आपको बता दें कि याचिकाकर्ता सिद्धराज सिंह चूडास्मा ने इस बात की आशंका जताई है कि फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी और पद्मावती के चरित्र को जिस तरह दिखाया गया है वो राजपूत समाज को आहत करने वाला हो सकता है. ऐसे में समाज के लोगों को इस बात का मौका मिलना चाहिए कि वो फिल्म को रिलीज से पहले देख सकें.
इस याचिका में ये भी आरोप लगाया गया है कि डायरेक्टर ने इसे बनाने में कुछ ज्यादा ही स्वतंत्रता ली है और तथ्यों के साथ छेड़छाड़ किया है. इस याचिका में कहा गया है कि फिल्म के गाने में रानी पद्मावती घूमर डांस करती नजर आ रही हैं, जबकि राजघराने की रानियां घमूर और ठुमके नहीं लगाती थीं. इसके साथ ही दीपिका के कपड़ों के कॉस्टयूम पर भी सवाल उठाया गया है. इस याचिका में कहा गया है कि पद्मावती के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लेने के बाद ही फिल्म को रिलीज किया जाए.
हालांकि जिस विवाद को लेकर इस फिल्म का विरोध हो रहा है उस पर इस फिल्म के डायरेक्टर संजय लीला भंसाली अपना पक्ष रख चुके हैं. भंसाली ने दो दिन पहले एक वीडियो संदेश के जरिए ये साफ किया है कि फिल्म में दीपिका यानि पद्मावती और रणवीर यानि अलाउद्दीन खिलजी के बीच को ड्रीम सीक्वेंस नहीं है. साथ ही उन्होंने ये भी बताया है कि इन दोनों सितारों ने कभी 'पद्मावती' की शूटिंग साथ भी नहीं की.
बता दें कि इस फिल्म में रणवीर सिंह और दीपिका के अलावा शाहिद कपूर भी मुख्य भूमिका में हैं. इसमें शाहिद कपूर दीपिका के किरदार के पति महारावल रतन सिंह की भूमिका में हैं. रणवीर और शाहिद दोनों ने ही भंसाली की वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा है कि उम्मीद है इसे देखकर चीजें साफ होंगी.
यह फिल्म 1 दिसंबर को रिलीज के लिए तैयार है. शूटिंग के दौरान से ही भंसाली को विरोध का सामना करना पड़ा रहा है. शूटिंग के दौरान राजपूतों के संगठन 'करणी सेना' ने सेट पर जाकर तोड़फोड़ की और भंसाली के साथ दुर्व्यवहार किया. सेंसर बोर्ड से पास इस फिल्म को दिखाए जाने से रोकने के लिए कई बीजेपी नेता भी आगे आए. एक बीजेपी सांसद चिंतामणि मालवीयने तो भंसाली के प्रति अभद्र टिप्पणी भी कर दी. उन्होंने कहा, 'भंसाली को जूतों की भाषा समझ में आती है.'