Thappad Box Office Collection Day 3: अनुभव सिन्हा के निर्देशन में बनी तापसी पन्नू स्टारर फिल्म 'थप्पड़' (Thappad) ने रिलीज़ के तीसरे दिन यानी रविवार को अच्छी कमाई की है. फिल्म की हर ओर तारीफ हो रही है, जिसका असर इसकी कमाई पर दिख रहा है. समीक्षकों के साथ साथ दर्शक भी फिल्म को काफी पसंद कर रहे हैं.


फिल्म ट्रेड के जानकार तरण आदर्श ने 'थप्पड़' के पहले वीकेंड की कमाई के आंकड़े शेयर किए हैं. उनके मुताबिक तापसी की इस फिल्म ने रविवार को 6.54 करोड़ रुपये की कमाई की है. इससे पहले फिल्म ने शुक्रवार को 3.07 करोड़ रुपये और शनिवार को 5.05 करोड़ रुपये का बिज़नेस किया था. इस तरह फिल्म ने पहले तीन दिनों में 14.66 करोड़ रुपये का बिज़नेस क लिया है.






पहले वीकेंड पर तापसी की फिल्म को बॉक्स ऑफिस पर भी किसी और फिल्म से कुछ खास टक्कर नहीं मिली. आयुष्मान खुराना की 'शुभ मंगल ज्यादा सावधान' और विकी कौशल स्टारर 'भूत: द हॉन्टेड शिप' पार्ट वन ने दूसरे वीकेंड पर कुछ खास कमाई नहीं की, जिससे सिनेमाघरों में 'थप्पड़' को फायदा मिला है.


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'थप्पड़' के निर्देशन के साथ साथ इसकी स्क्रिप्ट भी अनुभव सिन्हा ने ही तैयार की है. फिल्म में तापसी के अलावा पवेल गुलाटी, दीया मिर्ज़ा, कुमुद मिश्रा, रत्ना पाठक शाह और तन्वी आज़मी जैसे कई मझे हुए कलाकार हैं. मुल्क और आर्टिकल 15 के बाद अनुभव सिन्हा की ये तीसरी फिल्म है, जो कि समाज में मौजूद एक मुद्दे को अच्छे से उठा रही है.


क्या है कहानी?
फिल्म की कहानी बेहद सिंपल है, लेकिन कई चीज़ों को लेकर दर्शकों के नज़रिए पर चोट करती है. तापसी, अमृता नाम की लड़की का किरदार निभा रही हैं, जोकि एक आम सी भारतीय बहू है. उसका परिवार खुशहाल है. पति वरुण (पवैल गुलाटी) उससे बहुत प्यार करता है. ससुराल में भी सब ठीक है. सब कुछ एक परफेक्ट शादीशुदा ज़िंदगी की तरह है. पर एक दिन भरी महफिल में बिना किसी गलती के अमृता का पति वरुण उसे भप्पड़ मार देता है और सब कुछ बदल जाता है.


एबीपी न्यूज़ के यासिर उस्मान ने 'थप्पड़' की समीक्षा में कहा है कि ये घरेलू हिंसा पर बनी सिर्फ एक कोर्ट रूम ड्रामा टाइप फिल्म नहीं है, बल्कि इसका दायरा बहुत बड़ा है. ये बहुत आसानी से कई मुद्दों पर अपनी बात रखती है. इस समीक्षा में कहा गया है कि फिल्म में बार बार हिंसा नहीं होती, बल्कि एक ही थप्पड़ मारा जाता है, लेकिन फिल्म में फोकस एक ही थप्पड़ पर है, कि नहीं मार सकता. समीक्षा करते हुए यासिर कहते हैं कि फिल्म में पति का किरदार पुराने विलेन रंजीत या शक्ति कपूर की तरह निगेटिव नहीं है. उसने थप्पड़ मारा इसलिए वो गलत ज़रूर है, लेकिन इसके अलावा वो हमारे, आपके जैसा आम आदमी है. सभी की इज़्जत करने वाला. यासिर का मानना है कि यही चीज़ थप्पड़ को खास बनाती है.


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