Zakir Hussain Death: तबला वादक जाकिर हुसैन का निधन हो गया है. उन्होंने अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल में अपनी अंतिम सांस ली. यहां उनका इलाज चल रहा था. उनके परिवार ने सोमवार को उनके निधन की पुष्टि की. संगीतकार पिछले दो हफ्ते से गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के कारण अस्पताल में भर्ती थे.
परिवार ने की जाकिर हुसैन के निधन की पुष्टि
वहीं सोमवार सुबह परिवार ने जाकिर हुसैन के निधन की पुष्टि कर दी है. परिवार ने जाकिर की मौत की पुष्टि करते हुए ऑफिशियल स्टेटमेंट भी जारी की है. परिवार ने खुलासा किया कि उनकी मृत्यु इडियोपैथिक पल्मोनरी फाइब्रोसिस से हुई, जो फेफड़ों को प्रभावित करने वाली एक बीमारी है.
बता दें कि रविवार को भी जाकिर हुसैन के निधन की खबर फैल गई थी हालांकि एबीपी न्यूज ने लंदन में रहने वाली जाकिर हुसैन की बड़ी बहन खुर्शीद औलिया से बात की तो उन्होंने उस समय जाकिर हुसैन की मौत की खबर को गलत बताया था. खुर्शीद ने कहा कि सैन फ्रांसिसको के अस्पताल में मौजूद उनकी बेटी ने उन्हें बताया कि जाकिर हुसैन जीवित हैं और उनके मरने की तमाम खबरें गलत हैं. हालांकि उन्होंने जाकिर हुसैन की हालत नाजुक बताई थी.
जाकिर हुसैन को कहां किया जाएगा सुपुर्द-ए खाक़?
एबीपी न्यूज़ को एक सूत्र से मिली जानकारी के मुताबिक अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में अंतिम सांस लेने वाले तबला वादक जाकिर हुसैन को सैन फ़्रांसिस्को में ही सुपुर्द-ए खाक़ किया जाएगा और उन्हें भारत नहीं लाया जाएगा. सूत्र ने बताया कि जाकिर हुसैन को संभवत: बुधवार के दिन सैन फ़्रांसिस्को में दफन किया जाएगा. जाकिर हुसैन के भाई फ़ज़ल कुरैशी भारत से अमेरिका पहुंच गये हैं और बहन खुर्शीद औलिया भी लंदन से अमेरिका के लिए रवाना हो रही हैं.
कौन थे जाकिर हुसैन?
ज़ाकिर हुसैन बेहद मशहूर तबला वादक थे. उन्होंने इंटरनेशनल लेवल पर अपनी पहचान बनाई थी. 1951 में उस्ताद अल्लाह रक्खा के घर जन्मे जाकिर बचपन से ही बेहद टैलेंटेड थे. उन्होंने सात साल की उम्र में ही परफॉर्म करना शुरू कर दिया था. जाकिर हुसैन न सिर्फ एक महान तबला वादक थे बल्कि एक बेहतरीन संगीतकार भी थे. उन्होंने हीट एंड डस्ट और इन कस्टडी जैसी फिल्मों के लिए म्यूजिक भी दिया था. उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय बैले और आर्केस्ट्रा प्रोडक्शन के लिए कुछ मैजिकल कंपोजिशन भी बनाई थीं.
पद्मश्री से लेकर पद्मविभूषण से किये गये थे सम्मानित
जाकिर हुसैन को कई अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था. उन्हें साल 1988 में पद्मश्री से नवाजा गया था. इसके बाद साल 2002 में उन्हें पद्मभूषण और साल 2023 में पद्मविभूषण जैसे सर्वोच्च पुरस्कारों से सम्मानित किया गया. हुसैन को 1990 में संगीत के सर्वोच्च सम्मान 'संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार' से भी नवाजा गया था
4 बार ग्रैमी पुरस्कार से हुए थे सम्मानित
बता दें कि जाकिर हुसैन को कंटेम्पररी वर्ल्ड म्यूज़िक एलबम कैटगरी में 'ग्लोबल ड्रम प्रोजेक्ट' एल्बम के लिए 2009 में 51वें ग्रैमी अवॉर्ड्स से नवाज़ा गया था. गौरतलब है कि उस्ताद जाकिर हुसैन को अपने करियर में 7 बार ग्रैमी पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया गया था जिनमें से उन्हें चार बार इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया.