Vicky Kaushal Mobbed Incident: विक्की कौशल बॉलीवुड के मोस्ट टैलेंटेड और वर्सेटाइल एक्टर्स में से एक हैं. फिलहाल विक्की अपनी हालिया रिलीज़ फिल्म ‘बैड न्यूज़’ की सक्सेस को एंजॉय कर रहे हैं. इस फिल्म में वे तृप्ति डिमरी और एमी विर्क संग स्क्रीन शेयर करते नजर आ रहे हैं. विक्की ने शोबिज में अपना सफर 2012 की फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ में बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर के रूप में शुरू किया था. इस फिल्म के दौरान विक्की कौशल एक मुसीबत में फंस गए थे और वे पिटते-पिटते बचे थे. एक्टर ने खुद इस हैरान कर देने वाले किस्से को सुनाया था.  


रेत माफियाओं से घिर गए थे विक्की कौशल
तन्मय भट्ट के यूट्यूब चैनल पर एक इंटरव्यू के दौरान, विक्की कौशल ने उन दिनों को याद किया जब वह फिल्म गैंग्स ऑफ वासेपुर पर काम कर रहे थे. उन्होंने इस दौरान का एक हैरान कर देने वाला किस्सा भी सुनाया. एक्टर ने बताया, “फिल्म में जो कोयला तस्करी दिखाई गई थी वह रियल थी. हमने इसे शूट किया. एक घटना तब घटी जब हम अवैध रेत खनन के सीन को कैप्चर करने गए थे. मैं हैरान था क्योंकि पहली बार मुझे एहसास हुआ कि यह सब इतना खुलेआम होता है कि आपको लगेगा ही नहीं कि यह रियल तस्करी हो रही है. आपको लगेगा कि यह ठीक से चलने वाला बिजनेस है क्योंकि वहां सिर्फ दो ट्रक नहीं खड़े थे, 500 ट्रक खड़े थे.'




पिटते-पिटते बचे थे विक्की कौशल
उसी बातचीत में विक्की ने बताया कि उस दौरान हालत ऐसी हो गई थी कि अवैध रेत खनन के सीन को फिल्म में इस्तेमाल करने के दौरान उन्हें भीड़ द्वारा पीटे जाने की नौबत आ गई थी. विक्की ने कहा, “हम उन्हें सीक्रेटली शूट कर रहे थे और कुछ लोग आ गए. हमारे आसपास 500 लोग थे. तो, कैमरा अटेंडेंट एक बुजुर्ग आदमी था, लगभग 50 से ज्यादा की उनकी उम्र होगी. उस आदमी ने यूनिट को फोन करके कहा कि कैमरा समय पर नहीं आएगा क्योंकि हम यहां एक सिचुएशन में फंस गए हैं. फोन पर उसकी बातें सुनकर वहां मौजूद व्यक्ति को लगा कि वह किसी प्रभावशाली व्यक्ति को फोन कर रहा है. उस आदमी ने कैमरामैन को थप्पड़ मारा, उससे कैमरा छीन लिया और हमें धमकी दी कि वे कैमरा तोड़ देंगे. हम दोनों की पिटाई होने वाली थी, लेकिन हम किसी तरह बच निकले.”


गिरफ्तार होते-होते बचे थे विक्की कौशल
विक्की ने यह भी खुलासा किया कि बनारस शहर के रेलवे स्टेशन पर शूटिंग के दौरान वे लगभग गिरफ्तार होते-होते बचे थे. एक्टर ने बताय़ा, “हमारे पास एक वैन में एक कैमरा था और हम बनारस स्टेशन पर शूटिंग कर रहे थे. शॉट ये था कि नवाजुद्दीन सिद्दीकी स्टेशन से बाहर आएंगे, साइकिल रिक्शा में बैठेंगे और निकल जाएंगे. हालाँकि हम एक छिपे हुए कैमरे से शूटिंग कर रहे थे, लेकिन फिर भी हमने प्रॉपर सिंगल शॉट की डिमांड की. जब हम उस सीन की शूटिंग कर रहे थे तो हमने देखा कि दो कांस्टेबल कैमरे की ओर देख रहे थे और उसकी ओर इशारा करते हुए पूछ रहे थे, 'तुम कौन हो?' उस समय, मैंने ड्राइवर से वैन चलाने और स्टेशन से भागने के लिए कहा क्योंकि पुलिस ने हमें देख लिया था.. इस तरह गैंग्स ऑफ वासेपुर बनाई गई.''


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