नई दिल्ली: अनुभव सिन्हा के निर्देशन में बनी फिल्म 'थप्पड़' 28 फरवरी को सिनेमाघरों में रिलीज़ होगी, लेकिन उससे पहले ही इसके रिव्यूज़ आ गए हैं. तापसी पन्नू की इस फिल्म को समाज के चेहरे पर एक थप्पड़ की तरह बताया जा रहा है. शुरुआती रिव्यू में 'थप्पड़' को असरदार और हकीकत से रू-ब-रू कराने वाली फिल्म कहा जा रहा है. इस फिल्म में तापसी के पति के रोल में पवैल गुलाटी हैं.


क्या है कहानी?
फिल्म की कहानी बेहद सिंपल है, लेकिन कई चीज़ों को लेकर दर्शकों के नज़रिए पर चोट करती है. तापसी, अमृता नाम की लड़की का किरदार निभा रही हैं, जोकि एक आम सी भारतीय बहू है. उसका परिवार खुशहाल है. पति वरुण (पवैल गुलाटी) उससे बहुत प्यार करता है. ससुराल में भी सब ठीक है. सब कुछ एक परफेक्ट शादीशुदा ज़िंदगी की तरह है. पर एक दिन भरी महफिल में बिना किसी गलती के अमृता का पति वरुण उसे भप्पड़ मार देता है और सब कुछ बदल जाता है.


एबीपी न्यूज़ के यासिर उस्मान ने 'थप्पड़' की समीक्षा में कहा है कि ये घरेलू हिंसा पर बनी सिर्फ एक कोर्ट रूम ड्रामा टाइप फिल्म नहीं है, बल्कि इसका दायरा बहुत बड़ा है. ये बहुत आसानी से कई मुद्दों पर अपनी बात रखती है. इस समीक्षा में कहा गया है कि फिल्म में बार बार हिंसा नहीं होती, बल्कि एक ही थप्पड़ मारा जाता है, लेकिन फिल्म में फोकस एक ही थप्पड़ पर है, कि नहीं मार सकता. समीक्षा करते हुए यासिर कहते हैं कि फिल्म में पति का किरदार पुराने विलेन रंजीत या शक्ति कपूर की तरह निगेटिव नहीं है. उसने थप्पड़ मारा इसलिए वो गलत ज़रूर है, लेकिन इसके अलावा वो हमारे, आपके जैसा आम आदमी है. सभी की इज़्जत करने वाला. यासिर का मानना है कि यही चीज़ थप्पड़ को खास बनाती है.


यहां देखें पूरा रिव्यू...




अन्य क्रिटीक्स की नज़र में 'थप्पड़'


मुंबई मिरर ने इस फिल्म को लेकर लिखा है कि वो समाज जो इस तरह की घटनाओं को ये कहकर खारिज कर देता है कि एक बार ही तो हुआ है, वो समाज जो गाल पर एक तेज़ थप्पड़ के लायक है, उसके लिए ये एक ज़रूरी और सीख देने वाली फिल्म है. इन्होंने फिल्म को पांच में से चार स्टार दिए हैं.

कोइ मोइ डॉट कॉम ने फिल्म को चार सितारों से नवाज़ा है. इन्होंने लिखा है कि भले ही इस फिल्म का लेखन गंभीर रहा हो, बावजूद इसके ये ओवर ड्रैमैटिक होने की लाइन को पार नहीं करती. साथ ही इन्होंने ये भी लिखा है कि शानदार परफॉर्मेंस के कारण मुश्किल प्वाइंट भी आसानी से समझ आते हैं. इनके मुताबिक ये फिल्म हर पुरुष के लिए है, इसे उस महिला के लिए देखा जाना चाहिए जिसे आप प्यार करते हैं. हालांकि फिल्म 141 मिनट की है, जिसे कुछ लंबा बताया गया है.

 





टीओआई डॉट इंडिया टाइम्स ने लिखा है, "थप्पड़ हमारे समाज के उस पुराने विश्वास पर एक शांत सा तमाचा है जो मानता है, 'शादी में सब कुछ चलता है.' पर सच में, क्या ऐसा होना चाहिए? और ये वही है जिसपर हमें बात करने की शुरुआत करने की ज़रूरत है. अभी."


इस फिल्म में तापसी के अलावा और भी कई किरदार हैं, जो कई गंभीर मुद्दों को सामने लेकर आते हैं. ज्यादातर रिव्यू में इस बात को कहा गया है कि फिल्म सिर्फ घरेलू हिंसा के बारे में नहीं है, बल्कि ये उससे कहीं आगे है और कई मुद्दे सामने लेकर आती है.


फिल्म का निर्देशन अनुभव सिन्हा ने किया है. मुल्क और आर्टिकल 15 के बाद अनुभव तीसरी ऐसी कमर्शियल फिल्म लेकर आए हैं, जोकि समाज में मौजूद ज़रूरी मुद्दे को उठाती है. फिल्म में तापसी पन्नू, पावेल गुलाटी, कुमुद मिश्रा, रत्ना पाठक शाह, तन्वी आज़मी और दीया मिर्ज़ा जैसे कलाकार हैं, जो इसे कहीं भी कमज़ोर नहीं पड़ने देते.


यहां देखें ट्रेलर...