नई दिल्लीः बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री और पहली फीमेल सुपर स्टार श्रीदेवी का आज शनिवार देर रात निधन हो गया. 54 वर्षीय अभिनेत्री ने अपनी अंतिम सांसे दुबई में लीं. जहां वो कपूर परिवार के रिश्तेदार और अभिनेता मोहित मारवा की शादी में शरीक होने गई थीं. श्रीदेवी की मौत कार्डिएक अरेस्ट (दिल का दौरा) से हुई. अपने अंतिम पल उन्होंने पति बोनी कपूर और छोटी बेटी खुशी के साथ बिताए.
बॉलीवुड में जब भी दिग्गज अभिनेत्रियों का जिक्र होगा श्रीदेवी का नाम उस लिस्ट में हमेशा शीर्ष पर होगा. श्रीदेवी ने बॉलीवुड को ये सिखाया कि कैसे अभिनेत्री फिल्म में हीरो के सपोर्टिव कास्ट होने से कहीं ज्यादा है. बॉलीबुड में ऐसी बहुत कम अभिनेत्रियां हैं जो अपने दम पर दर्शकों को सिनेमा हाल तक खींच सकती है, श्रीदेवी उनमें से एक रहीं. आज हम बॉलीवुड की इस दिग्गज अभिनेत्री की ऐसी फिल्मों के बारे में आपको बता रहे हैं जिसमें ना सिर्फ श्रीदेवी ने अपने अभिनय का लोहा मनवाया बल्कि खुद को एक फीमेल सुपस्टार के तौर पर स्थापित भी किया.
सदमा (1983): श्रीदेवी की बेहतरीन फिल्मों का जिक्र हो तो सदमा का सबसे पहला नंबर आता है. बालू महेंद्र के डायरेक्शन वाली ये फिल्म श्रीदेवी के करियर का लैंडमार्क मानी जाती है. इस फिल्म में अभिनेता कमल हासन ने श्रीदेवी का साथ निभाया. फिल्म एक ऐसी लड़की नेहलता (श्रीदेवी) की कहानी है जो कार एक्सीडेंट में दिमाग में गहरी चोट से पीड़ित है जिसकी वजह से उसके दिमाग का उम्र के साथ विकास नहीं हो पाता. वह गायब हो जाती है और जिस्मफरोशी के धंधे में फंस जाती है. उसे सोमू (कमल हासन) किसी तरह बचाकर इस गंदगी से बाहर निकालता है. सोमू को नेहलता से प्यार हो जाता है. इस फिल्म में कमल हासन से ज्यादा श्रीदेवी की तारीफ हुई. जिस तरह उन्होंने नेहलता का रोल निभाया वो खूबसरत बल्कि अविस्मरणीय है. ये फिल्म फ्लॉप रही लेकिन इसे क्लासिक बॉलीवुड का दर्जा मिला.
ये तमिल फिल्म मूंदरम पिराई का हिंदी रिमेक थी , इसके तमिल वर्जन के लिए कमल हासन को नेशनल अवॉर्ड दिया गया लेकिन श्री देवी को इस फिल्म ने कल्ट का दर्जा दिया.
मिस्टर इंडिया (1987): अपने वक्त की सुपर हिट और सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म मिस्टर इंडिया भी श्रीदेवी के खाते में ही जाती है. इस फिल्म में उन्होंने अपने रियल लाइफ देवर अनिल कपूर के साथ रोमांस किया. इस फिल्म का गाना हवा-हवाई जिसे श्रीदेवी पर फिल्माया गया था उसे बॉलीवुड में दो बार रिमेक बना कर (शैतान, तुम्हारी सुलु) पेश किया जा चुका है. इस फिल्म में श्रीदेवी ने सीमा नाम की पत्रकार लड़की का किरदार निभाया है जो आर्थिक तंगी से जूझ रहे अर्जुन (अनिल कपूर) के घर किराये का घर लेकर रहती है. फिल्म में श्रीदेवी ने ये साबित किया की एक आम किरदार एक्टर कैसे खास बना सकता है. फिल्म कॉमेडी ड्रामा है और श्रीदेवी की कॉमिक टाइमिंग का पूरा बॉलीवुड लोहा मानता है.
नागीना (1987) बॉलीवुड में इच्छाधारी नागिन एक हिट टॉपिक रहा है. नागिन टाइटल के साथ कई फिल्में बन चुकी हैं लेकिन लोगों के दिन में जिस नागिन ने राज किया वो थीं श्री देवी. इससे पहले 1976 में आई नागिन फिल्म में रीना रॉय ने भी नागिन की भूमिका निभाई लेकिन जब बात बॉलीवुड की आइकॉनिक नागिन की आती है तो ये दर्जा श्रीदेवी का हो जाता है. इस फिल्म ने भारत के घर-घर में नागिन के जिक्र के साथ श्रीदेवी की अदाएं जोड़ दीं.
लम्हें (1991): बॉलीवुड की रोमांटिक फिल्मों में शुमार श्रीदेवी और अनिल कपूर की लम्हें फिल्म यश चोपड़ा के डायरेक्शन में बनी. इस फिल्म के लिए श्रीदेवी को फिल्मफेयर अवॉर्ड दिया गया. फिल्म एक तरफा मोहब्बत के बैकग्राउंड पर बुनी गई है. विरेंद्र प्रताप सिंह (अनिल कपूर) पल्लवी (श्रीदेवी) से प्यार कर बैठता है. पल्लवी उम्र में बड़ी है. कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब पल्लवी विरेंद्र को सिद्धार्थ से मिलवाती है जिससे वो प्यार करती है. ये फिल्म बॉलीवुड की कल्ट रोमांटिक फिल्मों में शुमार है. इस फिल्म में श्रीदेवी ने डबल रोल निभाया है.
इंग्लिश -विंग्लिश (2012): ये गौरी शिंदे की पहली और श्रीदेवी की बॉलीवुड में कमबैक फिल्म है. लंबे वक्त से बॉलीवुड से दूर श्रीदेवी ने साल 2012 में पर्दे पर वापसी की और ना सिर्फ वापसी की बल्कि धमाका किया. फिल्म को अकेले श्रीदेवी ने बॉक्सऑफिस पर हिट किया. आम औरत की कहानी कहने वाली इंग्लिश-विंग्लिश दिल छू लेती है. फिल्म शशि (श्रीदेवी) के इर्द-गिर्द घुमती है जो एक मिडिल क्लास हाउस वाइफ है. जिसे इंग्लिश नहीं आती. इसके कारण उसे बच्चों-पति से हमेशा जिल्लत भरा रवैया मिलता है. वो बाहर निकलती है अपनी इस लड़ाई को जीतने अपना सम्मान पाने. फिल्म बेहद खूबसूरत है और श्रीदेवी ने अकेले इसे खूबसूरत बनाया.
मॉम (2017): ये फिल्म श्रीदेवी की जिंदगी की आखिरी फिल्म है. मॉम में श्रीदेवी ने एक मां के रोल में खूब वाहवाही लूटी. फिल्म एक मां और उसकी सौतेली बेटी के रिश्तों को बुनती है. देवकी ( श्रीदेवी) एक स्कूल टीचर है और अपनी स्टूडेंट और सौतेली बेटी आर्या से अपने खट्टे रिश्तों को संभालने की कोशिश में जुटी है. इस बीच उसकी बेटी आर्या का रेप हो जाता है और फिर मां का स्ट्रगल और बेटी के लिए साम -दाम -दंड -भेद की नीति दिखाई जाती है. मां किस हद तक बेटी के न्याय के लिए जा सकती है देवकी के इस रोल में श्रीदेवी ने दिल लूट लिया.
यूं तो श्रीदेवी तमिल, हिंदी, मलयालम, तेलगू चार फिल्म इंडस्ट्री की रानी रही हैं. उनके बेजोड़ अभिनय और करियर को एक स्टोरी में बांध पाना एक कलाकार के साथ बेइमानी होगी फिर भी हमने कोशिश की है उन फिल्मों का जिक्र करने की जिनका जिक्र श्रीदेवी के नाम के साथ जुड़ा है. बॉलीवुड की चंद अभिनेत्रियां हुई जिन्होंने अपने साथ देश को हंसाया, रुलाया, परेशान और दुखी किया, श्रीदेवी इन सब एक्सेप्रशन की बेताज बादशाह रहीं.