Mughal-E-Azam में अनारकली के किरदार के लिए Madhubala नहीं, ये थीं पहली पसंद; जानिए सच्चाई
Mughal-E-Azam Trivia: मुगल-ए-आजम को एक नायाब फिल्म माना जाता है. फिल्म में मधुबाला से पहले के. आसिफ नवाबी खानदान से ताल्लुक रखने वाली शहनाज को अनारकली बनाना चाहते थे.
Mughal-E-Azam Trivia: मुगल-ए-आजम को सिनेमा (Cinema) के इतिहास (History) की सबसे महंगी और कीमती फिल्मों (Films) में गिना जाता है. इस फिल्म के बारे में ये बात तक कही जाती है कि इस फिल्म को बस के. आसिफ (K Asif) ही बना सकते थे. मुगल-ए-आजम को बनाना किसी और निर्देशक (Director) के बस की बात ही नहीं थी. के. आसिफ को अनारकली के किरदार के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ी. अंत में मधुबाला (Madhubala) का नाम फाइनल हुआ. मधुबाला से पहले भी एक कलाकार ने अनारकली के रोल के लिए स्क्रीन टेस्ट दिया था. आइए जानते हैं उस कलाकार के बारे में.
अनारकली के रोल के लिए पहली पसंद
जब के. आसिफ ने मुगल-ए-आजम पर काम शुरू किया तो उन्हें फिल्म के लिए अनारकली की बहुत तलाश करनी पड़ी थी. नवाब परिवार में जन्मी थियेटर कलाकार शहनाज के. आसिफ की पहली पसंद थी. शहनाज की जिंदगी पर उनकी बेटी की लिखी किताब में इस बात का जिक्र किया गया है कि शहनाज ने अपने जेवर और भोपाली लिबास में अनारकली के किरदार के लिए के. आसिफ को स्क्रीन टेस्ट दिया था. शहनाज के नाम को के. आसिफ ने फाइनल भी कर दिया था.
क्यों नहीं बन पाई अनारकली?
शहनाज की बेटी सोफी ने अपनी मां पर लिखी किताब 'शहनाज़ ए ट्रैजिक ट्रू स्टोरी ऑफ़ रॉयल्टी, ग्लैमर एंड हार्टब्रेक' में इस बात का खुलासा किया कि जब शहनाज के भाई को इस बात का पता चला तो उन्होंने निर्देशक से उनकी तस्वीर लेकर फाड़ दी. उनके अनुसार एक नवाबी खानदान की बेटी होने के नाते वो फिल्म अभिनेत्री नहीं बन सकती थीं. इसके चलते शहनाज 'अनारकली' नहीं बन पाई.
शहनाज के बाद
इसके बाद नूतन (Nutan) और नर्गिस (Nargis) के नाम पर विचार हुआ लेकिन ये दोनों भी अनारकली का रोल में फिट नहीं बैठीं. आखिर में के. आसिफ (K. Asif) ने मधुबाला के नाम पर मुहर लगाकर फिल्म (Film) पर काम शुरू किया. आज अनारकली का नाम आते ही मधुबाला का चेहरा सामने आ जाता है.
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