चेन्नई/नागरकोइल: हाल में रिलीज हुई मशहूर अभिनेता विजय अभिनीत तमिल फिल्म ‘मेर्सल’ में जीएसटी का जिक्र भाजपा के गले नहीं उतर रहा है और पार्टी ने आज इसपर आपत्ति जताते हुए केंद्रीय टैक्स सिस्टम को लेकर फिल्म में दिखाये गये दृश्य को ‘गलत’ बताया और फिल्म से इन दृश्यों को हटाने की मांग की.
केंद्रीय मंत्री पोन राधाकृष्णन ने ‘माल एवं सेवा कर’ (जीएसटी) के बारे में कथित ‘गलत’ दृश्यों को हटाने की मांग की जबकि उनकी पार्टी के सहयोगी एच राजा ने दावा किया कि फिल्म से विजय की ‘मोदी विरोधी नफरत’ उजागर हो गई.
माकपा और सुपरस्टार रजनीकांत अभिनीत ‘कबाली’ के निर्देशक पीए. रंजीत ‘मर्सेल’ से जुड़े कलाकारों के समर्थन में आगे आए और फिल्म के दृश्य हटाने की मांग कर रही भाजपा के तर्क पर सवाल किया.
राधाकृष्णन ने कहा, ‘‘निर्माता को फिल्म में जीएसटी से संबद्ध गलत दृश्यों को हटा देना चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि सिनेमा के माध्यम से ना तो गलत सूचना प्रसारित की जानी चाहिए और ना ही अभिनेताओं को इस माध्यम का इस्तेमाल कर लोगों को दिग्भ्रमित करना चाहिए तथा ना ही राजनीतिक लाभ लेने का प्रयास करना चाहिए.
इस जिक्र पर बरसते हुए भाजपा की प्रांतीय अध्यक्ष तमिलिसाई सौंदर्यराजन ने कल आरोप लगाया कि ‘मेर्सल’ में जीएसटी के बारे में गलत जिक्र किया गया. सेलिब्रिटी को लोगों के बीच गलत सूचना प्रसारित करने से बचना चाहिए.
पार्टी के राष्ट्रीय सचिव एच राजा ने कई ट्वीट कर आरोप लगाया कि जीएसटी का जिक्र विजय के ‘अर्थशास्त्र के ज्ञान की कमी’ को दर्शाता है.
उन्होंने कहा, ‘‘यह गलत है कि सिंगापुर में चिकित्सकीय उपचार मुफ्त हैं. भारत में गरीबों के लिये शिक्षा और चिकित्सकीय उपचार मुफ्त है. ‘मेर्सल’ सिर्फ विजय की मोदी विरोधी नफरत दर्शाती है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘जीएसटी कोई नया कानून नहीं है.’’ उधर माकपा के प्रांतीय सचिव जी रामकृष्णन ने चेन्नई में एक बयान में भाजपा की आलोचना को ‘अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला’ बताया.
रंजीत ने कहा, ‘‘फिल्म से इन दृश्यों को हटाने की कोई जरूरत नहीं है. फिल्म में इस मुद्दे पर लोगों का विचार झलकता प्रतीत हो रहा है क्योंकि इस दृश्य पर सिनेमाघरों में दर्शकों से भारी सराहना मिल रही है.’’
एटली निर्देशित ‘मेर्सल’ 18 अक्तूबर को रिलीज हुई थी.