The Zoya Factor: सोनम कपूर और दुलकर सलमान की फिल्म द ज़ोया फैक्टर आज सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. ये एक रोमांटिक ड्रामा फिल्म है जो अपने विषय को लेकर काफी दिनों से चर्चा में है. ये फिल्म अनुजा चौहान की इसी नाम से छपी नॉवेल पर आधारित है. इसे अभिषेक शर्मा ने डायरेक्ट किया है.
फिल्म की कहानी
इसमें दिखाया गया है कि जोया यानि सोनम उस दिन पैदा हुईं जिस दिन भारत ने अपना पहला वर्ल्ड कप खिताब जीता. उसके बाद वो क्रिकेट टीम के लिए लकी चार्म साबित होती हैं. इसके साथ ही क्रिकेट टीम के कैप्टन निखिल खोड़ा यानी दुलकर सलमान को ज़ोया से प्यार भी हो जाता है. लेकिन क्या क्रिकेट टीम सिर्फ लक की वजह से हमेशा जीत हासिल करती है या फिर उसमें उनकी मेहनत भी शामिल है. फिल्म की कहानी इसी के ईर्द गिर्द बनाई गई है.
आपको बताते हैं कि फिल्म देखने के बाद समीक्षकों ने इसे कैसा रिव्यू और रेटिंग दी है.
जानी मानी फिल्म समीक्षक शुभ्रा गुप्ता ने इस फिल्म को पांच में से ढाई स्टार देते हुए दुलकर सलमान की तारीफ की है. उनका कहना है कि इस फिल्म की स्क्रिप्ट बेहतर होनी चाहिए थी. उनके मुताबिक दुलकर सलमान इसमें इतने अच्छे दिखे हैं कि ये उनके लिए The DQ Factor है.
फिल्म समीक्षक राहुल देसाई ने लिखा है कि ये बेवकूफियों से भरी हुई फिल्म है और इसे लक की नहीं टैलेंट की जरुरत थी.
हिंदी अखबार नवभारत टाइम्स ने इस फिल्म को पांच में से तीन स्टार देते हुए लिखा, ''यह दर्शकों का मनोरंजन तो करती है, मगर टुकड़ों में. मध्यांतर से पहले फिल्म की गति काफी सुस्त है. सेकंड हाफ में जोया फैक्टर के ऑन होते ही फिल्म अपनी रफ्तार पकड़ती है, मगर जिस तरह से निर्देशक ने जोया के लक फैक्टर से इंडियन टीम को जिताते दिखाया है, वह बचकाना लगता है.''
इंडिया टुडे ने इस फिल्म को पांच में से ढाई स्टार दिया है. इसे निराशाजनक बताते हुए रिव्यू में लिखा है कि ये बहुत ज्यादा पानी वाली उस मैगी की तरह है जिसमें मसाला ही नहीं है.
एनडीटीवी हिंदी की वेबसाइट पर नरेंद्र सैनी ने इस फिल्म को पांच में से तीन स्टार देते हुए लिखा, ''फिल्म में जगह-जगह कॉमेडी के जोरदार पंच है, और ड्रेसिंग रूम की कई बातें हैं. फिर क्रिकेट टीम के कई खिलाड़ी भारतीय क्रिकेट टीम के खिलाड़ियों की याद भी दिलाते हैं. क्रिकेट मैच के सीन मजेदार हैं, डायरेक्टर अभिषेक शर्मा का फोकस क्रिकेट के जरिये थ्रिल पैदा करने का रहा है, और क्रिकेट मैच के पीछे की कमेंट्री भी मजेदार है. हालांकि कहानी की कई चीजें काफी अनरियल लगती हैं.''