Tinnu Anand Special: कैटरिंग कॉलेज से सिनेमा की दुनिया तक कैसे पहुंचे टीनू आनंद? काबिलियत से बिग बी को बनाया कालिया
Tinnu Anand: अगर उनके पिता की चलती तो वह कैटरिंग का काम संभालते नजर आते, लेकिन किस्मत ने उनका साथ दिया और वह अपना सपना पूरा कर सके. बात हो रही है टीनू आनंद की. आइए जानते हैं उनके कुछ किस्से.
Tinnu Anand Unknown Facts: फिल्मी दुनिया का साथ उन्हें विरासत में मिला, लेकिन इससे जुदाई के लिए भी तमाम कोशिशें की गईं. हालांकि, उन्हें 'ये इश्क नहीं आसान' जैसा अंदाजा पूरी तरह था, जिसके चलते उन्होंने 'जीना तेरी गली' को अपनी जिंदगी का मकसद बना लिया. बात हो रही है बॉलीवुड फिल्मों में विलेन का किरदार निभाने के अलावा बिग बी को कालिया से लेकर शहंशाह बनाने वाले टीनू आनंद की. आज हम आपको उनकी जिंदगी से रूबरू करा रहे हैं.
फिल्मों से दूर रखना चाहते थे पिता
लेखक इंदर राज आनंद के बेटे टीनू आनंद उर्फ वीरेंदर राज आनंद का जन्म 12 अक्टूबर 1945 के दिन पेशावर (अब पाकिस्तान) में हुआ था. आज की तारीख में भले ही टीनू किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं, लेकिन एक जमाने में उनके पिता नहीं चाहते थे कि वह फिल्मों में काम करें. वह टीनू आनंद को फिल्मों के माहौल से पूरी तरह दूर रखना चाहते थे, जिसके लिए उन्होंने कई माकूल कदम भी उठाए. हालांकि, किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. आखिरकार टीनू को उनकी मंजिल मिल गई.
कैटरर से एक्टर-डायरेक्टर कैसे बने टीनू?
आपको टीनू आनंद की जिंदगी का यह किस्सा जानकर बेहद हैरानी होगी. दरअसल, इंदर राज आनंद ने अपने मकसद के मद्देनजर टीनू को मुंबई के एक कैटरिंग कॉलेज में भेजा था. हालांकि, टीनू को खाना बनाने या कैटरिंग सीखने में कोई दिलचस्पी नहीं थी. वह सुबह-सुबह घर से निकलते और कैटरिंग कॉलेज जाने की बात कहते थे. हालांकि, वह अपने कॉलेज के पास मौजूद थिएटर में पहुंच जाते और जमकर फिल्में देखते थे. इस टॉकीज में ज्यादातर हिंदी और अंग्रेजी क्लासिक्स दिखाई जाती थीं. एक दिन इंदर राज अचानक टीनू के कॉलेज पहुंच गए, जहां उन्होंने टीनू के फिल्मी लगाव की जानकारी मिली.
बिग बी को ऐसे बनाया कालिया
अब हम आपको वह किस्सा बताते हैं, जिसमें टीनू की जिद के आगे अमिताभ बच्चन जैसे सुपरस्टार को भी झुकना पड़ गया. बता दें कि सिल्वर स्क्रीन पर विलेन बनकर दहशत फैलाने वाले टीनू ने फिल्म निर्देशन में भी हाथ आजमाया. उन्होंने सबसे ज्यादा फिल्में सदी के महानायक अमिताभ बच्चन के साथ कीं. जब वह कालिया बना रहे थे, तब अमिताभ ने समय नहीं होने की बात कहकर फिल्म के लिए इनकार कर दिया. टीनू ने हार नहीं मानी और छह महीने तक बिग बी के घर के चक्कर काटते रहे. आखिर में अमिताभ यह फिल्म करने के लिए तैयार हो गए. फिल्म की कामयाबी के बाद अमिताभ ने खुद कहा था कि उन्हें कालिया की कहानी पसंद नहीं थी. सिर्फ टीनू की दोस्ती की वजह से उन्होंने यह फिल्म की थी. बता दें कि टीनू ने बिग बी के साथ शहंशाह, मेजर साब और मैं आजाद हूं आदि फिल्में भी बनाईं.