(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
सुशांत सिंह राजपूत के जीजा विशाल ने थेरेपिस्ट के बयान पर उठाए सवाल, बोले- दो महीने में ही क्यों छोड़ दिया?
सुशांत सिंह राजपूत के ब्रदर इन लॉ विशाल कीर्ति ने सुशांत की थेरेपिस्ट रहीं सुसैन वॉकर के बयान पर प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने सुसैन के बयान पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि किसी भी मानसिक बीमारी से जूझने वाले शख्स को ठीक करने में कम से कम छह साल लगते हैं, तो वह दो महीने में ऐसे कैसे बोल सकती हैं.
सुशांत सिंह राजपूत के ब्रदर इन लॉ विशाल किर्ती ने एक लंबा ब्लॉग लिखा है. इस ब्लॉग में उन्होंने सुशांत की थेरेपिस्ट रही सुसैन वॉकर के बयान पर रिएक्शन दिया है. सुसैन वॉकर ने वरिष्ठ पत्रकार बरखा दत्त को दिए इंटरव्यू में बताया था कि सुशांत सिंह राजपूत को बायोपोलर डिसऑर्डर था. इसके तहत उन्हें डिप्रेशन और हाइपोमेनिया बीमारी होती है. उन्होंने ये भी कहा कि इस दौरान रिया ने सुशांत को काफी सपोर्ट भी किया.
विशाल ने अपने ब्लॉग की शुरुआत में ही कह दिया कि यह एक स्वतंत्र विचार है और सुसैन वॉकर का इंटरव्यू पर प्रतिक्रिया है. सुशांत और रिया उनसे नवंबर-दिसंबर 2019 से ही उनसे सलाह लेते थे. विशाल ने कहा कि भारत की यात्रा के दौरान से वह सुशांत को जुलाई 2017 से देख रहे हैं, इन वर्षों में दोनों के बीच एक अच्छा संबंध रहा है. उन्होंने लिखा, " मैं उसे 1997 (आठवी क्लास) से लेकर, उसकी बहन कीर्ति से शादी से जानता हूं. वो और मैं एक ही स्कूल में गए. श्वेता और मैं एक ही क्लास में थे और वह एक क्लास छोटे थे."
मानसिक स्वास्थ्य की जानकारी का खुलासा करना अनैतिक
साल 2006 में अमेरिका जाने के बाद भी वह उनके संपर्क में थे. विशाल ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य को लेकर लोगों के बीच काफी अंधविश्वास या रूढ़िवादिता है, मानसिक स्वास्थ्य की जानकारी भूमि के कानून द्वारा संरक्षित है. एक मनोचिकित्सक या मनोवैज्ञानिक द्वारा मानसिक स्वास्थ्य की जानकारी का खुलासा करना न केवल अनैतिक है, बल्कि अवैध भी है (कुछ परिस्थितियों को छोड़कर जो यहां लागू नहीं होते हैं). मैं इस मामले में आरोपों को दबाने के लिए अपने ससुर पर छोड़ देता हूं."
मानसिक बीमारी इलाज दो महीने में नहीं होता
विशाल ने सुसैन पर सवाल उठाया कि वह दो महीने से भी कम वक्त में मूल्यांकन कैसे करते हैं. उन्होंने कहा,"मानसिक बीमारी का इलाज करना एक कठिन काम है और किसी के लिए द्विध्रुवी (I या II) बीमारी का ईलाज करना और भी कठिन है. न केवल आपको व्यक्ति को बहुत बारीकी से निरीक्षण करना है, बल्कि आपको उन्हें लंबे समय तक भी देखना होगा (लक्षणों की शुरुआत के बाद पूरी तरह ठीक करने में औसतन छह साल लगते हैं). सुज़ैन बहुत आसानी से दो महीने से भी कम समय में (शायद कुछ नियुक्तियों में) सुशांत का इलाज करती है, जिसमें जीवन-परिवर्तन होता है."