अधूरी ख्वाहिशेंः सौ गरीब बच्चों को नासा भेजना चाहते थे सुशांत, पीएम मोदी से भी करनी थी मुलाकात
सुशांत सिंह राजपूत फिल्मों से हटकर कुछ समाज के लिए भी करना चाहते थे. उनके चचेरे भाई और बीजेपी विधायक नीरज सिंह ने बताया कि सुशांत सिंह 100 गरीब बच्चों को नासा भेजने चाहते थे. वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलना चाहते थे.
मुंबई/पटना: सुशांत सिंह राजपूत की अधूरी ख्वाहिशों के बारे में चचेरे भाई और बीजेपी विधायक नीरज सिंह ने कहा कि हम लोग काफी दुखी हैं. कभी सोचा नहीं था कि इस तरह का दिन देखना होगा. इतना अच्छा लड़का जो सबको हौसला और खुशी देता था, अभी जिंदगी शुरू भी नहीं हुई थी और उसने जिंदगी खत्म कर ली. हमने कभी नहीं सोचा था कि इतना बुरा दिन देखना पड़ेगा. अभी हम लोग चाह रहे थे कि उसको यहां लाएं लेकिन कोरोना की वजह से वो यहां नहीं आ पाएगा, तो अभी पूरी फैमिली और चाचा को लेकर मुम्बई जा रहे हैं वहीं पर दाह संस्कार होगा.
इस साल के अंत में शादी होनी थी बीजेपी विधायक नीरज सिंह ने कहा कि सुशांत सिंह की शादी के बारे में भी सोच लिया गया था और इस साल नवंबर-दिसंबर तक शादी कर देने का भी विचार था. लेकिन अब क्या कहा जा सकता है सब कुछ धरा रह गया. सुशांत पिछले साल यहां आए थे, तो कई तरह की बात भी कर रहे थे. वह फिल्म के अलावा भी समाज में कुछ करना चाहते थे.
गरीब बच्चों को नासा भेजने की इच्छा नीरज सिंह ने आगे कहा, 'सुशांत सिंह राजपूत 100 गरीब बच्चों को नासा भेजने का प्रोजेक्ट बता रहे थे. यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट था. मैंने कहा था कि मेरे यहां से भी भेज देना, तो उन्होंने कहा था कि ठीक है नाम भेजिएगा. इस बात को लेकर पीएम मोदी से भी मुलाकात करनी थी. फिल्म के अलावा भी कई तरह का सामाजिक काम करना चाहता था. उसकी सोच बहुत बड़ी थी. लेकिन वह ऐसा कर सकते थे, हम कभी सोच भी नहीं सकते थे.'
केदारनाथ से बदली जिंदगी नीरज सिंह ने कहा कि सुशांत का आध्यात्म से भी लगाव हो गया था. हाल ही में गांव गए थे, तो मंदिर में जाकर पूजा-पाठ करते थे. जबसे उन्होंने केदारनाथ फिल्म की, तबसे कुछ ज्यादा ही भोलेनाथ की चर्चा करते थे. कहते थे कि जब चलना हो भैया चलो साथ साथ चलेंगे. मुझे तो लग रहा था कि चलो बहुत पॉजिटिव है. धर्म से लगाव है. बुरी बात नहीं है.
यह भी पढ़ें-
सुशांत सिंह राजपूत की टीम ने जारी किया बयान, कहा- उनके जीवन और काम को सेलिब्रेट करें