नई दिल्ली: अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने अपनी पहली ही फिल्म 'काई पो चे' से साबित कर दिया था कि वो आने वाले कल के बड़े कलाकार हैं. उन्होंने अपने छोटे से करियर में ही कई कामयाब फिल्मों में काम किया. उनकी आखिरी फिल्म 'छिछोरे' को दर्शकों ने काफी पसंद किया था और फिल्म बॉक्स ऑफिस पर बेहद कामयाब भी रही थी. सुशांत अपने रोल के लिए काफी मेहनत किया करते थे. इसकी झलक इस बात से मिलती है कि उन्होंने फिल्म 'डिटेक्टिव ब्योमकेश बक्शी' की तैयारी के दौरान चार महीने तक खुद को सभी से दूर कर लिया था.
इस बात का खुलासा खुद सुशांत सिंह राजपूत ने ही एक इंटरव्यू के दौरान किया था. उन्होंने बताया था कि इस फिल्म के किरदार को समझने के लिए उन्होंने चार महीने तक किसी और से बात नहीं की थी, सिर्फ किदार के साथ ही रहे थे. उन्होंने ये भी बताया था कि वो अपने हिसाब से फिल्में चुनते हैं. उनका कहना था कि फिल्म का कॉस्ट्यूम, बोली जाने वाली ज़ुबान, वज़न को कम करना और 40 के दशक का लुक देना आसान था. लेकिन उनका मानना था कि उनके लिए ब्योमेश बक्शी के किरदार में खुद को ढालना मुश्किल था.
आपको बता दें कि ये फिल्म ब्योमकेश बक्शी नाम के उपन्यास पर आधारित थी, जिसे शरदिंदु बंद्योपाध्याय नाम के लेखक ने लिखा था. फिल्म की तारीफ तो हुई थी, लेकिन इसे दर्शकों का कुछ खास प्यार नहीं मिल सका था. सुशांत के अभिनय को भी काफी सराहा गया था. 'डिटेक्टिव ब्योमकेश बक्शी' का निर्देशन जाने माने निर्देशक दिबाकर बनर्जी ने किया था. इस फिल्म में सुशांत सिंह राजपूत के अलावा आनंद तिवारी, नीरज काबी, दिव्या मेनन और स्वस्तिका मुखर्जी भी नज़र आई थीं.
सुशांत की सुसाइड पर पुलिस ने क्या कहा?
मुंबई जोन 9 के डीसीपी अभिषेक त्रिमुखे ने कहा है कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत जाहिर तौर पर फांसी के कारण हुई है लेकिन पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही उनकी मौत का सही कारण बता सकती है. अभी तक हमें कोई संदिग्ध वस्तु नहीं मिली है.
बिहार के पुर्णिया में जन्में थे सुशांत
सुशांत सिंह राजपूत बेहद ज़िंदादिल इंसान माने जाते थे. उनकी फराख दिली से भी हर कोई बखूबी वाकिफ था. सुशांत 21 जनवरी 1986 को बिहार के छोटे से गांव मल्डीहा गांव में पैदा हुआ थे, जोकि पुर्णिया ज़िले में पड़ता है. इतने छोटे गांव से निकलकर बॉलीवुड तक का सफर तय करना उनके लिए कोई आसान काम नहीं रहा. लेकिन उनकी कड़ी मेहनत और कुछ कर गुज़रने की ज़िद के आगे सारी बाधाएं, सारी मुश्किलें छोटी पड़ गईं.
यहां देखें 'डिटेक्टिव ब्योमकेश बक्शी' का ट्रेलर...