअसल इसकी शुरूआत हुई चेन्नई के उस कार्यक्रम से जहां रजनीकांत अपने फैंस से कई सालों बाद मिले, यहां उन्होंने तमिलनाडु की राजनीति पर एक बड़ा बयान दिया, रजनीकांत ने कहा कि तमिलनाडु की राजनीति में कई अच्छे लोग हैं लेकिन फिर भी राज्य की राजनीति बुरी हालत में है, इसका मतलब है कि सिस्टम में कुछ गड़बड़ी है, हमें सिस्टम को बदलने की ज़रूरत है.
इसी बयान के बाद कयास लगने शुरू हो गए कि सुपरस्टार रजनीकांत राजनीति में आने वाले हैं, हालांकि इस बयान से ये साफ नहीं हो पाया कि रजनीकांत बीजेपी से हाथ मिलाएंगे या फिर खुद की पार्टी बनाएंगे.
खबरें तो ये भी हैं कि रजनीकांत जल्दी ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने वाले हैं, इससे पहले भी कई बार मोदी और रजनीकांत की मुलाकात हो चुकी है, बीजेपी से रजनीकांत की करीबी कोई नई बात नहीं है.
1998 के लोकसभा चुनाव में रजनीकांत ने बीजेपी का समर्थन किया था, 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले मोदी रजनीकांत से मिले लेकिन तब भी तमिलनाडु में बीजेपी को फायदा नहीं हुआ.
दरअसल एआईएडीएएमके प्रमुख जयललिता के निधन और डीएमके प्रमुख करूणानिधि की अधिक उम्र की वजह से तमिलनाडु की राजनीति में रजनीकांत के लिए संभावनाएं काफी हैं, लेकिन उनकी ये नयी राह आसान नहीं है. राजनीति में आने के उनके संकेत के साथ ही उनका विरोध भी शुरू हो गया है. तमिल समर्थक एक संगठन ने उनके खिलाफ प्रदर्शऩ किया.
रजनीकांत भले ही सुपरस्टार हों, लाखों फैंस उन्हें भगवान मानते हों, लेकिन उनका तमिल ना होना राजनीति की राह में सबसे बड़ी रूकावट है. रजनीकांत असल में मराठी हैं और उनका पूरा नाम शिवाजी राव गायकवाड है और जन्म कर्नाटक के बेंगलूरु में हुआ. 1975 में तमिल फिल्मों में उनके एक्टिंग की शुरूआत हुई, बॉलीवुड की भी कई बड़ी फिल्मों में रजनीकांत काम कर चुके हैं.
तमिलनाडु को द्रविड़ियन राजनीति के लिए जाना जाता है, बीजेपी से उनकी करीबी सब जानते हैं. 2014 लोकसभा चुनाव में मोदी लहर भी तमिलनाडु में नहीं चल पायी थी. इसलिए इस सवाल पर अभी भी सस्पेंस बना हुआ है कि रजनीकांत अगर राजनीति में आते हैं तो उनका स्वरूप क्या होगा?