1. तारे जमीं पर : 2007 में रिलीज हुई फिल्म 'तारे जमीं पर' में अमीर खान ने राम शंकर निकुंभ नाम के एक ऐसे शिक्षक की भूमिका निभाई है, जो सात साल के एक बच्चे को लीक से हट कर, उसकी योग्यता के अनुसार उसके लक्ष्य को हासिल करने में मदद करता है. फिल्म का संदेश है सभी बच्चे एक ही तरीके से सीखे, ऐसा जरूरी नहीं. हर एक बच्चे की सीखने और पढ़ने की अपनी एक क्षमता होती है. फिल्म में दर्शील सफारी इशान अवस्थी नाम के एक ऐसे बच्चे की भूमिका में है जिसे स्कूल पसंद नही आता है और वो बार-बार परीक्षा में फेल होता है. इशान को लिखे हुए शब्दों को समझने में परेशानी होती है लेकिन ईशान अंदर से कला और रचनात्मकता से भरा हुआ होता है. जिसे अधिकतर शिक्षक समझने में विफल होते हैं. आमिर खान एक शिक्षक के रूप में ईशान को उसकी इस योग्यता के साथ सफल होने में मदद करते हैं.




2. चक दे इंडिया : 2007 में शिमित अमीन के डायरेक्शन में बनीं फिल्म 'चक दे इंडिया' में शाहरूख खान भारतीय महिला हॉकी टीम की कोच की भूमिका में हैं. वह एक ऐसे कोच की भूमिका में हैं जो कि बेहद सख्त है लेकिन महिला टीम को जीत दिलाने के लिए पूरी तरह समर्पित हैं. देश के अलग-अलग क्षेत्रों से आई 16 लड़कियों की टीम को शाहरूख खान खेल भावना और जीत के जज्बे से भर देते हैं.



3. दंगल : तारे जमीं पर की ही तरह इस फिल्म में भी आमिर खान एक टीचर की भूमिका में हैं, लेकिन इस फिल्म में वो क्लासरूम से निकलकर अखाड़े में कुश्ती के गुर सिखाते हैं. पहलवान गीता फोगाट की निजी जिंदगी पर आधारित इस फिल्म में आमिर ने गीता के पिता का किरदार निभाया है.



4. ब्लैक : अमेरिका की हेलेन केलर के जीवन से प्रभावित संजय लीला भंसाली की फिल्म ब्लैक में अमिताभ बच्चन एक टीचर के रूप में नेत्रहीन और बधिर लड़की के जीवन में आशा और खुशियों की रोशनी जलाते हैं. फिल्म में रानी मुखर्जी ने नेत्रहीन और बधिर लड़की के रोल निभाया है.



5. इकबाल : नागेश कुकुनूर के डायरेक्शन में बनीं फिल्म इकबाल में नसीरूद्दीन शाह कोच के रूप में एक मूक-बधिर लड़के को क्रिकेटर बनने की ट्रेनिंग देते हैं. फिल्म एक मूक-बधिर लड़के की सफल क्रिकेटर बनने के संघर्ष की कहानी है. फिल्म में श्रेयस तलपड़े ने इकबाल नाम के एक ऐसे बच्चे की भूमिका निभाई है जो कि मूक-बधिर है और एक क्रिकेटर बनना चाहता है. नसीरूद्दीन शाह इकबाल को क्रिकेटर बनने में मदद करते हैं.