सुशांत सिंह राजपूत कभी अंदर से लॉक लगाकर नहीं सोते थे: पर्सनल असिस्टेंट अंकित आचार्य
2017 से 2019 तक यानी दो साल तक अंकित आचार्य सुशांत के साथ चौबीसों घंटे रहा करते थे. सुशांत घर में रहें या फिर शूटिंग पर जाएं, अंकित साये की तरह उनके साथ रहते थे.
मुंबई: सुशांत सिंह राजपूत की मौत को लेकर तमाम तरह की अटकलों और साजिशों से संबंधित कयासों का दौर जारी है. ऐसे में एबीपी न्यूज़ ने सुशांत सिंह राजपूत के एक और निजी असिस्टेंट अंकित आचार्य से विस्तार से बात की, जिन्होंने सुशांत की अनूठी तरह की शख्सियत के विभिन्न पहलुओं पर रोशनी डाली और उनके बारे में कुछ खास बातें भी साझा कीं.
2017 से 2019 तक यानी दो साल तक अंकित आचार्य सुशांत के साथ चौबीसों घंटे रहा करते थे. सुशांत घर में रहें या फिर शूटिंग पर जाएं, अंकित साये की तरह उनके साथ रहते थे. अंकित को अब भी इस बात का यकीन नहीं हो रहा है कि सुशांत सिंह राजपूत ने अपने ही घर के कमरे में आत्महत्या कर ली है और दरवाजा तोड़कर उनकी लाश को बाहर निकाला गया.
अंकित कहते हैं, "सुशांत सिंह राजपूत के साथ मैं दो साल तक रहा. मैं भी अक्सर उन्हीं के कमरे में सोता था, लेकिन सुशांत कभी भी अपने कमरे के दरवाजे का लॉक लगाका कर नहीं सोते थे. उनके कमरे का दरवाजा हमेशा खुला ही रहता था. अंदर से लॉक लगाकर सोने की उनकी आदत नहीं थी."
अंकित ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि 2019 में जून/जुलाई महीने से लेकर 3-4 महीने तक वो निजी काम से राजस्थान गये हुए थे और वहां से लौटने के बाद उन्हें काम से हटा दिया गया था, जिसकी वजह उन्हें आज तक नहीं पता है. अंकित बताते हैं, "जब 2019 के सिंतबर महीने में मैं सुशांत से उनके घर पर मिलने और अपनी 2 महीने की बकाया सैलरी लेने गया था, तो मैंने देखा कि सुशांत का हुलिया काफी बदला और चेहरा उतरा हुआ सा है. आंखों के नीचे डार्क सर्कल हैं और चेहरे से हंसी गायब है. मैंने पहले कभी उन्हें इस तरह से नहीं देखा था. वो काफी बदले हुए से नजर आ रहे थे. उस वक्त मैं दो-ढाई घंटे तक उनके साथ रहा, लेकिन उन्होंने मुझसे बात नहीं की और न ही यह बताया कि उन्हें काम से क्यों हटाया जा रहा है."
अंकित कहते हैं कि भले ही वो सुशांत के पर्सनल असिस्टेंट रहे हों, लेकिन सुशांत उनके साथ एक भाई की तरह बर्ताव करते थे और उन्हें अंकित की बजाय 'भाई' कहकर संबोधित करते थे. अंकित ने बताया कि सुशांत एक बेहद खुशमिजाज और मिलनसार व्यक्ति थे और उन्हें कभी गुस्सा नहीं आता था.
अंकित ने सुशांत की अनूठी शख्सियत पर रोशनी डालते हुए बताया कि उन्हें किताबें पढ़ने का बहुत शौक था और कमरे में एक लाइब्रेरी भी थी. अंकित ने बताया, "सुशांत सवेरे जल्दी उठकर सबसे पहले 45 लाख रुपये में खरीदे गये टेलिस्कोप से अंतरिक्ष में तरह-तरह के सितारों और ग्रहों देखा करते थे और उनके घर में स्पेस संबंधित तमाम तस्वीरें भी लगी हुईं हैं. हम दोनों अक्सर सुबह-सुबह जुहू के एक टेनिस कोर्ट में साथ में टेनिस भी खेलने भी जाया करते थे."
अंकित ने बताया कि घर लौटने पर भगवान शिव के भक्त सुशांत घंटों महा-मृत्युंजय का जाप सुना करते थे और साथ ही साथ वो अपने घर के दूसरे काम भी किया करते थे. उनके मुताबिक, सुशांत सीधे तौर पर पूजा-पाठ में यकीन करने वालों में से नहीं थे और मेहनत व अपने कर्मों पर भरोसा करते थे.
अंकित ने बताया कि सुशांत ने लोनावाला के पावना डैम के पास किराये पर लिये गए फार्म हाउस में खेती करने का भी इरादा उनसे जताया था. अंकित ने बताया कि वो जब तक सुशांत के साथ थे, तब तक सुशांत रिया के साथ एक ही छत के नीचे कभी नहीं रहे.
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