नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर देश के कई हिस्सों में भारी विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. इस कानून का सिर्फ आम लोग ही नहीं बल्कि कई फिल्मी सितारे भी विरोध कर रहे हैं. विरोध करने वालों में बॉलीवुड अभिनेत्री स्वरा भास्कर भी शामिल हैं. आज दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में हुए एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वरा भास्कर ने भी शिरकत की. इस दौरान एबीपी न्यूज़ संवाददाता प्रणय उपाध्याय ने स्वरा से सीएए के मुद्दे पर बातचीत की.


स्वरा से जब सवाल किया गया कि वो इतने गुस्से में क्यों हैं? तो उन्होंने कहा, "उत्तर प्रदेश में जो हालात बने हैं, उत्तर प्रदेश पुलिस का जो रवैया रहा है, वहां के मुसलमानों के साथ जो विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. और जो विरोध प्रदर्शन नहीं कर रहे थे उनके साथ भी. ये एक बहुत भयानक स्थिति है. उनकी (सरकार) हरकतें निंदनीय हैं. जिस तरह से वो घरों में घुसकर लोगों को मार रहे हैं, जिस तरह से सड़कों पर वो निहत्थों पर वार कर रहे हैं."


बातचीत के दौरान स्वरा ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश सरकार सांप्रदायिक भावना के साथ काम कर रही है. उन्होंने कहा कि वो अपना काम नहीं कर रहे, बल्कि दंगाईयों का काम कर रहे हैं. स्वरा ने सवाल किया, "जंग लड़ रहे हैं आप? बॉर्डर पर हैं? बदले की जो भावना है वो क्या है? पुलिस का काम बदला लेना है या दंगाईयों को कंट्रोल करना है, या फिर कानून व्यवस्था व्यवस्था बनाए रखना है?"


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स्वरा ने बातचीत के दौरान कहा कि ये जो मानसिकता है बदले कि, ये दिक्कत है. आपकी मानसिकता ही सांप्रदायिक है. आप उन लोगों को अपने प्रदेश का बराबर नागरिक ही नहीं मान रहे हैं. इसलिए बर्बरता के से उनके साथ व्यवहार किया जा रहा है. स्वरा ने सवाल किया कि ऐसा क्यों है कि अलीगढ़ यूनिवर्सिटी और जामिया यूनिवर्सिटी के अंदर घुसकर आप फायरिंग कर रहे हैं?


स्वरा ने इस मामले में न्यायिक जांच की मांग की. उन्होंने कहा कि जब सरकार इस तरह से अपनी ज़िम्मेदारियों से मुकर रही है और जब वो दहशत का माहौल फैला रही है. जब हमारे संविधान और संवैधानिक मूल्य खतरे में पड़ जाते हैं, तो हमारा न्यायतंत्र है, जिनका कर्तव्य है, संविधान की रक्षा करना. उनका कर्तव्य है एक स्वतंत्र जांच करना.


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स्वरा भास्कर ने कहा कि हम तो पढ़कर आ रहे हैं, हमें पता है ये कानून क्या है. हमें पता है इस कानून से हमें दिक्कत क्या है. अरुंधति रॉय को लेकर पूछे गए सवाल पर स्वरा ने कहा कि हर व्यक्ति की अपनी राय है. मेरे पास इसको लेकर कहने के लिए कुछ नहीं है. उन्होंने कहा कि मैं कानून का पालन करने वाली नागरिक हूं. साथ ही उन्होंने तंज़ कसते हुए कहा कि हम लोग उत्तर प्रदेश पुलिस नहीं हैं. हम तो नहीं तोड़ सकते कानून. हमें तो रहना पड़ता है कानून के अंदर.


आपको बता दें कि सीएए के खिलाफ हुए प्रदर्शन में सबसे ज्यादा जानें उत्तर प्रदेश में गई हैं. हालांकि पुलिस का कहना है कि प्रदर्शनकारियों की जान उपद्रवियों की गोलियां लगने की वजह से हुई हैं. पुलिस के मुताबिक यूपी के 22 जिलों में पिछले दिनों विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा हुई. हंगामे के साथ साथ पब्लिक प्रॉपर्टी को जमकर नुकसान पहुंचाया गया. उत्तर प्रदेश पुलिस ने कहा कि हिंसा की वारदात में 263 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें से 57 को गोलियां लगी हैं.


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