सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड केस की जांच करने पहुंचे पटाना एसपी विनय तिवारी को बीएमसी को अब छोड़ दिया है. बीएमसी ने बीते रविवार (2 अगस्त) को विनय तिवारी को जबरन क्वारंटीन कर दिया था. उनके हाथ पर क्वांरटीन की मोहर भी लगा दी थी. जिसके मुताबिक उन्हें 15 अगस्त तक क्वारंटीन रहना था, लेकिन एसपी विनय तिवारी ने बताया कि उन्हें बीएमसी ने मैसेज कर बताया कि उन्हें क्वारंटीन से छोड़ा जा रहा है. इसके बाद वह आज ही पटना के लिए रवाना होंगे.


बता दें कि बीएमसी द्वारा आईपीएस अधिकारी विनय तिवारी को जबरन क्वांरटीन करने पर बिहार पुलिस सहित सरकार ने भी काफी आलोचना की. बीएमसी की भी काफी आलोचना हुई. इसके बाद बिहार पुलिस और मुंबई पुलिस की तकरार सबके सामने भी आई. बिहार डीजीपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर एसपी विनय तिवारी के क्वारंटीन करने पर सवाल उठाए थे. सुशांत सिंह राजपूत की बहन श्वेता सिंह कीर्ति और सुशांत के फैंस ने भी इस बीएमसी की आलोचाना की थी.


मिली पटना जाने की परमिशन


इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट में भी एक मामले की सुनवाई के दौरान बीएमसी की इस कार्रवाई पर आपत्ति जताई थी. सुप्रीम कोर्ट ने इसे गलत संदेश वाली गतिविधि बताई थी. सुप्रीम कोर्ट हवाला देते हुए बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे ने बीएमसी को पत्र लिखा था लेकिन इसपर भी तत्काल प्रतक्रिया नहीं दी. लेकिन अब बीएमसी ने विनय तिवारी को क्वारंटीन मुक्त कर दिया है और पटना जाने की परमिशन दे दी है. वहीं, मुंबई जांच करने गई बिहार पुलिस की टीम भी गुरुवार को पटना पहुंच चुकी है.


बीएमसी से नहीं मिला था सकारात्मक जवाब


बता दें कि एक दिन पहले बिहार के डीजीपी गुप्तेश्वरा पांडे ने कहा था, "जब सुप्रीम कोर्ट में सुशांत सिंह राजपूत केस की सुनवाई हो रही थी तब सुनवाई कर रही बेंच ने माना कि पटना एसपी को गैर अधिकारिक तरीके क्वारंटीन किया गया है और यह गलत है. सुप्रीम कोर्ट के ये मानने के बाद पटना के आईजी बीएमसी अधिकारियों से अनुरोध किया और सुप्रीम कोर्ट का हवाला दिया फिर उनकी ओर से कोई भी सकारात्मक जवाब नहीं आया. उम्मीद थी की वह रात तक विनय तिवारी को क्वारंटीन से हटा देंगे लेकिन ऐसा नहीं किया गया."


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