Dancing On The Grave: नई सच्ची क्राइम डॉक्यूमेंट्री डांसिंग ऑन द ग्रेव पर रोक लगाने की मांग करते हुए, मुरली मनोहर मिश्रा उर्फ स्वामी श्रद्धानंद ने कहा है कि डॉक्यूमेंट्री उनके कानूनी अधिकारों को 'प्रतिकूल रूप से प्रभावित' करती है. मालूम हो मुरली मनोहर को हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी और वो वर्तमान में मध्य प्रदेश के सागर में केंद्रीय कारागार में है.
कानूनी नोटिस भेज की प्रसार बंद करने की अपील
बार एंड बेंच की एक रिपोर्ट के अनुसार, 'मुरली मनोहर के वकील ने इंडिया टुडे और प्राइम वीडियो को भेजे कानूनी नोटिस में कहा, "उक्त वेब सीरीज (डांसिंग ऑन द ग्रेव) मेरे मुवक्किल से संबंधित है, जिसका मामला माननीय सुप्रीम कोर्ट के समक्ष लंबित है. 2014 की रिट याचिका संख्या 66 में आपकी ये वेब सीरीज कानून का स्पष्ट उल्लंघन है, और ये जज के समक्ष एक विचाराधीन मामले में मेरे मुवक्किल के कानूनी अधिकारों पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है. इसलिए, मैं इस कानूनी नोटिस के माध्यम से आपसे अपील करता हूं कि कृपया वर्तमान कानूनी नोटिस प्राप्त करने के तुरंत बाद, अपनी उपरोक्त वेब-सीरीज का प्रसार बंद करें.'
प्रसार बंद न होने पर होगी ये कार्रवाई
नोटिस में आगे कहा गया है, 'ऐसा न करने पर, मेरे पास स्पष्ट निर्देश हैं कि मैं आपके खिलाफ अदालत में आपराधिक मामले शुरू करूं, जिसके लिए आप सभी लागत और परिणामों के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार होंगे.' इसके अलावा इस कानूनी कार्रवाई के लिए मुरली मनोहर के वकील ने 55 हजार रुपए की राशी भी मांगी है.
सच्ची घटना पर आधारित है सीरीज
प्राइम वीडियो पर इस वेब सीरीज को 21 अप्रैल को रिलीज किया गया है. सच्ची घटना पर बेस्ड ये क्राइम सीरीज पैट्रिक ग्राहम ने लिखी और डायरेक्ट की है. कनिष्क सिंह देव ने डॉक्यूमेंट्री का सह-लेखन किया है.
मैसूर घटना पर आधारित है सीरीज
बता दें, ये वेब सीरीज 1990 में कर्नाटक के मैसूर के तत्कालीन शाही परिवार से ताल्लुक रखने वाले शकेरे नमाजी की हत्या पर आधारित है. जिसमें नमाजी को जिंदा दफना दिया गया था. मामले में मुरली मनोहर उर्फ स्वामी श्रद्धानंद को दोषी करार दिया गया था.