याचिका में क्या कहा गया है?
याचिका में कहा गया है कि मलयालम फिल्म ‘ओरु अडार लव’ के गाने ‘मनिक्या मलारया पूवी’ पर उठा विवाद बेमतलब है. ये मालाबार क्षेत्र के मुस्लिमों का एक लोकगीत है. इसमें पैगंबर मोहम्मद और उनकी पत्नी खदीजा के प्रेम की तारीफ की गई है. याचिका के मुताबिक गाना 1978 में कवि पीएमए जब्बार ने लिखा था. 40 साल से केरल के मुसलमान इस गाने को खुशी खुशी गाते हैं. सारा मसला गैर मलयालम भाषी लोगों की समझ का है. उन्होंने गाने का गलत अर्थ लगाया और केस दर्ज कराने शुरू कर दिए.
प्रिया और ओमर ने अपने मौलिक अधिकारों का भी हवाला याचिका में दिया है. उनके मुताबिक अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और कानूनी तरीके से व्यवसाय करने का अधिकार संविधान हर नागरिक को देता है. फिल्म के गाने के गलत अनुवाद को आधार बनाकर दर्ज केस याचिकाकर्ता के इन अधिकारों का हनन करते हैं.
दोनों ने बताया है कि फिल्म अभी अधूरी है. इस पर अब तक लगभग 1.5 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं. आशंका है कि गैर मलयालम भाषी दूसरे राज्यों में भी ऐसे केस दर्ज हो सकते हैं. इसलिए, सुप्रीम कोर्ट अब तक दर्ज हो चुके और भावी मुकदमों से याचिकाकर्ता को संरक्षण दे.