The Tashkent Files Trailer: देश में होने वाले लोकसभा चुनावों के बीच बॉलीवुड में मानो राजनीतिक फिल्मों की एक हवा सी चल पड़ी है. मौजूदा प्रधानमंत्री से लेकर पूर्व प्रधानमंत्रियों की जिंदगी पर फिल्में बनाई जा रही हैं.


हाल ही में देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की संदिग्ध मौत को लेकर एक फिल्म बनाई गई है. इस फिल्म का नाम है 'द ताशकंद फाइल्स'. इस फिल्म में पूर्व पीएम की संदिग्ध मौत को लेकर कई सवाल खड़े किए गए हैं.


फिल्म का ट्रेलर हाल ही में रिलीज किया गया है जिसमें उनकी मौत को लेकर कई गंभीर सवालों को उठाया गया है. साथ ही ट्रेलर में ये भी दिखाया गया है कि किस तरह कई बार राजनीतिक पार्टियां ऐसे मसलों का फायदा अपनी राजनीतिक मंशा को पूरा करने के लिए उठाते हैं. कुल 2 मिनट 43 सेकेंड के इस ट्रेलर में उनकी मौत और देश की राजनीति से जुड़े कई पहलुओं को पर्त दर पर्त दिखाया गया है.



क्या कहता है ट्रेलर


फिल्म के ट्रेलर की शुरुआत ही इस सवाल से होती है कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री एक समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए ताशकंद जाते हैं और वहां उनकी संदिग्ध हालत में मौत हो जाती है. इस संदिग्ध मौत को लेकर कई सवाल खड़े होते हैं लेकिन तमाम सवालों के बावजूद उनकी मौत की जांच के लिए एक कमेटी तक नहीं बनाई गई. ट्रेलर की शुरुआत से अंत तक सभी कलाकार केवल एक ही सवाल पूछते नजर आ रहे हैं कि आखिर उनकी मौत कैसे हुई?



फिल्म के ट्रेलर में दिखाए गए सीन और डायलॉग्स काफी दमदार हैं. इन्हें देखने के बाद लाल बहादुर शास्त्री की मौत से जुड़े कई सवाल जेहन में खड़े होते हैं और ट्रेलर दर्शकों में एक उत्सुकता पैदा करने में कामयाब रहता है. फिल्म के ट्रेलर में उनकी मौत से जुड़े और उस दौरान हुए कुछ रियल फुटेज को भी शामिल किया गया है.


फिल्म की स्टारकास्ट भी काफी दमदार है. इसमें नसीरुद्दीन शाह, मिथुन चक्रवर्ती, पंकत त्रिपाठी, श्वेता बसु प्रसाद , मंदिरा बेदी पल्लवी जोशी जैसे कई नामी चेहरे नजर आ रहे हैं जो अपने अभिनय से आपको बांधे रखते हैं. फिल्म का निर्देशन विवेक अग्निहोत्री ने किया है. फिल्म 12 अप्रैल को रिलीज की जाएगी.


तो 1966 में ताशकंद समझौते के दौरान शास्त्री से मिले थे नेताजी!


यहां देखें फिल्म का ट्रेलर


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पूर्व  PM लाल बहादुर शास्त्री की मौत पर क्यों हैं सवाल?


2 अक्टूबर 1904 को जन्में लाल बहादुर शास्त्री कांग्रेस पार्टी के नामी नेता थे.  आजादी की लड़ाई में भी उन्होंने अहम भूमिका निभाई और आजाद भारत के दूसरे प्रधानमंत्री भी बने. प्रधानमंत्री से पहले उन्होंने देश के रेल मंत्रालय और गृह मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाली. 27 मई 1964 में देश के पहले प्रधानमंत्री ज्वाहर लाल नेहरू के निधन के बाद 9 जून को लाल बहादुर शास्त्री ने देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. बतौर प्रधानमंत्री उनका कार्यकाल केवल 18 महीने ही रहा.


1965 भारत-पाक युद्ध : जानिए वो 5 बातें जिनपर हमें होगा नाज


1965 में हुए भारत पाक युद्ध के बाद लाल बहादुर शास्त्री ने 10 जनवरी 1966 को ताशकंद में पाकिस्तान के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए. लेकिन इस शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के महज 12 घंटे बाद ही उनका निधन हो गया. लाल बहादुर शास्त्री के इस आकस्मिक निधन पर कई सवाल उठे, जिसमें ये भी आरोप लगे कि उनकी साजिशन हत्या की गई है.