नई दिल्ली: फिल्मों और टीवी की मशहूर अभिनेत्री रीमा लागू का 59 साल की उम्र में निधन हो गया है. बीती रात उन्हें हार्ट अटैक के बाद मुंबई में कोकिलाबेन अंबानी अस्पताल में एडमिट कराया गया था लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका. रीमा के दामाद विनय वैकुल ने बताया, 'उन्होंने सीने में दर्द की शिकायत की थी इसलिए हम उन्हें रात एक बजे अस्पताल लेकर गए. उनका सवा तीन बजे दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. वह एकदम स्वस्थ थीं और उन्हें स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी नहीं थी.. वह अब हमारे साथ नहीं है, यह हमारे लिए वास्तव में सदमा है.'



अस्पताल के कार्यकारी निदेशक राम नारायण ने PTI को बताया कि रीमा को सीने में दर्द की शिकायत के बाद कल देर रात अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उन्होंने कहा, 'हम उनके परिवार के साथ विचार-विमर्श करने के बाद दिन में उनके स्वास्थ्य संबंधी एक रिपोर्ट जारी करेंगे.'


बता दें कि उनके परिवार में बेटी मरूनमयी है और वह भी रंग मंच एवं फिल्मों में अभिनय करती हैं एवं रंगमंच निर्देशक हैं.



रीमा लागू का जन्म 1958 में मुंबई में हुआ था. इस अभिनेत्री ने अपना स्कूल पूरा करने के बाद ही मराठी थियेटर से एक्टिंग की शुरूआत की थी. रीमा ने हिंदी और मराठी फिल्मों में ज्यादातर सपोर्टिंग रोल किया. उन्हें कई फिल्मों में अभिनय के लिए सम्मान भी मिल चुका है. ये अभिनेत्री हाल के दिनों में टीवी सीरियलों में भी दिखाई देती थीं. 80 और 90 के दशक की फिल्मों में मां के रोल में वो काफी लोकप्रिय हुई थीं.



फिल्म 'कयामत से कयामत तक' (1988) फिल्म में रीमा ने अभिनेत्री जूही चावला की मां का किरदार निभाया था. इसके बाद 'मैंने प्यार किया' (1989) और 'साजन' में 1991 में सलमान खान की मां का रोल निभाया. ये फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही थीं. इसके बाद उन्होंने 'गुमराह' (1993) और 'जय किशन' जैसी ड्रामा और थ्रिलर फिल्में भी कीं. 'गुमराह' अपने समय की सपुरहिट फिल्म रही थी और ज्यादा कमाई के भी कई रिकॉर्ड्स इस फिल्म ने अपने नाम किए थे.


पारिवारिक फिल्मों में ये अभिनेत्री खूब पसंद कई गईं. 'हम आपके हैं कौन' (1994), 'ये दिल्लगी' (1994), 'दिलवाले' (1994), 'कुछ कुछ होता है' (1998) और 'कल हो ना हो' (2003) में इन्होंने यादगार भूमिकाएं निभाईं.



ज्यादातर तो इस अभिनेत्री ने मां की भूमिका की लेकिन इसके अलावा भी इन्होंने कई तरह के चुनौतीपूर्ण भूमिकाएं की. फिल्म 'आक्रोश' (1980) में इन्होंने डांसर की भूमिका की तो वहीं 'ये दिल्लगी' (1994) में इन्होंने एक बिजनेसवुमन की भूमिका निभाई.


इसके बाद रीमा ने 'वास्तव' फिल्म में डॉन संजय दत्त की मां की भूमिका की जिसमें वो अपने बेटे की हत्या कर देती हैं. 1997 में आई फिल्म 'रूई का बोझ' में उनकी परफॉर्मेंस को खूब पसंद किया गया. इस फिल्म में उनके साथ पंकज कपूर थे.



टीवी पर भी इस अभिनेत्री ने कई यादगार रोल निभाए हैं. डीडी नेशनल पर प्रसारित होने वाले सीरियल 'तू-तू, मैं-मैं' में इस अभिनेत्री को रोल को खूब पसंद किया गया था. इसके लिए इस अभिनेत्री को इस कॉमिक रोल के लिए पहला ndian Telly Awards भी मिला था.


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