जायरा वसीम के इस बड़े फैसले पर अखिल भारतीय हिंदी महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणी महाराज ने समर्थन किया है. उन्होंने कहा है कि जायरा की ही तरह हिंदू अभिनेत्रियों को प्रेरणा लेनी चाहिए. उन्होंने कहा, 'एक्ट्रेस जायरा वसीम का बॉलीवुड से खुद को दूर कर लेने का फैसला काबिले तारीफ है. हिंदू एक्ट्रेसेस को भी इससे प्रेरणा लेनी चाहिए.'
उन्होंने आगे कहा, 'मैं चाहता हूं कि पूरी दुनिया ही धार्मिक बन जाए. कोई भी धार्मिक व्यक्ति कभी भी अधर्म की राह पर नहीं चलेगा. मैं जायरा के फैसले का समर्थन करता हूं और हिंदू एक्ट्रेसेस से अपील करता हूं कि वो जायरा से कुछ सीख लें.'
स्वामी चक्रपाणी महाराज यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा, 'जिन भी फिल्मों में ब्राह्मणों को गलत तरीके से दिखाया जाता हो, या फिर किसी धर्म संप्रदाय या जाति पर निशाना साधा जाता हो हिंदू एक्ट्रेसेस को उन फिल्मों में काम करने से इंकार कर देना चाहिए. जिस तरह मीटू मूवमेंट के तहत सभी एक्ट्रेसेस आगे आई थी और आरोपियों के नाम सामने लाई थी. इसी प्रकार धर्म विरोधी फिल्मों को लेकर भी उन्हें आगे आना चाहिए.'
आपको बता दें कि जायरा वसीम ने 30 जून को अपनी एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए बॉलीवुड को अलविदा कहने का फैसला लिया. उन्होंने इंडस्ट्री को अलविदा कहने के पीछे की वजह उनके पेशे को उनकी आस्था के आड़े बताया है. जायरा ने अपने पोस्ट में लिखा, ''मैंने पांच साल पहले एक फैसला लिया जिसने मेरी ज़िंदगी पूरी तरह से बदलकर रख दी. मैंने बॉलीवुड में कदम रखा. यहां मुझे बहुत पॉपुलैरिटी मिली, पब्लिक का अटेंशन मिला. मुझे यूथ रोल मॉडल के तौर पर देखा गया. हालांकि ये ऐसा कुछ नहीं था जो मैं करना चाहती थी, या बनना चाहती थी. खासकर, मेरे सफल और असफल होने के संबंध में जो बाते हैं वो मैं अब समझने लगी हूं.''
उन्होंने लिखा है, ''मैंने आज पांच साल पूरे कर लिए हैं और मैं ये कंफेस करना चाहती हूं कि मेरी जो पहचान है मैं उससे खुश नहीं हूं. मैं अपने काम से खुश नहीं हूं. अब मुझे ऐसा महसूस होने लगा है कि मैं कोई और बनने के लिए मेहनत कर रही हूं. मैं भले यहां फिट हो रही हूं लेकिन मैं यहां की नहीं हूं. ये सब मुझे मेरे ईमान से दूर कर रहा है.''