अंडरवर्ल्ड और बॉलीवुड का नाता है कई दशकों पुराना, नई चर्चा के बीच फिर खुल रहीं हैं परतें
सत्ता के गलियारों में एक बार फिर अंडरवर्ल्ड के रिश्तों को लेकर बहस शुरू हो गई है. अंडरवल्र्ड का नाता सत्ता के अलावा बॉलीवुड से भी गहरा रहा है. बॉलीवुड में अंडरवर्ल्ड की एंट्री 60 के दशक में हो गई थी.
नई दिल्ली: अंडरवर्ल्ड का बॉलीवुड से नाता पुराना है. हाजी मस्तान और करीम लाला के नाम की चर्चाएं जोरों पर है. हाजी मस्तान जिसके बारे में कहा जाता है कि उसकी छवि गरीबों में मसीहा की तरह थी. बॉलीवुड में एक समय हाजी मस्तान का काफी दखल हुआ करता था. हाजी मस्तान, वरदराजन और करीम लाला की 60-70 के दशक मे मुंबई में तूती बोला करती थी.
करीम लाला फिल्म 'गंगूबाई काठियावाड़ी' को लेकर पहले सुर्खियों में थे. संजय लीला भंसाली गंगूबाई पर इस साल फिल्म लेकर आ रहे हैं. इस फिल्म का मोशन पोस्टर 15 जनवरी को रिलीज किया गया. इसमें मुख्य भूमिका आलिया भट्ट निभा रही हैं. गंगूबाई करीम लाला की गैंग का अहम हिस्सा थी, जिसके पास मुंबई के कमीठापुरा के सभी कोठों की जिम्मेदारी थी.
बॉलीवुड और अंडरवर्ल्ड का कनेक्शन कभी छिपा नहीं रहा है. 80 और 90 के दशक में मुंबई और इसके बंदरगाहों पर अंडरवल्र्ड की एक तरह से हुकूमत हुआ करती थी. मुंबई से अंडरवल्र्ड के सफाए का दौर सीरियल बम ब्लास्ट के बाद शुरू हुआ. इसके बाद डी कंपनी का सरगना दाऊद देश छोड़ने को मजबूर हो गया.
मुंबई के डॉन फिल्मी चकाचौंध से अपने आप को कभी दूर नहीं कर पाए. मुंबई से दुबई भागने वाले दाऊद के यहां होने वाली पार्टियों में बॉलीवुड हस्तियों के शिकरत करने की बातें भी किसी से अब छिपी नहीं हैं. बड़े से बड़ा कलाकार डॉन की इन महफिलों की रौनक बढ़ाते देखे जा चुके हैं. 90 के दशक में बनने वाली कई फिल्मों में अंडरवर्ल्ड का सीधा दखल रहा है. जब पुलिस को इस मामले में सुबुत मिले तो बड़ी कार्रवाई की गई. जिसके बाद पूरे बॉलीवुड में हलचल सी मच गई थी. अंडरवर्ल्ड का दखल सिर्फ फिल्मों में रुपये लगाने तक सीमित नहीं था, फिल्म की कास्टिंग से लेकर उसके गाने और संगीत तक में इनका सीधा हस्तक्षेप हुआ करता था. इसीलिए कई हीरो, संगीतकार, गायक अंडरवर्ल्ड संपर्क में रहते थे. यहां तक की फिल्म की कहानियों को लेकर भी कभी कभी निर्माता और निर्देशक राय लिया करते थे.
अंडरवर्ल्ड को समझने के लिए बॉलीवुड की कई फिल्म हैं जिन्हे देखकर उस दौर के अंडरवर्ल्ड के बारे में काफी हद जानकारी मिलती है. जैसे 'कब्जा', 'नाम', 'अग्निपथ', 'कंपनी', 'अब तक 56', 'सत्या', 'वन्स अपॉन ए टाईम इन मुंबई', 'हसीना पारकर', 'डी-के', 'वास्तव' कुछ ऐसी फिल्में है, जिन्हे देखकर अंडरवर्ल्ड और उस समय के हालातों के बारे में पता चलता है.