वाइस कास्ट: शाहरुख खान (मुसाफा), आर्यन (सिंबा), आशीष विद्यार्थी (स्कार), संजय मिश्रा (पूंबा), श्रेयस तलपड़े (टिमोन), श्रेनाज पटेल (सराबी), असरानी (जाजू)
डायरेक्टर: जॉन फेवरो
रेटिंग: 3 (तीन स्टार)
The Lion King (Hindi) Movie Review: अगर आप एनिमेशन फिल्में देखते हैं तो 'द लॉयन किंग' का नाम सुनते ही आपको पुरानी यादें ताजा हो जाएंगी. 1994 में बनी 'द लॉयन किंग' को नए अंदाज में मेकर्स दोबारा लेकर आए हैं. भारत में इस फिल्म की चर्चा शाहरुख खान और उनके बेटे आर्यन की वजह से है. बाप-बेटे की इस रीयल जोड़ी ने फिल्म में मुफासा और सिंबा की रील लाइफ बाप-बेटे की जोड़ी को अपनी आवाज दी है. फिल्म से आर्यन डेब्यू भी कर रहे हैं.
कहानी
इसमें गौरव भूमि की कहानी दिखाई गई है. जंगल के राजा मुफासा (शाहरुख खान) हैं और जब उनका बेटा सिंबा (आर्यन खान) पैदा होता है तो हर तरफ ये कहा जाता है कि अगला राजा पैदा हुआ है. लेकिन फिल्म में लव, हेट और बदले को लेकर टर्न एंड ट्विस्ट है. मुफासा के भाई स्कार (आशीष विद्यार्थी) को ये सब नहीं बर्दाश्त क्योंकि वो खुद राजा नहीं बन पाया. स्कार रणनीति बनाता है कि भाई और उसके बेटे को खत्म कर कैसे खुद राजा बने. वो अपनी योजना में कामयबा भी हो जाता है और सिंबा को चालाकी से भगा देता है.बाद में बड़े होकर सिंबा गौरव भूमि लौटता है और फिर कैसे सब कुछ सही करता है यही कहानी है.
मेकर्स ने फिल्म की कहानी में बदलाव नहीं किया है. बस फर्क इतना है कि एनिमेशन वाले किरदारों को इसमें रीयल एनिमेशन बना दिया गया है.
वाइस ओवर
हिंदी वर्जन में मुफासा की आवाज को शाहरुख खान ने दमदार बनाया है. पहली बार पर्दे पर आर्यन खान की आवाज सुनने को मिली है. उनकी आवाज में इमोशन है और एक्सप्रेशन भी है. आर्यन ने सिंबा की आवाज को बहुत ही शानदार ढंग से निभाया है. मुफासा और सिंबा का इमोशनल सीन काफी प्रभावित करता है. लेकिन सिंबा के हिस्से ज्यादातर गंभीर और इमोशनल सीन्स हैं. फिल्म में उनके पास ह्यूमर डायलॉग नहीं हैं.
फिल्म इंटरटेनिंग तब लगती है जब इसमें टिमोन और पुंबा की एंट्री होती है. टिमोन की आवाज बने हैं श्रेयस तलपड़े और पुंबा को संजय मिश्रा ने आवाज दी है. ये दोनों कमाल के हैं और जब भी पर्दे पर आते हैं दर्शक खूब हंसते हैं. कठफोड़वे जाजू को असरानी ने आवाज दी है. फिल्म में शुरु से आखिर तक जाजू अपने एक्सेंट और डायलॉग से खूब हंसाता है.
फिल्म का विजुअल इफेक्ट कुछ खास प्रभावित नहीं करता है. म्यूजिक की बात करें तो अमाल मलिक ने सिंबा के लिए गाना गाया है वहीं फिमेल वाइस सुनिधि चौहान की है. गाना 'हुकुना मटाटा' आपके दिमाग में रह जाएगा.
क्यों देखें
इस फिल्म की कहानी में कुछ नयापन नहीं है और ना ही पहली बार देख रहे दर्शकों को ये ज्यादा कनेक्ट कर पाती. ये फिल्म एक खास दर्शक वर्ग के लिए है. आपको ये फिल्म शानदार भले ना लगे लेकिन इतना जरुर है कि हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेताओं की आवाज ने इसे देखने लायक बना दिया है. हल्की-फुल्की इंटरटेनिंग फिल्म देखनी है तो हुकुना मटाटा.... बच्चों के लिए इस वीकेंड इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता.