हमेशा हंसाने वाले जगदीप रुलाकर चले गए, 81 साल की उम्र में दुनिया को कहा अलविदा
जगदीप को दक्षिण मुम्बई के मझगांव इलाके के सिया क्रबिस्तान में सुबह 11 से 12.00 बजे के बीच सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा.
नई दिल्ली: फिल्म 'शोले' में 'सूरमा भोपाली' का किरदार निभाकर लोगों के दिलों में सालों साल के लिए अपने अभिनय की छाप छोड़ने वाले दिग्गज अभिनेता जगदीप अब इस दुनिया में नहीं रहे. बुधवार की रात जिस वक्त घड़ी में 8 बजकर 40 मिनट का वक्त हुआ, उसी लम्हें में लाखों लोगों के चेहरे पर अपनी कलाकारी से मुस्कान बिखेरने वाले जगदीप सभी को रुलाकर इस दुनिया को हमेशा के लिए अलविदा कह गए. वो कैंसर और उम्र संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे. उनके निधन की खबर से उनके लाखों चाहने वाले गमज़दा हो गए, परिवार सदमे में हैं, जबकि फिल्मी दुनिया के लोगों को यकीन ही नहीं हो रहा कि उनका सूरमा भोपाली अब नहीं रहा.
जगदीप का जन्म ब्रिटिश इंडिया के दतिया सेंट्रल प्रोविंस में (अब मध्य प्रदेश) 29 मार्च 1939 को हुआ था. उनका असली नाम सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी था. उनके पिता का नाम सैयद यावर हुसैन जाफरी था और मां का नाम कनीज़ हैदर. बचपन में ही जगदीप के सिर से पिता का साया उठ गया. पिता के निधन और 1947 में देश के बंटवारे के बाद परिवार में पैसों की तंगी आने लगी. यही वजह थी कि उनकी मां परिवार के साथ मुंबई आ गईं.
सड़कों पर बेचने लगे थे सामान मुंबई में जगदीप की मां कनीज़ हैदर घर चलाने के लिए एक अनाथालय में खाना बनाने का काम करने लगीं. बच्चे को स्कूल भेजने के लिए मां ने पाई पाई बचाना शुरू किया. लेकिन मां को इतनी मेहनत करता देख जगदीप ने स्कूल छोड़ने का फैसला कर लिया. और सड़कों पर सामान बेचने लगे.
बाद में उन्हें फिल्म में काम मिला. रिपोर्ट्स के मुताबिक जगदीप को उनकी पहली फिल्म के लिए तीन रुपये मेहनताना के तौर पर मिले थे. ये फिल्म थी साल 1951 में आई फिल्म 'अफसाना'. इसमें वो चाइल्ड आर्टिस्ट थे. खास बात ये है कि एक कॉमेडियन के तौर पर हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपनी अलग पहचान बनाने वाले जगदीप ने अपने करियर में करीब 400 फिल्मों में काम किया.
जगदीप ने कई फिल्मों में काम किया, लेकिन साल 1994 में आई 'अंदाज़ अपना अपना', 1975 में आई 'शोले' और 1972 में आई 'अपना देश' में उनके अभिनय को काफी सराहा गया. दिलचस्प तो ये है कि 'शोले' फिल्म के जिस रोल ने जगदीप को सबका पसंदीदा कॉमेडियन बनाया उस रोल को वो पहले करना ही नहीं चाहते थे. लेकिन आज जब वो नहीं हैं, तो हर किसी के ज़ेहन में सबसे पहले उनका 'सूरमा भोपाली' का मज़ेदार किरदार ही आ रहा है.
जगदीप ने बचपने से ही अभिनय की शुरुआत कर दी थी. करीब 12 साल की उम्र में उन्होंने साल 1951 में आई फिल्म 'अफसाना' से अपने अभिनय का सफर शुरू किया. हालांकि एक कॉमेडियन के तौर पर उन्होंने साल 1954 में आई फिल्म 'दो बीघा' ज़मीन में काम किया, जबकि 1957 में आई फिल्म 'भाभी' में उन्होंने लीड किरदार अदा किया.
जगदीप के बेटे हैं जावेद जाफरी जगदीप के कई फैंस शायद ही ये बात जानते हों कि मशहूर अभिनेता जावेद जाफरी उन्हीं के बेटे हैं. जगदीप ने तीन शादियां की थीं. उन्होंने नसीम बेगमम, सुगरा बेगम और नज़ीमा से शादी रचाई. जगदीप के तीन बेटे हैं, हुसैन जाफरी, जावेद जाफरी और नावेद जाफरी. उनकी तीन बेटियां भी हैं, शकीरा शफी, सुरैया जाफरी और मुस्कान.
जगदीप को दक्षिण मुम्बई के मझगांव इलाके के सिया क्रबिस्तान में सुबह 11 से 12.00 बजे के बीच सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा.