स्किन टोन की वजह से Ulka Gupta को करना पड़ा स्ट्रगल, कई नौकरियां भी गंवाई, उबटन लगाने की सलाह देते थे लोग
Ulka Gupta: टीवी से अपने करियर की शुरुआत करने वाली उल्का को अपने स्कीन टोन की वजह से कई परेशानियों का सामना करना पड़ा. हाल ही में उन्होंने बताया कि कैसे लोग उन्हें उबटन लगाने की सलाह दिया करते थे.
Ulka Gupta: उल्का गुप्ता ने अपनी एक्टिंग के दम पर इंडस्ट्री में अपनी पहचान बनाई है. उन्होंने टीवी सीरियल 'झांसी की रानी' से इंडस्ट्री में एंट्री ली थी. इसके अलावा वो रोहित शेट्टी की फिल्म 'सिंबा' के लिए भी जानी जाती हैं. आखिरी बार वो टीवी शो 'बन्नी चाउ होम डिलीवरी' में नजर आई थीं. इस शो के बंद होने के बाद वो पर्दे से दूर हैं. फिलहाल वो अपनी एक्टिंग में और निखार ला रही हैं. इसी बीच एक्ट्रेस ने अपने कलर के चलते इंडस्ट्री में अपने स्ट्रगल को लेकर खुलासा किया.
रंग की वजह से गईं नौकरियां - उल्का
पिंकविला से हुई बातचीत में उल्का ने बताया, 'मैंने अपनी नौकरियां खो दीं, और सालों से सांवले स्कीन टोन वाले लोगों को गांव वालों की तरह देखते हैं और गोरे लोगों को उपर के तबके का मानते हैं. ये आम बात है, लेकिन मुझे ये अब भी समझ नहीं आया की ये सोच कहां से आई है. भले ही मैंने झांसी की रानी सीरियल किया है लेकिन मेरे स्कीन टोन की बदौलत मुझे अब भी अलग तरीके से देखा जाता है. मुझे नहीं पता की सांवली स्कीन टोन को सुंदरता के पैमाने पर खरा क्यों नहीं पाया जाता. मुझे मेरी स्कीन टोन पर बहुत गर्व है और इसके लिए मैंने एक गाना भी बनाया है कि मैं सावंली हूं. मुझे समाज ये न बताए कि मुझे उबटन लगाा चाहिए.'
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इंडस्ट्री में झेलना पड़ा रिजेक्शन
उल्का ने इसी बातचीत में आगे बताया, 'इसी तरह फिल्म इंडस्ट्री में भी मुझे लोगों और चैनलों द्वारा ठुकरा दिया गया. यहां तक कि जब मैं तेलुगू फिल्म करने गई, तो सिर्फ मेरी स्किन के रंग के आधार पर, उन्हें लगा कि भले ही मैं सुंदर हूं लेकिन मेरी स्कीन सांवली होने के कारण शायद मैं हीरोइन की तरह नहीं लगूंगी, लेकिन मैंने इन सब का मुकाबला किया. स्कीन टोन से हटके सोचने के लिए केवल अच्छे और क्रिएटिव दिमाग वाले लोगों की जरुरत होती है.
अगर डार्क स्कीन होने के बाद भी लड़की सुंदर है तो मैं उसका साथ देना चाहती हूं, क्योंकि हमारे पास इतने प्रकार के लोग हैं लेकिन ऑनस्क्रीन और बॉलीवुड में सिर्फ 2-3 तरह की सुंदरता ही है. मैं बिपाशा बसु, दीपिका पादुकोण, और प्रियंका चोपड़ा जैसे लोगों को धन्यवाद देती हूं जिन्होंने सांवली त्वचा की बात आने पर इस धारणा को तोड़ा है. फिर आप शरीर के बारे में बात करते हैं, जैसे सुडौल शरीर, और लंबी महिलाएं, मैं खुद को एक किसी भी लिमिट तक सीमित नहीं कर रही हूं, लेकिन निर्माताओं को ऐसी कहानियां चुननी होंगी जो सभी के लिए हों. मुझे लगता है कि ये तभी होगा जब दर्शक इसका समर्थन करना और इसके लिए सवाल करना शुरू करेंगे.'
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