इंदौर: आगामी फिल्म ‘पद्मावती’ के निर्देशक संजय लीला भंसाली के समर्थन में ट्विटर पर अपना उपनाम एक दिन के लिये हटाने को लेकर सुशांत सिंह राजपूत को इस ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर खासी टांग खिंचाई का सामना करना पड़ा था. लेकिन युवा अभिनेता का मानना है कि अपने मन की बात खुलकर कहना समय की मांग है और वह ट्रॉलिंग की परवाह किये बगैर सोशल मीडिया पर निजी राय रखते रहेंगे.


अपनी अगली फिल्म ‘राब्ता’ के प्रचार के लिये कल यहां आये सुशांत ने मीडिया से कहा, ‘सबसे महत्वपूर्ण यह है कि अगर आप कोई बात बेहद भावनात्मक रूप से महसूस कर रहे हैं, तो आपको प्लेटफॉर्म की चिंता किये बगैर इसे कह देना चाहिये. आपको यह नहीं सोचना चाहिये कि आपकी बात पर लोग किस तरह ट्रॉलिंग करेंगे और क्या प्रतिक्रिया देंगे. समय की मांग यही है कि आपको कुछ दिल से महसूस हो, तो बोल देना चाहिये.’



उन्होंने कहा, ‘हम हमेशा देखते हैं कि कई लोग मंच पर माइक पकड़ते ही सवालों के जवाब बड़े कूटनीतिक तरीके से देने लगते हैं. यह मानवीय रझान है. लेकिन ऐसे लोगों की कमी है जो अपनी भावनाओं के मुताबिक दिल से बोलते हैं.’ 31 वर्षीय अभिनेता ने जोर देकर कहा, ‘मैं सोशल मीडिया पर अपने दिल की बात कहता रहूंगा.’


जयपुर में जनवरी के दौरान फिल्म ‘पद्मावती’ की शूटिंग के वक्त विवादास्पद दृश्यों के फिल्मांकन का आरोप लगाते हुए राजपूत समुदाय के एक संगठन के कार्यकर्ताओं ने इस आगामी बॉलीवुड शाहकार के निर्देशक संजय लीला भंसाली के साथ सेट पर अभद्रता की थी. इसके बाद सुशांत ने भंसाली के साथ एकजुटता दिखाते हुए अपने ट्विटर हैंडल से अपना उपनाम एक दिन के लिये हटा दिया था.