शैलेश लोढ़ा (Shailesh Lodha) जिन्हें आज हर कोई मेहता साहब (Mehta Sahib) के नाम से जानता है. तारक मेहता का उल्टा चश्मा (Taarak Mehta Ka Ooltah Chashmah) में पिछले 13 सालों से मेहता साहब एक लेखक का रोल निभा रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि शैलेश लोढ़ा (Shailesh Lodha) असल जिंदगी में भी लेखक हैं और बेहतरीन कवि भी. शैलेश लोढ़ा की गिनती देश के जाने माने कवियों में की जाती है जिन्होंने हिंदी को एक खास पहचान और सम्मान दोनों ही दिया है. इनकी इस प्रतिभा का अंदाजा इसी बात से लगाता जा सकता है कि 10 साल की उम्र में 10 हजार लोगों के सामने शैलेश लोढ़ा (Shailesh Lodha) ने अपनी पहली कविता पढ़ी थी.
1981 में पहली बार सुनाई थी कविता
ये उस दौर की बात है जब कलर टेलीविजन से ज्यादा ब्लैक एंड व्हाइट टीवी हुआ करते थे. 30 सितंबर 1981 के दिन शैलेश लोढ़ा जब 10 साल के थे तब उन्होंने अपनी पहली कविता लोगों को सुनाई थी. छोटे से बालक के सामने उस वक्त 10 हजार लोगों की भीड़ खड़ी थी. जगह थी राजस्थान का सुमेरपुर और जब उस नन्हें बालक ने कविता सुनाई तो हर कोई तालियां बजाने पर मजबूर हो गया. नन्ही सी उम्र में शुरू हुआ ये सफर आज भी जारी है. और इस सिलसिले को चलते हुए 40 साल हो चुके हैं.
देश के जाने माने कवि हैं शैलेश लोढ़ा
इन 40 सालों में शैलेश लोढ़ा अपने हुनर और मेहनत से देश के जाने माने कवि बन चुके हैं. इनकी कविताओं की खास बात है सरल और हास्यास्पद शब्दों में दिल को छू जाने वाली बातें कह जाना. 13 साल पहले शैलेश लोढ़ा तारक मेहता का उल्टा चश्मा शो से जुड़े थे और आज तक वो इस शो का हिस्सा है. इस कॉमेडी शो ने उन्हें घर-घर में मशहूर कर दिया और आज शायद ही कोई ऐसा हो जो मेहता साहब को ना जानता हो.
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