नई दिल्ली: अजय देवगन, सैफ अली खान और काजोल की फिल्म 'तानाजी: द अनसंग वॉरियर' कल यानी 10 जनवरी को सिनेमाघरों में रिलीज़ हो रही है. फिल्म की रिलीज़ से पहले ही इसके शुरुआती रिव्यू आने शुरू हो गए हैं. फिल्म को शानदार बताया जा रहा है. ज्यादातर जगहों पर फिल्म को साढ़े तीन स्टार से नवाज़ा गया है. इस फिल्म का निर्देशन ओम राउत ने किया है.


इस फिल्म की कहानी मराठा वीर तानाजी मालुसरे यानी अजय देवगन के इर्द गिर्द घूमती है, जो कि छत्रपति शिवाजी महाराज के करीबी हैं और उनकी सेना के सेनापति भी. मुग़ल कोंढणा (अब सिंहगढ़ के नाम से जाना जाता है) पर कब्ज़ा कर लेते हैं. इसी किले को अपने कब्ज़े में वापस लेने के लिए तानाजी और उदयभान यानी सैफ अली खान के बीच 4 फरवरी 1470 को बैटल ऑफ सिंहगढ़ होती है. उदयभान एक राजपूत है, जो कि मुगल शासक औरंगज़ेब की ओर से मराठाओं के खिलाफ लड़ता है.


इस फिल्म को लेकर टाइम्स ऑफ इंडिया डॉट इंडिया टाइम्स ने लिखा है, "बेहतरीन प्रदर्शन, पावरफुल ऐक्शन, असरदार विज़ुअल और सबसे ज़रूरी ये इतिहास के उन पन्नों को पलटता है, जिसे बताने की ज़रूरत है, वो भी इस तरह की तीव्रता, जुनून और जोश के साथ." इन्होंने इस फिल्म को चार स्टार दिए हैं. इन्होंने लिखा है कि काजोल फिल्म में कम दिखती हैं, लेकिन जितनी देर भी दिखती हैं अपना असर छोड़ जाती हैं.


बॉलीवुड लाइफ ने फिल्म को चार स्टार देते हुए लिखा है, "जो भावना तानाजी मालुसरे को पढ़ते वक्त आई थी, उस भावना के साथ 'तानाजी: द अनसंग वॉरियर' पूरी तरह से न्याय करती है. अजय देवगन अपने अभिनय में वफादारी, जोश, साहस और जुनून को सामने लाते हैं." इन्होंने शानदार डायलॉग्स लिखने के लिए ओम राउत और प्रकाश कपाड़िया की भी तारीफ की है. सिनेमाटोग्राफर केको नकाहारा को फिल्म का स्टार बताया गया है. क्योंकि जिस तरह से रात में लड़ी गई जंग को परदे पर दिखाया गया है वो शानदार है. फिल्म की कमी को लेकर इस रिव्यू में कहा गया है कि इसमें एक ही कमी है कि सैफ के उदयभान वाले किरदार की रणवीर सिंह के खिलजी वाले किरदार से तुलना की जा सकती है.



कोई मोई डॉट कॉम के मुताबिक 'तानाजी: द अनसंग वॉरियर' को अजय देवगन और सैफ अली खान ने एक नया जॉनरा दे दिया है 'मसाला पीरियड ड्रामा'. इन्होंने लिखा, "मंज़िल तक पहुंचने के लिए ये अपना रास्ता खुद बनाती है और ये उस सड़क पर नहीं चलती जो इसने चुनी है. फिल्म के तीनों लीड एक्टर (अजय देवगन, सैफ अली खान और शरद केलकर) आपका ध्यान आखिर तक हटने नहीं देती." फिल्म की कमी को लेकर इन्होंने लिखा है कि ये 130 मिनट की ही फिल्म है ऐसे में मेकर्स फिल्म का बेस बनाने के लिए पूरे पहले हाफ का सहारा लेते हैं, जो कि खलता है.


फिल्मी बीट ने इस फिल्म को साढ़े तीन स्टार देते हुए लिखा है कि ये फिल्म तानाजी की वीरता, सच्चाई और देशभक्ति की कहानी है. इस फिल्म को ज़रूर देखना चाहिए. फिल्म के संगीत को औसत से ऊपर बताया गया है और कहा गया है कि घमंड और मां भवानी गाना काफी वक्त तक कानों में गूंजते हैं.


यहां देखें फिल्म का ट्रेलर...