Film Rating : **** (4 Stars)
कहानी
वास्तविक घटना पर आधारित अजय देवगन की फिल्म ‘रेड’ की कहानी 80 के दशक में लखनऊ में की गई एक प्रख्यात ‘रेड’ की घटना पर आधारित है. इनकम टैक्स अधिकारी अमय पटनायक यानि अजय देवगन एक ईमानदार अफसर हैं और इस मिजाज़ की वजह से उनका कई तबादला हो चुका है. इसी क्रम में अब उत्तर प्रदेश के लखनऊ में उनकी पोस्टिंग के तहत खुफिया खबर मिलती है कि बाहुबली सांसद रामेश्वर सिंह उर्फ़ सौरभ शुक्ला के घर में 420 करोड़ रूपए का काला धन छुपा है तो अमय ताऊ जी कहलाने वाले सौरभ शुक्ला के यहां ‘रेड’ मारने की तैयारी करते हैं.
डिपार्टमेंट के कुछ लोगों के साथ अमय (अजय ) इस मिशन पर निकलते हैं. टीम में उनके साथ कुछ अफसरों के अलावा होते हैं लल्लन (अमित सायल ) जो कमज़ोर कड़ी का काम करते हैं लेकिन वक़्त रहते अमय की ईमानदारी के रंग में ढल जाते हैं. इस रेड के दौरान अमय को साम, दाम, दंड और भेद का भरपुर सामना करना पड़ता हैं यहां तक कि रामेश्वर सिंह ( सौरभ शुक्ला) उनके परिवार को नुकसान पहुंचाने तक भी अपनी ताक़त आज़माता है. सबसे लम्बी चलने वाली इस रेड की प्रक्रिया और इसका अंजाम क्या होता है. यह देखना दिलचस्प रहेगा.
क्यों देखें फिल्म
- पिंक’ और ‘एयरलिफ्ट’ जैसी फ़िल्में लिख चुके रितेश शाह ने 2 घंटे की इस फिल्म की कहानी पटकथा और डायलॉग्स लिखे हैं. जो हर मायने में तारीफ के काबिल हैं या यूं कहें कि इस फिल्म के डायलॉग्स इसकी एक बड़ी खासियत हैं. जैस, ''मैं बस ससुराल से शादी वाले दिन खाली हाथ लौटा हूं, वरना जिसके घर सुबह-सुबह पहुंचा हूं कुछ लेकर ही आया हूं.'' और ''इस घर में कोई सरकारी नौकर मच्छर मारने नहीं आ सकता, तू रेड मारने आया है.''
- 'आमिर' और 'नो वन किल्ड जेसिका' जैसी फिल्में बना चुके निर्देशक राज कुमार गुप्ता ने एक बार फिर साबित कर दिया कि रीयलिस्टिक फिल्मों को एंटरटेनिंग तरीके से दर्शाने का गुर उन्हें खूब आता है. फिल्म को अंत तक दिलचस्प और क्रिस्पी बनाये रखना एक अच्छे निर्देशक का सबसे ज़रूरी काम है जो साबित हुआ है.
- गंभीर और ईमानदार अफसर के रूप में अजय देवगन ने बेहतरीन अभिनय किया और इस तरह के सब्जेक्ट और शैलियों में अजय देवगन का कोई सानी नहीं है.
- बाहुबली रामेश्वर सिंह के किरदार में सौरभ शुक्ल, लल्लन के रोल में अमित सायल और बुज़ुर्ग अम्मा के किरदार में 85 साल की पुष्प जोशी जिनकी ये डेब्यू फिल्म है,'रेड' में अपनी छाप छोड़ी है और फिल्म के दौरान इनके कुछ कहने का इंतज़ार सबको रहेगा.
- अमित त्रिवेदी का म्यूजिक अच्छा है और फिल्म को कहीं से रोकती नहीं बल्कि हिस्सा लगता है.
- साहसी पत्नी के तौर पर इलियाना ने अच्छा काम किया है. फिल्म के गंभीर क्षणों के बाद इलियाना कुछ खूबसूरत पलों में नज़र आती हैं.
'रेड' में एंटरटेनमेंट नहीं है मगर सच कहें तोह कहीं वह खलती भी नहीं है.