नई दिल्ली: साल 2017 में म्युज़िक के दीवानों का जो हाल एड शिरीन के इंग्लिश गाने 'शेप ऑफ़ यू' ने किया था, साल 2018 में सिनेमा के दीवानों का वही हाल गिलर्मो डेल टोरो (Guillermo Del Toro) की फिल्म 'द शेप ऑफ़ वॉटर' करने जा रही है. पिछले साल जिस तरह ये गाना लोगों के ज़ुबान से नहीं उतरा ठीक उसी तरह इस साल ये फिल्म लोगों के ज़ेहन से नहीं उतरने वाली. दोनों ही कला के ऐसे नूमने हैं जो कला के इतिहास में अमर होने का माद्दा रखते हैं.
हॉलीवुड के जिन दीवानों ने 'द शेप ऑफ़ वॉटर' का नाम अभी तक नहीं सुना उन्होंने 2004 में आई फिल्म 'हेलबॉय' का नाम ज़रूर सुना होगा. आपको याद होगा कि इस फिल्म ने भारत को छोटे से छोटे शहर में धमाका किया था. वहीं अगर आपको भी ये फिल्म पसंद आई थी तो आपको 'द शेप ऑफ़ वॉटर' पसंद आने की संभावना इसलिए भी है, क्योंकि दोनों ही फिल्मों को डेल टोरो ने डायरेक्ट किया है.
दोनों का जेनर (शैली) भी लगभग एक है. एक तरफ 'हेलबॉय' जहां एक्शन, एडवेंचर, फैंटेसी है तो वहीं दूसरी तरफ 'द शेप ऑफ़ वॉटर' ड्रामा, एडवेंचर, फैंटेसी है. लेकिन एक मामले में 'द शेप ऑफ़ वॉटर' 'हेलबॉय' से बिल्कुल अलग है. ये फिल्म आपको कभी भी 'हेलबॉय' की तरह स्ट्रेस में नहीं डालती. जैसे ही किसी सीन में स्ट्रेस बन रहा होता है, कुछ ऐसा होता है जो दिलों-दिमाग को सुकून से भर देता है.
क्या 2018 साइड कैरेक्टर्स को मेनस्ट्रीम में लाने वाला साल होगा?
साल 2018 का हॉलीवुड सिनेमा अगर इसी ढर्रे पर आगे बढ़ता रहा तो इसे साइड कैरेक्टर्स को मेनस्ट्रीम में लाने के लिए याद किया जाएगा. एक तरफ मार्वल कॉमिक्स के 'ब्लैक पैंथर' ने भारत समेत दुनियाभर के बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा रखा है तो वहीं दूसरी तरफ डेल टोरो के 'द शेप ऑफ़ वॉटर' ने लोगों के दिल जीतने में कोई कसर बाकी नहीं रखी. दोनों की ये तुलना इसलिए की जा रही है, क्योंकि मार्वल की धमाकेदार फिल्म सीरीज़ एवेंजर्स की टीम का हिस्सा रहे 'ब्लैक पैंथर' को पहली बार एक फिल्म मिली जिसके सेंटर में खुद 'ब्लैक पैंथर' है. वैसे ही 'द शेप ऑफ़ वॉटर' में लीड किरदार एम्फीबियन मैन (Amphibian Man) को फिल्म के डायरेक्टर ने 'हेलबॉय' फिल्म सीरीज़ में पहले ही दुनिया के सामने पेश कर दिया था. उस फिल्म में इस साइड कैरेक्टर का नाम Abe Saipan था. 'द शेप ऑफ़ वॉटर' में इसे मारने की तैयारी में लगे लोग इसे ऐसेट (Asset) कहकर बुलाते हैं.
'हेलबॉय' में ये किरदार निभाने वाले डग जोन्स ने ही इस फिल्म में एम्फीबियन मैन का किरदार निभाया है. दोनों कुछ मायनों में अलग होते हुए भी ज़्यादातर मामलों में एक जैसे हैं. देखने में दोनों लगभग एक जैसे हैं और दोनों को क्लासिकल म्यूजिक पसंद है. दोनों ही किसी न किसी तरह से अमेरिकी सरकारी एजेंसियों के हाथ में होते हैं. संभव है कि ये फिल्म एम्फीबियन मैन के ओरिजिन यानी उत्पत्ति की कहानी हो जिसे बाद में 'हेलबॉय' की कहानी से जोड़ा जा सके.
क्या Amphibian Man बचा पाएगी एलिसा?
फिल्म में एलिसा (सैली हॉकिंस) लीड एक्ट्रेस है. बोलने में अक्षम एलिसा अमेरिका के बाल्टीमोर में एक सीक्रेट गवर्मेंट रिसर्च सेंटर में सफाई का काम करती है. उसकी सूनी ज़िंदगी में तब क्रांतिकारी बदलाव आता है जब इस सीक्रेट जगह पर एक सुमद्री इंसान एम्फीबियन मैन को लाया जाता है. दोनों ही बोल नहीं सकते लेकिन एक-दूसरे की भाषा समझते हैं और इशारों में होने वाली बात और मुलाकात से दोनों के दिलों के तार जुड़ जाते हैं. एलिसा को जैसे ही पता चलता है कि एम्फीबियन मैन की जान को उस रिसर्च सेंटर के में तैनात एक आर्मी के अधिकारी रिचार्ड (माइकल शैनन) से खतरा है, वो उसे बचाने के लिए अपना सबकुछ दांव पर लगा देती है. फिल्म इसी जद्दोजदह में आपको बनाए रखती है कि एलिसा उसे बचा पाएगी या नहीं?
क्यों देखें ये फिल्म
- ये फिल्म आपको इसलिए देखनी चाहिए क्योंकि क्लाइमेक्स तक आप बाकी की दुनिया को भूल जाएंगे. इसमें एम्फीबियन मैन और एलिसा के बीच दो सेक्स सीन भी हैं. इन दृश्यों को ऐसे फिल्माया गया कि ये ज़रा भी अश्लील नहीं लगते. अगर थोड़ी भी गड़बड़ होती ये दृश्य बहुत भद्दे लगते, लेकिन दोनों ही सीन्स बेहद खूबसूरत हैं. अमूमन ऐसे सीन्स एक असहज स्थिति पैदा कर देते हैं लेकिन इसे आप अकेले या किसी के भी साथ बेहद सहजता से देख सकते हैं. दरअसल ये सीन्स आपको इसका भी अहसास कराते हैं कि प्रेम हो या सेक्स, ज़रूरी नहीं कि इनमें असहजता का ही ऐहसास हो. सही तरीके से रंगे जाने पर इनमें एक अलौकिक सौंदर्यबोध का भी एहसास किया या कराया जा सकता है. इस फिल्म में एम्फीबियन मैन में जो ताकतें होती हैं उन्हें कहानी में इस कदर पिरोया गया है कि वो जादुई होकर भी असली लगते हैं.
- फिल्म को इसलिए भी देखा जाना चाहिए क्योंकि इंसान बहुत सेल्फिश होते हैं. वो अपने और अपनों के अलावा किसी के लिए दर्द का एहसास नहीं करते. बीतते समय के साथ सेल्फिश होना और पुख्ता होता चला गया लेकिन हमारे बीच एलिसा जैसे लोग भी हैं जो बोलने में अक्षम हैं और अपनी भावनाएं व्यक्त नहीं कर सकते. ऐसे में एम्फीबियन मैन उसका सबकुछ बन जाता है क्योंकि वो भी उसकी तरह बोल नहीं सकता लेकिन दोनों एक-दूसरे को दुनियावालों से कहीं ज़्यादा बेहतर तरीके से समझते हैं. फिल्म आपके अंदर के इंसान को झकझोरने की जगह प्यार से जगाती है. डेल टोरे ने 'द शेप ऑफ़ वॉटर' के तौर पर वो फिल्म दी है जो दिल भीतर जाकर कहीं ठहर जाएगी.
- किसी भी एक्टर को उसकी भूमिका को पर्दे पर जीवंत बनाने में डायलॉग की अहम भूमिका होती है. और सोचिए कि फिल्म में लीड एक्टर ही जब म्यूट हो तो उसे अपनी बातों को व्यक्त करने के लिए कितनी मेहनत करनी पड़ती होगी. यहां लीड एक्ट्रेस सैली हॉकिंस म्यूट है, लेकिन फिल्म का कोई ऐसा सीन नहीं है जो आपको समझ ना आए. वो अपनी आंखों से डायलॉग भी बोलती हैं. जहां डायलॉग नहीं हैं वहां चेहरे के भाव सब कुछ बयां कर जाती हैं. ये फिल्म सैली की शानदार एक्टिंग के लिए भी देखी जानी चाहिए. ऑस्कर अवॉर्ड में ये बेस्ट फिल्म सहित 13 कैटेगरी में नॉमिनेटेड है. साथ ही सैली हॉकिंस को भी बेस्ट एक्ट्रेस कैटेगरी में नॉमिनेट हुई हैं. इस हफ्ते अगर कुछ शानदार देखना चाहते हैं तो ये फिल्म देखिए.