दिग्गज बंगाली अभिनेत्री सुप्रिया देवी का निधन, राजकीय सम्मान के साथ दी गई अंतिम विदाई
पद्मश्री से सम्मानित सुप्रिया को पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘बंग विभूषण’ से भी नवाजा था. सुप्रिया की पहली फिल्म उत्तम कुमार स्टारर ‘बसु परिवार’ थी.
कोलकाता: जानीमानी बंगाली फिल्म अभिनेत्री सुप्रिया देवी का आज दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. वह 85 साल की थीं और उनके परिवार में उनकी एक बेटी है. पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया. निर्देशक ऋत्विक घटक की फिल्म ‘मेघे ढाका तारा’ में नीता का किरदार अदा करने के बाद सुप्रिया चर्चा में आई थीं. साल 1933 में पैदा हुईं सुप्रिया का अभिनय करियर करीब 50 साल का रहा, इस दौरान उन्होंने ‘चौरंगी’ और ‘बाग बांदी खेला’ जैसी सुपरहिट फिल्मों में काम किया.
पद्मश्री से सम्मानित सुप्रिया को पश्चिम बंगाल सरकार ने राज्य के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘बंग विभूषण’ से भी नवाजा था. सुप्रिया की पहली फिल्म उत्तम कुमार स्टारर ‘बसु परिवार’ थी. ये 1952 में रिलीज हुई थी. उनके निधन पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरी नाथ त्रिपाठी ने गहरा दुख जताया है. उन्होंने कहा कि मशहूर बंगाली अभिनेत्री को 50 सालों से ज्यादा समय तक सिनेमा के क्षेत्र में योगदान देने के लिए हमेशा याद किया जायेगा.
बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट किया, ‘‘बंगाल की दिग्गज अभिनेत्री सुप्रिया चौधरी (देवी) के निधन से दुखी हूं. हम उनकी फिल्मों के जरिए उन्हें याद करेंगे. उनके परिजन और फैंस के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं.’’ बंगाली फिल्म अभिनेता सौमित्र चटर्जी ने सुप्रिया के साथ अपने लंबे जुड़ाव को याद किया. दोंनो ने ‘जोड़ी जंतेम’ समेत कई फिल्मों में साथ काम किया था.
Very saddened at the passing of legendary actress of Bengal, Supriya Chowdhury (Debi) . We will fondly remember her through her films. Condolences to her family and fans
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) January 26, 2018
मशहूर अभिनेत्री सावित्री चट्टोपाध्याय ने कहा, ‘‘मैं इस खबर पर यकीन नहीं कर पा रही. हम फोन पर अक्सर बातें करते थे.’’ उनके शव को शहर के सांस्कृतिक केंद्र रबिंद्र सदन में रखा गया जहां लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके बाद फूलों से सजे वाहन से उनके शव को कीओराताला शवदाह गृह ले जाया गया. करीब पांच किलोमीटर लंबी इस दूरी को ममता ने शव यात्रा के साथ पैदल तय किया. पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया.