Movie Review: आमिर-अमिताभ की दमदार एक्टिंग के बावजूद नहीं चला Thugs of Hindostan का जादू
Thugs of Hindostan Movie Review: आमिर खान और अमिताभ बच्चन को एक साथ स्क्रीन पर देखने की चाह रखने वाले फैंस का अब इंतजार खत्म हो गया है. अगर आप भी दमदार एक्शन से सजी इस फिल्म को देखना चाहते हैं तो पहले पढ़ें इसका रिव्यू
फिल्म - ठग्स ऑफ हिंदोस्तान
कलाकार- अमिताभ बच्चन, आमिर खान, फातिमा सना शेख, कैटरीना कैफ
निर्देशक- विजय कृष्ण आचार्य
रेटिंग- **1/2
जब किसी फिल्म में सदी के महानायक और मिस्टर परफेक्शनिस्ट पहली बार साथ में काम करते नजर आ रहे हों तो फैंस में उस फिल्म को लेकर दीवानगी होना जायज है. लेकिन इसी के साथ ऐसी किसी फिल्म से फैंस की उम्मीदें भी बढ़ जाती हैं. हर साल दीवाली पर बॉलीवुड के स्टार्स अपने फैंस के लिए कोई न कोई खास फिल्म लेकर हाजिर होते हैं. इस बार सलमान या शाहरुख नहीं बल्कि दीवाली पर फैंस का दिल ठगने के लिए दो बड़े स्टार्स उतरे हैं. ये स्टार और कोई नहीं बल्कि आमिर खान और अमिताभ बच्चन हैं.
फिल्म की कहानी यूं तो ट्रेलर से ही साफ हो जाता है कि ये आजादी से पहले की कहानी कहती है. जिसमें दिखाया गया है कि कैसे अंग्रेजों के शासन में आजादी की जंग और ठगों का बोलबाला हुआ करता था. लेकिन इससे ज्यादा अहम है फिल्म का वो फिरंगी किरदार जो अंत तक कहानी को मरने नहीं देता. और ये किरदार निभा रहे हैं आमिर खान . ये कहा जा सकता है कि आमिर इस फिल्म का एक सेंट्रल कैरेक्टर हैं . लेकिन 75 साल के उम्र दराज हीरो अमिताभ बच्चन किसी भी मुकाबले में उनसे कम नजर नहीं आते.
कहानी
फिल्म की कहानी बदले की आग पर आधारित है. जब अंग्रेज भारत पर कब्जा करने आते हैं तो वो किस तरह यहां की रियासतों हमला करते हैं और बेरहमी से राजाओं की उनके ही बच्चों के सामने हत्या कर देते हैं. फिल्म की कहानी शुरू होती है जफीरा (फातिमा सना शेख) के पिता की हत्या से, इस दौरान अंग्रेज जफीरा के सामने ही उसके पिता, भाई और माता की हत्या कर देते हैं. अंग्रेज जफीरा का भी कत्ल करने ही जा रहे होते हैं कि उनकी रियासत का वफादार खुदाबख्श जहाजी (अमिताभ बच्चन ) उसे बचा लेते हैं और खुद ही उसका पालन पोषण करते हैं. इसी दौरान वो उसे एक शानदार योद्धा की तरह अस्त्रों का ज्ञान भी देते हैं. खुदाबख्श अपने राजा की मौत का बदला लेने और अंग्रेजों से अपनी धरती को आजादी दिलवाने के लिए आजाद फौज बना लेते हैं जो अंग्रेजों के ठिकानों पर हमला करते हैं.
इसके बाद कहानी में एंट्री होती है फिरंगी मल्लाह (आमिर खान) की. फिरंगी इस फिल्म में एक ऐसा किरदार है जो अंत तक कहानी में अपनी महत्ता नहीं खोता. फिरंगी अपनी फितरत से न सिर्फ धोखेबाज है बल्कि वो एक ठग भी है. जो एक नहीं बल्कि दोनों हाथों में लड्डू लिए घूम रहा है. जहां वो एक तरफ ठगों की मदद करता है चोरी करने में तो दूसरी ओर अंग्रेजों के हाथों उन्हें पकड़वा भी देता है.
अंग्रेज किसी भी कीमत पर आजाद यानी अमिताभ बच्चन को पकड़ना चाहते हैं और इसके लिए वो मदद मांगते हैं फिरंगी की. फिरंगी भी उनकी मदद के लिए तैयार हो जाता है और अपनी जालसाजी से वो आजाद और जफीरा का विश्वास भी जीत लेता है. लेकिन जफीरा को उस पर जरा कम विश्वास होता है और इसी के चलते उनके एक मिशन पर खतरा मंडराने लगता है. अंग्रेज आजाद फौज को घेर लेते हैं और इस दौरान फिरंगी, खुदाबख्श की जान बचाने की कोशिश करता है लेकिन वो इसमें नाकामयाब रहता है. खुदाबख्श, जफीरा की जिम्मेदारी फिरंगी को देकर मौत को गले लगा लेता है.
कहानी यहां खत्म नहीं होती, अभी फिंरगी अपनी फितरत से बाज नहीं आता और धोखा और विश्वास इस दोनों के बीच अजीब सी जंग चलती रहती है. लेकिन अंत में जीत बुराई पर अच्छाई की ही होती है और धोखे को विश्वास से हार माननी पड़ती है.
इसके अलावा फिल्म में सुरैया जान (कैटरीना कैफ) भी अहम रोल में नजर आती है. हालांकि सुरैया फिल्म की सिर्फ कुछ कड़ियों को जोड़ने का ही काम करती नजर आती है.
डायरेक्शन
फिल्म का निर्देशन किया है विजय कृष्ण आचार्य ने जो इससे पहले आमिर और कैटरीना के साथ धूम 3 जैसी हिट फिल्म बना चुके हैं. फिल्म को यशराज बैनर्स के स्टैंडर्ड के मुताबिक काफी बड़े स्केल पर बनाया गया है. फिल्म की स्टार कास्ट काफी बड़ी है ऐसे में सभी किरदारों को बराबर की अहमियत और कहानी में उनके किरदार को दमदार भूमिका देना जरा मुश्किल होता है. फिल्म की कहानी की बात करें तो इसमें आपको कुछ भी बहुत कुछ नया नहीं मिलता है.
एक्टिंग
फिल्म में वैसे तो सभी एक्टर्स ने ठीक-ठाक ही एक्टिंग की है. लेकिन इसमें अमिताभ बच्चन का किरदार तारीफ-ए-काबिल है.पूरी फिल्म में अमिताभ बच्चन एक्शन और एक्टिंग दोनों ही मामलों में आमिर और बाकी स्टारकास्ट को चैलेंज करते नजर आ रहे हैं. फिल्म में फातिमा सना शेख ने भी शानदार एक्शन किया है. हालांकि एक्टिंग की बात करें तो फातिमा स्क्रीन पर तब तक ही अच्छी लगती हैं जब तक की वो डायलॉग नहीं बोलतीं. फिल्म में उन्होंने अपने अभिनय और डायलॉग डिलिवरी से निराश किया है. ऐसा ही कुछ कैटरीना कैफ के साथ भी हुआ है. कैटरीना बेहद हॉट लगीं हैं लेकिन जहां बात अभिनय की आती है वो फीकी नजर आती हैं. हालांकि आमिर खान अपने मजेदार अंदाज से फिल्म को थोड़ा एंटरटेनिंग बनाए रखने में कामयाब नजर आते हैं.
क्यों देखें
- फिल्म में पहली बार अमिताभ बच्चन और आमिर खान जैसे सुपरस्टार्स एक साथ नजर आ रहे हैं.
- फिल्म में 75 साल के अमिताभ बच्चन को जबरदस्त एक्शन करते देखना उनके फैंस के लिए किसी ट्रीट से कम नहीं हैं.
- फिल्म में कैटरीना कैफ एक नहीं बल्कि जो जबरदस्त डांस नंबरर्स करती नजर आ रही हैं. 70mm पर उनका ये हॉट अंदाज फैंस को पसंद आएगा.
क्यों न देखें
- फिल्म की कहानी में कुछ भी नया नहीं है. आप फिल्म के हर ट्विस्ट एंड टर्न का आसानी से अंदाजा लगा सकते हैं.
- फिल्म करीब पौने तीन घंटे की है जिससे फिल्म जरा बोझिल लगने लगती है.
- फिल्म को ज्यादा दिलचस्प बनाने चक्कर में कई ट्विस्ट एंड टर्न्स डाले गए हैं. जो एक वक्त के बाद आपको परेशान कर देता है और कहानी को कन्फ्यूजिंग बना देता है.