पाकिस्तान के दीना में जन्में Gulzar नहीं बनना चाहते थे गीतकार, दिलचस्प है फिल्मों में आने की दास्तान
Gulzar Trivia: बीड़ी जलाई ले जैसा शानदार गीत लिखने वाले गुलजार सिने जगत के बहुत ही जबरदस्त गीतकार माने जाते है.
Gulzar Trivia: पाकिस्तान (Pakistan) के दीना में पैदा हुए गुलजार आज किसी भी पहचान के मोहताज नहीं है. हालांकी उन्होंने अपनी जिंदगी में काफी बुरे वक्त का भी सामना किया है. गुलजार ने अपने फिल्मी करियर (Career) में एक से बढ़कर एक सुपरहिट गीतों (Superhit Songs) को रचा है. हालांकी उनके फैंस शायद ही ये बात जानते हों कि गुलजार शुरुआत में गीतकार (Lyricist) नहीं बनना चाहते थे. आइए जानते है कि फिल्म दुनिया का ये दिग्गज गीतकार आखिर क्या बनना चाहता था.
क्या बनना चाहते थे गुलजार
मां-बाप ने गुलजार कान सम्पूरन सिंह कालरा रखा था. उनका परिवा विभाजन के के बाद भारत आकर बस गया था. हालांकी उनके भाई पहले से ही मुम्बई में काम किया करते थे. गुलजार साहब रोजी की तलाश में अपने भाई के पास चले गये. इसी बीच वो एक गैराज में डेंटिंग पेंटिंग का काम करने लगे. अपने इस काम के साथ वो मुम्बई के एक प्रोग्रेसिव राइटर्स एसोसिएशन के मेंबर बन गये. गुलजार की शुरुआत से साहित्य में गहरी रुची थी और वो फिल्मों से खुद को दूर रख कर, एक साहित्यकार बनना चाहते थे. हालांकी उनकी किस्मत ने तो उनके लिये कुछ और ही सोच रखा था. इसके बाद गुलजार साहब को बिमल राय की फिल्म में गाना लिखने का मौका मिल गया. उस गाने को लिखने के बाद फिर कभी गुलजार ने पीछे मुड़कर नहीं देखा.
यादगार गाने
गुलजार (Gulzar) ने अपने करियर में 'तुझसे नाराज़ नहीं ज़िन्दगी', 'तेरे बिना ज़िंदगी से कोई', 'ऐ ज़िंदगी गले लगा ले', 'कजरा रे', 'चप्पा चप्पा चरखा चले' और 'दिल हूम हूम करे' जैसे बहुत से यादगार गाने लिखे है. गुलजार ने कई शानदार फिल्मों (Films) का निर्देशन (Direction) करने के साथ लेखन भी किया है. वो आज भी फिल्म दुनिया में एक्टिव है.
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