मुंबई: जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादी हमले के बाद महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) की मांग पर संगीत कंपनी टी-सीरीज ने पाकिस्तानी कलाकारों द्वारा गाए दो गानों के प्रचार रोक दिए हैं, और उनके वीडियो अपने प्लेटफॉर्म से हटा लिए हैं. एमएनएस ने 14 फरवरी को पुलवामा हमले के बाद संगीत कंपनियों से पाकिस्तानी कलाकारों के गानों और वीडियोज़ को न चलाने और उनके साथ काम बंद करने के लिए कहा है. पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे.


मनसे चित्रपट सेना के अध्यक्ष अमेय खोपकर ने कहा, "टी-सीरीज ने पाकिस्तानी कलाकारों वाले वीडियोज को पहले ही 15 फरवरी को अपने विभिन्न माध्यमों से हटा लिए हैं और भविष्य में उनके साथ काम नहीं करने का निर्णय लिया है. यही कदम अन्य संगीत कंपनियों ने उठाया है."


राहत फतेह अली खान के एक ट्वीट के मुताबिक 15 फरवरी को उनका गाना ‘ज़िंदगी’ टी-सीरीज़ के प्लेटफॉर्म पर रिलीज़ किया जाना था. लेकिन टी-सीरीज़ के यूट्यूब चैनल पर ये गाना नहीं है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक गाना रिलीज़ किया गया था, लेकिन एमएनएस के विरोध के बाद इसे प्लेटफॉर्म से हटा दिया गया है.





इसके अलावा हाल ही में रिलीज़ हुआ आतिफ असलम का गाने ‘बारिशें’ को भी टी-सीरीज़ के यूट्यूब से हटाए जाने की खबर है. हालांकि यूट्यूब पर ‘बारिशें’ गाना अभी भी है. इस गाने को टी-सीरीज़ ने अपने यूट्यूब चैनल से ‘अनलिस्टेड’ कर दिया है. इसका मतलब ये है कि जिन लोगों के पास इस गाने का लिंक है बस वही इस गाने तक पहुंच सकते हैं. सर्च करने पर या चैनल पर ये गाना दिखाई नहीं दे रहा है.



भारत के फिल्म और संगीत के कई कलाकारों ने पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन के आत्मघाती हमले में जैश-ए-मोहम्मद द्वारा गुरुवार को जम्मू एवं कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमले की कड़ी निंदा की थी.


इससे पहले 2016 में उरी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने पर एमएनएस ने पाकिस्तानी कलाकारों, गायकों और अन्य कर्मियों को भारत छोड़ने के लिए कहा था.


मेहंदी हसन, नुसरत फतेह अली खान और गुलाम अली जैसे पाकिस्तानी कलाकारों के भारत में काफी बड़ी संख्या में प्रशंसक हैं. पिछले कुछ सालों में शफकत अमानत अली खान, अली जफर और फरहान सईद के अलावा आतिफ और राहत के भी यहां काफी प्रशंसक हो गए हैं.